सेंधवा। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस पर विद्यार्थियों ने लिया राष्ट्र की एकता और अखंडता बनाए रखने का संकल्प
खाज्या नायक महाविद्यालय में राष्ट्रीय एकता दिवस पर सरदार पटेल के योगदान पर विशेष व्याख्यान

सेंधवा। वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) और स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय एकता दिवस एवं मध्य प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।
राष्ट्रीय सेवा योजना प्रभारी डॉ. सायसिंग अवास्या ने बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य देश के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के जीवन और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान पर प्रकाश डालना था। उन्होंने योजनाबद्ध तरीके से देश की 565 रियासतों और रजवाड़ों को एक सूत्र में पिरोकर आधुनिक भारत की नींव रखी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. जितेश्वर खरते ने सरदार पटेल के जीवनवृत्त, उनके संघर्षों और एकीकरण की प्रक्रिया से विद्यार्थियों को अवगत कराया। उन्होंने हैदराबाद के निजाम और जूनागढ़ राज्य से संबंधित घटनाओं का विस्तार से उल्लेख करते हुए बताया कि किस तरह सरदार पटेल ने दृढ़ संकल्प और रणनीतिक दृष्टिकोण से राष्ट्र को एकजुट किया।

प्रो. दीपक मरमट करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ प्रभारी, ने कहा कि सरदार पटेल ने तनावपूर्ण परिस्थितियों को अपने विवेक और धैर्य से नियंत्रित किया, इसीलिए उन्हें ‘लौह पुरुष’ की उपाधि से नवाज़ा गया। उन्होंने बताया कि रियासतों के एकीकरण के बाद भारत को प्रशासनिक रूप से राज्यों में विभाजित किया गया और इसी क्रम में 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश का गठन हुआ।
प्रो. वीरेंद्र मुवेल ने विद्यार्थियों को मध्य प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक संसाधनों की जानकारी दी। कार्यक्रम के समापन पर प्राचार्य डॉ. जी. एस. वास्कले ने राष्ट्रीय एकता दिवस एवं स्थापना दिवस पर सभी को प्रेरणात्मक संदेश देते हुए राष्ट्र की प्रगति में युवाओं की भूमिका पर बल दिया।
इस अवसर पर प्रो. राजेश नावडे, प्रो. परम सिंह बरडे, शिक्षकीय स्टाफ और बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में सभी ने राष्ट्र की एकता, अखंडता और सद्भाव बनाए रखने की शपथ ली



