
जब हम चिलचिलाती गर्मी धूप और प्रदूषण से बेहताशा हो रहे हो और यह सोच रहे हों कि बस थोड़ी सी ही सही थोड़े देर के लिए ही सही किसी पेड़ के नीच छांव मिल जाए तो दिल दिमाग को चैन मिल जाए। जब हम प्यास से त्रस्त हो रहे होते है तो सोचते है काश बस थोड़ा सा पानी मिल जाए, जब बड़ी बड़ी प्राक्रतिक आपदाएं आती है तो हम सोचते है बस बहुत हुआ ये आपदा खत्म हो जाए। ऐसे ही भयावह मंजर हम हर गर्मी के पूरे मौसम में साल दर साल बढ़ती गर्मी का सामना कर रहे है। अब ये कल्पना कीजिए जब आप एक पौधे को पानी दे रहे हो और पानी देते हुए उस बेजुबान पौधे को कितना आराम, ठंठक, भोजन प्राप्त करने और हम शुद्ध आक्सीजन देने की शक्ति और सामर्थ्य उस नन्हे पौधे को मिल रहा है जो भविष्य में वृक्ष का रूप धारण करके हम छाया भी देगा। एक पौधे को पानी देने से कितने फायदे हैं यह हमें स्पष्ट समझ में भी आता है,हम उसके जीवंत उदाहरण है कि हमारा पूरा जीवन पूर्णतया पेड़,पौधे और पानी पर निर्भर है जितने पौधे हम लगाएंगे कि वह पौधे उतने ही बड़े होकर बदले में हमें ऑक्सीजन देंगे और वाष्प बनकर झमाझम बारिश के रूप में हमारे जीवन को तरोताजा और हराभरा कर देंगे। मैं यहां आपको बहुत बड़ी और न मुमकिन होने वाले तथ्य से संचारित नहीं कर रही हु बल्कि यह आप सब समझते जानते है, लेकिन महसूस करके यह उत्तम कार्य करने का समय नहीं निकाल पा रहे है। यह सब तब संभव है जब हम अपने व्यस्ततम समय में से 15 से 20 मिनट का समय निकलकर पौधों को पानी देकर, नियमित पौधारोपण करके प्रकृति की सेवा कर सकते है। इस जिम्मेदारी में अपने बच्चों को भी शामिल करिए ताकि वह भी प्रकृति से जुड़े और इस मुहिम को महसूस करके इसे आगे बढ़ाए। ऐसा नहीं है कि जनता इस कार्य को कर नहीं रही,जनसंख्या में तो वृद्धि है किन्तु बस इस पुनीत कार्य को करने वालो की संख्या कम होती जा रही है।
प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और मानव जीवनशैली के लिए इनके गलत उपयोग से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। दूषित पर्यावरण उन घटकों को प्रभावित करता है,।
पीपल का पेड़ सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन रिलीज करता है यह 24 घंटे में से 22 घंटे ऑक्सीजन देता है। इसके अलावा नीम, तुलसी ,बरगद, शमी भी अधिक मात्रा में ऑक्सीजन रिलीज करते हैं। पेड़ पौधे हवा को शुद्ध करने के साथ-साथ मानव जीव जंतु के स्वास्थ्य को भी स्वस्थ रखते हैं। पेड़ पौधे न सिर्फ घर बगीचे को खूबसूरत रखते ही हैं बल्कि वातावरण को भी खुशनुमा शुद्ध और शांत बनाते हैं। किन्तु बढ़ते प्रदूषण और तेजी से कैट पेड़ों के कारण तापमान अत्यधिक गर्म होता जा रहा है जिसके प्रकोप से लोगों का जीवन बेहाल हो रहा है हवा में घुलता जहर संपूर्ण वातावरण को दूषित तो कर ही रहा है इसके अलावा मानव जाति को भी बीमार कर रहा है। इस प्रदूषण से बचने और मानव जीवन को बचाने के लिए वृक्ष सबसे अधिक कारगार जीवादायिक है। इसके लिए जितनी अधिक मात्रा में सड़कों के किनारे घने और चौड़ी पत्तियों वाले पेड़ पौधे लगाए जाएंगे वह उतने ही ज्यादा प्रदूषण को रोकने और सोखने में मददगार साबित होते हैं, साथ ही बगीचे में सौंदर्यकरण के साथ साथ यदि छोटे-छोटे जंगलनुमा बगीचे विकसित किए जाए।
एक बात और है कि पौधे स्वास्थ्यवर्धक और सेहतमंद आवश्यक पौधे लगाए जाए और वो भी ऐसे स्थानों पर जहां जरूरत है और पौधों का संरक्षण के साथ नियमित उनके उचित देखभाल कर सके। यदि हम कुछ दशक पूर्व की बात करें तो यह है वातावरण था कि चौराहा, स्थानों के नाम पेड़ पौधों पर हुआ करते थे क्योंकि इतने उम्रदराज और अधिक मात्रा में वृहद वृक्ष होते थे कि लोग उनका उपयोग बैठक,चौपाल आदि में तो करते ही थे उसके अतिरिक्त उनके नाम पर भी सड़कों, चौराहों के नाम रख दिया करते थे,जैसे तीन इमली नौलखा, इमली बाजार। तेजगति से सीमेंटकरण और आधुनिकता के चलते गाड़ियों और ac जैसी आधुनिकीरण के उपकरण हर घर में मात्राएं बढ़ती जा रही है उतना ही ऑक्सीजन लेवल कम होता जा रहा है और तापमान बढ़ता जा रहा है। हालांकि पेड़ पौधे कोई भी हो वातावरण को नुकसान नहीं बल्कि अधिक फायदा ही पहुंचता है। जो जीवन जीने के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।
विभिन्न प्रकार के प्रदूषण पहले यह आलम था कि मई, जून माह तक लगभग 36डिग्री सेल्सियस तक ही गर्मी रहती थी किन्तु बढ़ते प्रदूषण के कारण यही सेल्सियस अब 44 डिग्री से अधिक रहता है, जो मानव जीवन के लिए किसी प्रकोप से कम नहीं है। इससे बचने में लिए केवल 05 जून को ही नहीं हर महीने हर व्यक्ति यदि नियमित पौधेरोपण करे तो निश्चित ही क्लाइमेट चेंज, ज्वालामुखी जैसी आदि प्राकृतिक आपदाएं से हम अपना जीवन बचा सकते है। आप सभी से निवेदन है प्रकृति और अपने आने वाली पीढ़ी को बचाना है उन्हें विरासत के साथ साथ ताजी और सेहतमंद सांसे देनी है तो कृपा खूब वृक्षारोपण करे बच्चों से भी करवाए। किसी का इंतजार न करे।
युक्ता बर्वे
डायरेक्टर
देवीअहिल्या बाल एवं युवा विकास संस्था,
सामाजिक कार्यकर्ता
नगर सोशल मीडिया प्रभारी
इंदौर