सेंधवा में गरुड़ क्षेप मशाल यात्रा का भव्य स्वागत, शिवाजी महाराज की वीरता का स्मरण
आगरा से शुरू हुई यह यात्रा 27 अगस्त को रायगढ़ किले पहुंचेगी, शिवाजी महाराज की वीरता और बुद्धिमत्ता का संदेश लेकर।

सेंधवा; रमन बोरखड़े। सेंधवा में 23 अगस्त को गरुड़ क्षेप मशाल यात्रा का आगमन हुआ। यह यात्रा 17 अगस्त को आगरा से शुरू होकर 27 अगस्त 2025 को रायगढ़ किले पर पहुंचेगी। 1310 किलोमीटर की इस ऐतिहासिक यात्रा का उद्देश्य छत्रपति शिवाजी महाराज की वीरता, चतुराई और औरंगजेब की कारागार से उनके अद्भुत मुक्त होने की घटना को जन-जन तक पहुंचाना है।
यात्रा का ऐतिहासिक महत्व
सेंधवा। प्रतिवर्ष अनुसार 23 अगस्त को मां बिजासन की पावन नगरी सेंधवा में गरुड़ क्षेप मशाल यात्रा का आगमन हुआ। यह यात्रा 17 अगस्त को आगरा से प्रारंभ हुई थी और 27 अगस्त को रायगढ़, महाराष्ट्र के किले पर पहुंचेगी। 1310 किलोमीटर लंबी इस यात्रा का उद्देश्य 17 अगस्त 1666 को छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा औरंगजेब की कारागार से चतुराई और साहस के साथ मुक्त होने की घटना को स्मरण कराना है।
महाराष्ट्र सरकार के निर्णय का स्वागत
इस अवसर पर मराठा सेवा संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष मनोज मराठे ने कहा कि रायगढ़ को लेकर सरकार का निर्णय गौरव का क्षण है। उन्होंने बताया कि हिंदवी स्वराज्य की पहली राजधानी रहे राजगढ़ किले के पायथ्य स्थित वेल्हे तहसील का नाम बदलकर ‘राजगढ़ तहसील’ कर दिया गया है। यह निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ संभाजी शिंदे और अजित पवार की मंजूरी के बाद आधिकारिक राजपत्र में दर्ज किया गया।
सेंधवा में हुआ स्वागत-सत्कार
मशाल यात्रा सेंधवा पहुंचने से पूर्व इसके 70 यात्रियों के लिए गायत्री धाम में भोजन प्रसाद की व्यवस्था की गई। इसके बाद यात्रा को नारायणदास हॉस्पिटल से होते हुए ग्रामीण पुलिस थाना और महालक्ष्मी मंदिर के पास माहेश्वरी समाज एवं महिला मंडल द्वारा भव्य स्वागत किया गया। किले गेट पर कहार समाज ने मंच सजाकर माल्यार्पण कर यात्रा का स्वागत किया। यहां समाज प्रमुख संतोष वर्मा और प्रिंस वर्मा के साथ बड़ी संख्या में सदस्य मौजूद रहे।
यात्रा को विदाई दी
यात्रा किले गेट से भवानी चौक पहुंची, जहां छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इसके बाद बुलढाणा बैंक के पास विश्राम हुआ, जहां बैंक मैनेजर संदीप रावत ने यात्रियों के लिए नाश्ता-चाय की व्यवस्था की। यहां से यात्रा महिला मंडल के सहयोग से कॉलेज तक पहुंची और फिर पाटिल समाज के युवाओं ने पीपलधार हाईवे तक यात्रा को विदाई दी।
आयोजन में प्रमुख लोगों की भूमिका
यात्रा प्रमुख मारुति आबा गोले, मनमाड-इंदौर रेल संघर्ष समिति प्रमुख मनोज मराठे, सेंधवा पाटिल समाज अध्यक्ष संजू पाटिल, कहार समाज प्रमुख संतोष वर्मा, माहेश्वरी समाज प्रमुख दिलीप झवर, ब्राह्मण समाज महिला मंडल सदस्य अंतिमबाला शर्मा, नीलिमा पवार, ज्योति विजय पाटिल, दीपा जोशी, कुनबी पाटिल समाज के जिला अध्यक्ष विजय पाटिल, रतिलाल पाटिल, विजय विकास पाटिल, विजय पाटिल तथा सेंधवा ग्रामीण और शहर पुलिस का सहयोग सराहनीय रहा।
एक नजर
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गरुड़ क्षेप मशाल यात्रा 17 अगस्त को आगरा से शुरू हुई।
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27 अगस्त को रायगढ़ किले पर होगी यात्रा का समापन।
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शिवाजी महाराज की वीरता और चतुराई का संदेश प्रसारित किया गया।
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महाराष्ट्र सरकार ने वेल्हे तहसील का नाम बदलकर ‘राजगढ़ तहसील’ किया।
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सेंधवा में यात्रा का भव्य स्वागत किया।