राजपुर। आनंद की अनुभूति ही सबसे बड़ा धन है, आत्मा की आवाज को सुनना ही आनंद है
मप्र जन अभियान परिषद और आनंद विभाग के तत्वावधान में राजपुर में हुई एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला

सत्याग्रह लाइव। बड़वानी। आत्मिक संतुष्टि का रास्ता आनंद के गलियारे से ही निकलता है, बिना आनंद के जीवन नीरस है । राजपुर में मप्र जन अभियान परिषद और आनंद विभाग के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अल्प विराम कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती पूजन से हुआ। इस अवसर पर विकास खंड शिक्षा अधिकारी नरेंद्र शर्मा, मुख्य कार्य पालन अधिकारी जनपद पंचायत राजपुर श्री बीएस चौहान, ब्लॉक समन्वयक श्री रूपेश शर्मा, जिला आनंद सम्पर्क समन्वयक श्री अनिल जोशी, ,मास्टर ट्रेनर डॉ राम सहाय यादव, सुश्री सुधा बाजपेई, श्री रघुवीर सोलंकी, सुश्री सुनीता शुक्ला, सुश्री भावना गुप्ता, सुश्री रीना गुप्ता सहित समस्त विभागों के 60 अधिक कर्मचारी और अधिकारी मौजूद थे।
आजीविका सभागार राजपुर में अल्पविराम कार्यक्रम में जिला संपर्क समन्वयक श्री अनिल जोशी ने प्रशिक्षण के दौरान कहा कि शासकीय कर्मचारियों में सकारात्मकता का विकास और आनंद की अनुभूति कराने की दृष्टि से ही प्रदेशभर में अल्पविराम परिचय कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। हम सब आज के दौर में जिस आनंद को खोज रहे हैं, सही मायने में वह हमारे अंदर ही है। हम सबको यह चाहिए कि जो अच्छा लगे वह जरूर करें।
मास्टर ट्रेनर्स डॉ राम सहाय यादव ने कहा कि हमारे जीवन में यह आवश्यक है कि हम सभी स्वयं के भीतर झांके एवं देखें कि हमारा क्षमता एवं नजरिया क्या है क्या इसे हम अपनी नकारात्मकता, अवसाद, चिंता इत्यादि को हटा पा रहे है एवं तनाव मुक्त आनंद पूर्ण जीवन के लिए आगे बढ़ पा रहे है यदि हम मानसिक तनाव मे होते है तो हम अपना शत प्रतिशत नही दे पाते है इसलिए अवसाद को त्याग करें, यही अल्पविराम का ध्येय भी है। ऐसी कार्यशालाएं होती रहनी चाहिए। मास्टर ट्रेनर्स श्री रघुवीर सोलंकी, सुश्री सुनीता शुक्ला ने कहा कि अल्पविराम आनंद तक ले जाने का जरिया है । शारीरिक क्षमता के साथ साथ मानसिक क्षमता पर भी कार्य करने की आवश्यकता है । सभी अधिकारी एवं कर्मचारी गण अपने उत्तरदायित्व को सकारात्मक भाव से करें। अपने कार्यों से लोगों को आनंदित करने का काम करें । हमको आनंदित होकर शासन की सारी योजनाओं को अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक पहुंचाना है। बीईओ श्री नरेंद्र शर्मा ने कहा कि हम अपने कर्तव्य के साथ-साथ अपने परिवार को भी आनंदित कर लोगों के चेहरे पर मुस्कुराहट आ सके है ऐसे काम करें।

जिला आनंद सम्पर्क समन्वयक श्री अनिल जोशी ने सत्र लेते हुए बताया कि खुशी और आनंद अलग अलग हैं। खुशी क्षणिक होती है जबकि आनंद शास्वत और स्थायी होता है। मास्टर ट्रैनर सुश्री सुधा बाजपेई ने अपने प्रशिक्षण सत्र में जीवन का लेखा जोखा (लाइफ बैलेंस शीट) के बारे में बताया कि उन्होंने कब-कब किस – किस की निःस्वार्थ मदद की है और किन-किन ने उनकी निःस्वार्थ मदद की है।
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव एवं फीडबैक शेयर किये गए। अल्पविराम कार्यशाला में विकासखंड के महिला बाल विकास विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग,नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग,आदिम जाति कल्याण विभाग,वन विभाग योजना सहित अन्य विभाग के 60 अधिकारी/कर्मचारी ने सहभागिता की। कार्यक्रम का आभार राजपुर विकासखंड समन्वयक रूपेश शर्मा ने किया।




