
सेंधवा। भोपाल में हिंदी दिवस के अवसर पर मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित वार्षिक साहित्यिक महाकुंभ में इस वर्ष सेन्धवा काव्य मंच के संयोजक और नगर के वरिष्ठ साहित्यकार विशाल त्रिवेदी को विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में आमंत्रण मिला।
यह आयोजन 14 और 15 सितंबर को हुआ, जिसमें विशाल त्रिवेदी ने अपने सशक्त काव्य पाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया। नगर के लिए यह गर्व की बात है कि निमाड़ के छोटे से कस्बे से भोपाल तक साहित्यिक मंच पर अपना स्थान बनाने वाले वे पहले विद्वान बने।
व्यावसायिक रूप से अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े विशाल त्रिवेदी पिछले 30 वर्षों से साहित्य साधना में सक्रिय हैं। अपने अध्यापन काल से ही साहित्य के प्रति गहरी रुचि रखने वाले त्रिवेदी ने विभिन्न समाचार पत्रों, ‘कादंबिनी’ और ‘हंस’ जैसी प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में निरंतर लेखन किया। उनकी कविताओं का प्रसारण आकाशवाणी इंदौर से भी हो चुका है।
सेंधवा महाविद्यालय की वार्षिक स्मारिका में संपादक के रूप में योगदान देने के साथ-साथ उज्जैन में कालिदास अकादमी की साप्ताहिक संगोष्ठियों में वे नियमित काव्य पाठ करते रहे। वर्ष 1999 में उनका काव्य संग्रह ‘संवेदना’ प्रकाशित हुआ, जबकि उसी वर्ष ‘माता है दाता भी’ शीर्षक से माता बड़ी बिजासन की महिमा पर आधारित भजनों का संग्रह भी प्रकाशित हुआ। विद्यार्थियों के लिए नुक्कड़ नाटक और बाल गीतों का सृजन करने के साथ वर्तमान में वे गीत, कविताओं और गजलों की रचना में भी सक्रिय हैं।
उनकी इस उपलब्धि पर काव्य मंच के संरक्षक प्रो. सी.जी. खले, प्रो. के.आर. शर्मा, मनोज मराठे, पवन शर्मा, वाहिद कुरेशी, प्रो. महेश बाविस्कर, प्रेम सिंह राजपूत, मुकेश पाटीदार, मनोज गुप्ता, विट्ठल चौधरी, मुकेश मोरे और अन्य साहित्यकारों ने शुभकामनाएं दीं और गर्व व्यक्त किया।