नीति आयोग की केंद्रीय प्रभारी अधिकारी (सीपीओ) सुश्री निधि केसरवानी ने बड़वानी जिले में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की प्रगति की समीक्षा की

बड़वानी ; बड़वानी जिला जनजातीय बाहुल्य जिला जो अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों,दुर्गम क्षेत्र एवं सुदूर फलियों में बिखरी आबादी जैसी अनेक चुनौतियों के कारण यहाँ सेवाओं की नियमित पहुँच एक बड़ी चुनौती है। नीति आयोग भारत सरकार द्वारा वर्ष 2018 में बड़वानी जिले को आकांक्षी जिला कार्यक्रम अन्तर्गत चयनित किया गया। आकांक्षी जिला कार्यक्रम एक सामूहिक उत्तरदायित्व है। यहाँ किए जाने वाले सभी सकारात्मक प्रयास और नवाचार सतत रूप से चलाए जाने चाहिए। एक बार लक्ष्य हासिल करने के बाद, इसे सतत बनाए रखना बहुत आवश्यक है। किये जा रहे प्रयासों को व्यक्ति विशेष तक सीमित न रखते हुए संस्थागत करने पर जोर दिया जाए ताकि निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचना सुनिश्चित हो सके।
नीति आयोग भारत सरकार द्वारा संचालित आकांक्षी जिला कार्यक्रम के अंतर्गत बड़वानी जिले की केंद्रीय प्रभारी अधिकारी सुश्री निधि केसरवानी ने उक्त बाते बुधवार कलेक्ट्रेट सभागृह बड़वानी में कार्यक्रम के निर्धारित सूचकांकों की प्रगति संबंधी समीक्षा बैठक में कहीं। बैठक में कलेक्टर श्रीमती जयति सिंह, जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित।
बैठक मे स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास, तथा आधारभूत अवसंरचना जैसे प्रमुख क्षेत्रों के सूचकांकों पर विस्तार से समीक्षा की गई। उन्होंने अब तक हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए, उन क्षेत्रों की पहचान की जहाँ और अधिक सुधार की आवश्यकता है।
बैठक में दिए गए प्रमुख निर्देश-
– स्वास्थ्य और पोषणः- स्वास्थ्य सूचकांकों, विशेष रूप से संस्थागत प्रसव, बच्चों के टीकाकरण और कुपोषण के उन्मूलन के प्रयासों में तेज़ी लाने पर ज़ोर दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें शीघ्र पोषण पुनर्वास केंद्र तक पहुंचाया जाए। कुपोषण के कुचक्र को तोड़ने के लिए जिला स्तर पर नीति बनायी जाए। जिसमे परिवार को एक इकाई मान कर न केवल स्वास्थ्य बल्कि सामाजिक और आर्थिक सशक्तिकरण हेतु कार्य किया जाए। टीबी मरीजों एवं उनके परिजनों पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
– शिक्षाः- शिक्षा के क्षेत्र में स्कूल छोड़ने की दर (ड्रॉपआउट रेट) कम करने और बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान पर आधारित कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए, ताकि छात्रों के सीखने के स्तर में सुधार हो सके। बुक बैंक, एजुकेशन ऐप, रूम टू रीड जैसे नवाचारों को भी लागू किया जाए।
– कृषिः- फसल बीमा को बढ़ावा दिए जाने की आवश्यकता है साथ ही उन्नत बीज और नई तकनीकों को किसानों तक पहुँचाना सुनिश्चित करें।
– अंतर-विभागीय समन्वयः- सुश्री केसरवानी ने सभी विभागों को आपसी समन्वय और सहभागिता बढ़ाने पर ज़ोर दिया। उन्होंने कहा कि आकांक्षी जिला कार्यक्रम की सफलता के लिए टीम वर्क अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कलेक्टर श्रीमती जयति सिंह ने आश्वस्त किया कि दिए गए निर्देशों का तत्परता से पालन किया जाएगा और निर्धारित समयावधि में लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।बैठक में जिला पंचायत सीईओ सुश्री काजल जावला सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित।