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सेंधवा विधायक ने जिला प्रशासन पर लगाए गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप, आदिवासी समाज के साथ अन्याय का मुद्दा उठाया, जयस करेगा बड़ा आंदोलन

सेंधवा।  सेंधवा विधायक श्री मोंटू ने बड़वानी जिला प्रशासन पर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें से एक वायरल ऑडियो ने सनसनी फैला दी है। विधायक ने आरोप लगाया कि इन ऑडियो में कथित तौर पर जिला पंचायत सीईओ द्वारा सचिवों से 10-10 लाख रुपये की मांग की गई, जिसे जनपद पंचायत पाटी ने आगे बढ़ाया। इस मामले में 40 लाख रुपये की बात होने और 3-3 लाख रुपये लिए जाने की जानकारी सामने आई है।

विधायक ने सवाल उठाया कि यदि भ्रष्टाचार हुआ तो पैसे क्यों लिए गए, और यदि पैसे लिए गए तो एफआईआर क्यों दर्ज की गई? उन्होंने इसे प्रशासन की दोहरी नीति करार दिया, जहां भ्रष्टाचार को दबाने और श्रेय लेने की कोशिश की जा रही है। बता दे कि जिला सीईओ काजल जावला द्वारा मीडिया से चर्चा में उन पर लगे राशि मांगने के आरोपों को गलत बताया था।

जिन्होंने 10-10 लाख मांगे पर उन एफआईआर करो-
विधायक ने कहा कि जयस (जय आदिवासी युवा शक्ति) कार्यकर्ताओं पर दर्ज एफआईआर का भी विरोध किया, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि कार्यकर्ताओं ने भ्रष्टाचार उजागर करने में गलती की, तो उन्हें सजा दी जाए, लेकिन जिन अधिकारियों ने 40 लाख रुपये की मांग की, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि सेंधवा विधानसभा के मुहाला पंचायत में तहसीलदार और अनुविभागीय अधिकारी की जांच प्रतिवेदन में 13/10/2023 को 71 लाख रुपये की रिकवरी का प्रतिवेदन तैयार हुआ, लेकिन ढाई साल से इसकी लड़ाई लड़ते हो गए हैं इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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जयस कार्यकर्ताओं पर एफआईआर का विरोध-
विधायक सोलंकी ने ने प्रशासन पर आदिवासी समाज को प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जयस कार्यकर्ताओं ने दो बार आंदोलन की सूचना दी थी, लेकिन पुलिस और प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की। उन्होंने सवाल उठाया कि जब दूसरा रोड उपलब्ध था, तो रोड अवरुद्ध करने का बहाना बनाकर कार्यकर्ताओं पर कार्रवाई क्यों की गई? उन्होंने पुलिस प्रशासन पर भी निशाना साधा, जिसमें एक थाना प्रभारी पर शराब रहा है उनके ऊपर क्यों नहीं एफआईआर दर्ज कर रहे हैं। विधायक ने चेतावनी दी कि आदिवासी युवा अब जागरूक हो चुके हैं और सड़क से लेकर संसद तक अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम हैं। उन्होंने प्रशासन से भ्रष्टाचार के मामलों का जल्द खुलासा करने और आदिवासी कार्यकर्ताओं को परेशान करना बंद करने की मांग की। उन्होंने कहा, “मैं हाथ जोड़कर निवेदन करता हूं, अगली बार आप आपकी तैयारी कर लेना हम पूरी तैयारी के साथ भ्रष्टाचार उजागर करेंगे और मजबूती से लड़ेंगे। प्रशासन हमारे कार्यकर्ताओं पर कार्यवाही करना बंद करे । अन्यथा बड़ा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।

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