बड़वानी: संभाग के 8 जिलों में 30 से अधिक स्वास्थ्य शिविर, गंभीर रोगों की होगी जांच और प्रमाणन
सिकलसेल एनीमिया की जांच, प्रमाण पत्र, पेंशन प्रकरण और मल्टीस्पेशलिटी इलाज के लिए अगस्त से नवंबर तक 31 स्वास्थ्य शिविरों का होगा आयोजन, संभागायुक्त ने समीक्षा बैठक में दिए सख्त निर्देश।

बड़वानी। सत्याग्रह लाइव। संभागायुक्त दीपक सिंह के निर्देश पर बड़वानी सहित संभाग के आठ जिलों में अगस्त से नवंबर तक 30 से अधिक स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जाएंगे। शिविरों में एलोपैथी, आयुष और होम्योपैथी विशेषज्ञ इलाज करेंगे, साथ ही गंभीर रोगों की जांच और सामाजिक सुरक्षा से जुड़े कार्य भी होंगे।
संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को बड़वानी में संभागस्तरीय वर्चुअल बैठक आयोजित हुई। गूगल मीट लिंक के माध्यम से हुई इस बैठक में कलेक्टर्स, सीएमएचओ, क्षेत्रीय अधिकारी और निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि शामिल हुए। बैठक का मुख्य उद्देश्य अगस्त से नवंबर 2025 तक दूरस्थ और पिछड़े क्षेत्रों में होने वाले 31 स्वास्थ्य शिविरों की प्रभावी तैयारी और संचालन सुनिश्चित करना था।
संभागायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि इन शिविरों में इस बार एलोपैथी के साथ-साथ आयुष और होम्योपैथी चिकित्सकों को भी शामिल किया जाएगा। चिकित्सा सेवाएं बड़वानी, इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खंडवा, खरगौन और बुरहानपुर जिलों में दी जाएंगी। इसके लिए शासकीय और निजी चिकित्सा संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित किया गया है।
प्रमुख अस्पताल और संस्थानों की भागीदारी
शिविरों में शामिल संस्थानों में सेम्स मेडिकल कॉलेज, इंडेक्स मेडिकल कॉलेज, मेदांता, कोकिलाबेन, शैल्बी, चोईथराम नेत्रालय, शंकर आई हॉस्पिटल, एलएनसीटी और सीएचएल अस्पताल के विशेषज्ञ डॉक्टर शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त सभी आयुष महाविद्यालय और संबंधित एनजीओ भी भाग लेंगे।
संभागायुक्त ने कहा कि शिविरों में 100 प्रतिशत सिकलसेल एनीमिया की जांच की जाए। इसके लिए आशा कार्यकर्ताओं और स्वास्थ्य कर्मियों को पूर्व प्रशिक्षण दिया जाएगा। जांच के साथ ही प्रमाण पत्र और पेंशन स्वीकृति के प्रकरण भी शिविर स्थल पर तैयार किए जाएंगे, जिससे हितग्राहियों को तत्काल लाभ मिल सके।
उपकरण, सुविधाएं और प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश
दीपक सिंह ने सभी कलेक्टर्स को निर्देशित किया कि शिविर स्थलों पर सोनोग्राफी, मेमोग्राफी, बीपी, शुगर, थैलेसिमिया, आंख-कान-नाक-गला, स्तन व सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारियों के जांच उपकरण अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। साथ ही पेयजल, शौचालय, छाया, रजिस्ट्रेशन काउंटर और दवा वितरण व्यवस्था को व्यवस्थित करें।
संभागायुक्त ने कलेक्टर्स से यह भी कहा कि डीपीएम, बीपीएम और आशा कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण शीघ्र आयोजित किया जाए और आयोजन स्थल पर पंचायत सचिवों व ग्रामीणों का सक्रिय सहयोग लिया जाए।