बड़वानी में 70 वें मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर कॉलेज में होगा तीन दिनी कार्यक्रम
रचनात्मक गतिविधियाँ ज्ञानवर्धन के साथ कलात्मक कौशल का भी करेंगी विकास - डॉ. सत्य

सत्याग्रह लाइव। बड़वानी। प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस शहीद भीमा नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय बड़वानी के स्वामी विवेकानंद करियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ द्वारा 70वें मध्यप्रदेश स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 3 नवम्बर तक तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य के मार्गदर्शन में यह आयोजन युवा विद्यार्थियों को राज्य के गौरवशाली इतिहास, समृद्ध संस्कृति एवं विकास यात्रा से परिचित कराने का माध्यम बनेगा। इस दौरान विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों एवं प्रतियोगिताओं के माध्यम से छात्र-छात्राओं में राज्य के प्रति गर्व एवं जागरूकता उत्पन्न की जाएगी।
प्राचार्य डॉ. वीणा सत्य ने बताया कि मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस युवा पीढ़ी के लिए अपने गौरवमयी अतीत को समझने और भविष्य निर्माण में योगदान देने का अवसर भी है। इस आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को राज्य के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान, सांस्कृतिक धरोहर, प्राकृतिक संपदा, औद्योगिक प्रगति एवं सामाजिक सुधारों की यात्रा से अवगत कराना है। उन्होंने कहा कि रचनात्मक गतिविधियाँ न केवल ज्ञानवर्धन करेंगी, बल्कि विद्यार्थियों में नेतृत्व, अभिव्यक्ति एवं कलात्मक कौशल का भी विकास करेंगी।
ये होंगी प्रतियोगिताएं
कार्यक्रम के संयोजक दिव्या जमरे एवं संजू डूडवे ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि तीन दिवसीय आयोजन मध्यप्रदेश के गौरव थीम पर आधारित होगा। प्रत्येक दिन विभिन्न प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाएंगी। जैसे मध्यप्रदेश का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान विषय पर निबंध लेखन प्रतियोगिता होगी. चित्रकला एवं पोस्टर निर्माण प्रतियोगिताओं में विद्यार्थी राज्य के ऐतिहासिक स्थल, जनजातीय कला, वन्यजीव, नर्मदा परिक्रमा आदि को चित्रित करेंगे। सम-सामयिक महत्व के मुद्दे पर वाद-विवाद प्रतियोगिता होगी। सामान्य ज्ञान क्विज में राज्य की भौगोलिक, ऐतिहासिक, साहित्यिक एवं नवीनतम जानकारी पर प्रश्न होंगे। विजेताओं को प्रमाण-पत्र प्रदान किए जाएँगे।
आज दिया मार्गदर्शन
आयोजन प्रभारी डॉ. मधुसूदन चौबे ने आज विद्यार्थियों को पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तृत मार्गदर्शन प्रदान किया। उन्होंने बताया कि ये प्रतियोगिताएँ केवल पुरस्कार प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, तार्किक चिंतन, समय प्रबंधन एवं टीम वर्क जैसे जीवनोपयोगी कौशलों का विकास करेंगी। निबंध लेखन से लेखन शैली में निखार आएगा, चित्रकला से कल्पनाशीलता बढ़ेगी, वाद-विवाद से वक्तृत्व कला मजबूत होगी एवं सामान्य ज्ञान से राज्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। प्रजेंटेशन के दौरान विद्यार्थियों में उत्साह देखते ही बनता था। विद्यार्थियों ने अपनी रुचि अनुसार पंजीयन प्रारम्भ कर दिया है। आयोजन में सहयोग भोला बामनिया, जोया खान, डॉ. अंतिम मौर्य, आरती धनगर, हंसा धनगर आदि दे रहे हैं



