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सेंधवा: अग्रवाल कॉलोनी में पारंपरिक रीति से संपन्न हुई गोवर्धन पूजा, दीप प्रज्वलन और आतिशबाजी से महका वातावरण

अग्रवाल कॉलोनी में सायं 7 बजे शुरू हुआ पूजा अनुष्ठान, गाय के बछड़े की पूजा कर गोवर्धन को खंडाया गया

सेंधवा की अग्रवाल कॉलोनी में दीपावली के अगले दिन पारंपरिक विधि-विधान से गोवर्धन पूजा संपन्न हुई। गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन और कृष्ण की आकृति बनाई गई तथा मीठे पकवानों से भोग लगाकर परिक्रमा की गई। गौपूजन के साथ वातावरण भक्तिभाव और उल्लास से भर गया।


पारंपरिक श्रद्धा और उत्साह के साथ हुआ गोवर्धन पूजन

सेंधवा। दीपावली के अगले दिन बुधवार को अग्रवाल कॉलोनी में गोवर्धन पूजा का आयोजन धार्मिक उत्साह के साथ किया गया। गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन और कृष्ण की आकृति बनाकर पारंपरिक विधि से पूजा की गई। मीठे पकवानों से भोग लगाया गया तथा गाय के बछड़े की पूजा कर गोवर्धन को खंडाया गया।

        अग्रवाल कॉलोनी के सुनील अग्रवाल ने बताया कि शाम 7 बजे गोवर्धन पूजा प्रारंभ की गई। गाय के गोबर से निर्मित भगवान गोवर्धन की पूजा कर दीप प्रज्वलित किए गए। पति-पत्नी ने जोड़े से प्रतिमा की सात परिक्रमा की और आतिशबाजी कर पर्व का समापन किया। बछड़े को तिलक लगाकर पूजा की गई तथा उसके चरणों से भगवान गोवर्धन को खंडाया गया।

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गौ पूजा का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

सुनील अग्रवाल ने बताया कि सनातन परंपरा के अनुसार दीपावली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है, जिसे अन्नकूट पर्व के नाम से भी जाना जाता है। यह पर्व प्रकृति और मानव के गहरे संबंध का प्रतीक है। इस दिन गोधन अर्थात गायों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में गाय को देवी लक्ष्मी का स्वरूप माना गया है। गाय दूध के रूप में स्वास्थ्य देती है, वहीं उसका बछड़ा खेतों में अन्न उपजाता है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा इसी श्रद्धा के साथ मनाई जाती है

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