सेंधवा में मक्का मूल्य विवाद, किसानों का 6 घंटे का प्रदर्शन, एसडीएम के आश्वासन पर खत्म हुआ धरना
मक्का के घटे दाम पर किसानों ने सेंधवा कृषि उपज मंडी में नीलामी रोककर किया प्रदर्शन, शाम को किला गेट पर लगाया जाम

सेंधवा। रमन बोरखड़े। सेंधवा मंडी में शुक्रवार को मक्का के कम दाम मिलने से नाराज किसानों ने छह घंटे तक नीलामी रोककर प्रदर्शन किया। कलेक्टर के नहीं पहुंचने पर किसानों ने स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। बाद में एसडीएम के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ।
कम दाम से नाराज किसानों ने रोकी नीलामी
शुक्रवार को सेंधवा कृषि उपज मंडी में मक्का के कम दाम मिलने से सैकड़ों किसानों ने दोपहर 12 बजे से शाम 6 बजे तक धरना प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप था कि मंडी कर्मचारियों और व्यापारियों की मिलीभगत से उपज का सही दाम नहीं मिल रहा। वे मौके पर कलेक्टर को बुलाने की मांग पर अड़े रहे, लेकिन कलेक्टर नहीं पहुंचीं। अंततः एसडीएम के आश्वासन पर धरना समाप्त हुआ।
हाईवे पर जाम और किसानों की मांगें
धरने के अंतिम घंटे में किसान किला गेट चौराहे पर पहुंचे और सेंधवा–खेतिया स्टेट हाईवे पर जाम लगा दिया। किसान कांग्रेस जिला अध्यक्ष सिलदार सोलंकी ने बताया कि एसडीएम ने भरोसा दिया है कि मंडी में आज आए सभी वाहनों की नीलामी आज ही होगी। साथ ही शनिवार से मंडी की नीलामी व्यवस्था सुधारी जाएगी और मक्का की नमी जांच के लिए मॉइश्चर मशीन का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा।
किसानों ने उठाए भावांतर योजना पर सवाल
सोलंकी ने बताया कि सेंधवा विधानसभा क्षेत्र में 2200 से अधिक किसान भावांतर योजना में पंजीकृत हैं। उन्होंने कहा कि 2017 में शुरू हुई इस योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पाया था। वर्तमान नियमों पर भी आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा कि सोयाबीन की खरीदी 4600 रुपए प्रति क्विंटल से ऊपर होने पर ही लाभ देने का नियम अनुचित है। किसानों ने ज्ञापन में सीसीआई की कपास खरीदी शुरू करने, सोयाबीन का भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल करने और बारिश से खराब फसलों का सर्वे कर राहत राशि देने की मांग रखी।