अखंड धाम आश्रम पर सात दिवसीय अ.भा. संत सम्मेलन में होगा अनेक सामाजिक मुद्दों पर भी विचार-मंथन

इंदौर । बिजासन रोड स्थित प्राचीन अविनाशी आश्रम अखंड धाम पर 55वें अ.भा. अखंड वेदांत संत सम्मेलन का आयोजन 8 से 14 दिसम्बर तक होगा। सम्मेलन में देश के जाने-माने 40 से अधिक संत, विद्वान, शंकराचार्य, महामंडलेश्वर एवं तपस्वी संत आएंगे और आम नागरिकों को सनातन धर्म, वेदांत की उपयोगिता, धर्म एवं संस्कृति से जुड़े विषयों के साथ ही वृद्धाश्रम, संयुक्त परिवार, शिक्षा और संस्कार, साइबर क्राइम, स्वदेशी को प्रोत्साहन, युवाओं में राष्ट्रप्रेम जैसे मुद्दों पर भी अपने विचारों से अवगत कराएंगे। सम्मेलन में प्रतिदिन दोपहर 2 से सायं 6 बजे तक संत, विद्वानों के प्रवचन होंगे। आश्रम के संस्थापक ब्रह्मलीन स्वामी अखंडानंद महाराज की 55वीं पुण्यतिथि पर 14 दिसम्बर को दोपहर 12 बजे सैकड़ों भक्त हाथों में दीपक एवं मोमबत्ती लेकर आदरांजलि समर्पित करेंगे। सम्मेलन में जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, अंतर्राष्ट्रीय रामस्नेही संप्रदाय के आचार्य जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज, युग पुरुष स्वामी परमानंद गिरि महाराज सहित 40 से अधिक संत आएंगे। चित्रकूट पीठाधीश्वर विद्यावाचसपति डॉ.स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में इस सम्मेलन में सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक मुद्दों पर भी विचार मंथन होगा। आश्रम के महामंडलेश्वर डॉ.स्वामी चेतन स्वरूप के सानिध्य में महोत्सव की दिव्यता को देखते हुए विभिन्न समितियों का गठन किया गया है।
सम्मेलन की आयोजन समिति के अध्यक्ष हरि अग्रवाल, संयोजक निरंजनसिंह चौहान ‘गुड्डू’, महासचिव सचिन सांखला एवं सचिव भावेश दवे ने आज पत्रकारों को सम्मेमलन की तैयारियों का अवलोकन कराते हुए बताया कि सम्मेलन का शुभारंभ गुरुवार 8 दिसम्बर को दोपहर 3 बजे जगदगुरू स्वामी रामदयाल महाराज के मुख्य आतिथ्य एवं जगदगुरू शंकराचार्य स्वामी ज्ञानानंद तीर्थ, युगपुरुष स्वामी परमानंदगिरि महाराज के विशेष आतिथ्य तथा चित्रकूट पीठाधीश्वर डॉ. स्वामी दिव्यानंद महाराज की अध्यक्षता में होगा। इस सम्मेलन में सामाजिक सरोकार से जुड़े अनेक विषयों को भी शामिल किया गया है। इनमें वृद्धाश्रम में रहने वाले बुजुर्गों को गोद लेने, संयुक्त परिवार को बढ़ावा देने, शिक्षा और संस्कार के प्रति जागरुकता, साइबर क्राइम से बचाव, स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहित करने तथा युवाओं में राष्ट्रप्रेम की भावना को बढ़ाने सहित अनेक सामाजिक महत्व के मुद्दे शामिल हैं। इन विषयों पर प्रतिदिन एक-एक वक्ता एक-एक विषय पर अपना पक्ष रखेंगे। इसके अलावा ‘ जीवन में गुरू का महत्वा’, ‘सनातन धर्म क्या है’, ‘शिवोअम की महिमा’, ‘मानव जीवन में वेदांत की उपयोगिता’, ‘अध्यात्म की आवश्यकता’ एवं सीधे परमात्मा से कैसे जुड़े आदि विषयों पर भी देश के जाने-माने संत-विद्वान मार्गदर्शन करेंगे।