उज्जवल भविष्य के लिए नई राहों को पहचान कर आगे बढ़ें – प्रसाद

इंदौर, । सराफा विद्या निकेतन के दो दिवसीय वार्षिकोत्सव में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों ने एमओजी लाइन, नालंदा परिसर एवं स्कीम 71 स्थित सराफा विद्या निकेतन के बालकों एवं पालकों को मंत्रमुग्ध बनाए रखा। इस दौरान शिव वंदना, शिव बारात, रामायण, परी नृत्य, पपेट शो, महाभारत, आदिवासी नाटिका के साथ ही पश्चिमी नृत्य की प्रस्तुतियां भी दर्शकों और मेहमानों को खूब पसंद आई। अतिथियों ने बच्चों से आग्रह किया कि वे उज्ज्वल भविष्य के लिए नई राहों को पहचानकर आगे बढ़ें। पुरस्कार वितरण प्रधान आयकर आयुक्त शशिभूषण प्रसाद के आतिथ्य में हुआ।
एमओजी लाइन्स स्थित सराफा विद्या निकेतन पर 47वें वार्षिकोत्सव के प्रथम सौपान का शुभारंभ आर.आर. केट इंदौर के लेजर इलेक्ट्रानिकी प्रभाग के प्रमुख राजेश आर्य एवं एनएमआईएमएस इंदौर कैम्पस की निर्देशक डॉ. प्राची घारपुरे के आतिथ्य में हुआ। अतिथियों का स्वागत इंदौर चांदी, सोना, जवाहरात तोलकांटा पारमार्थिक ट्रस्ट एवं सराफा विद्या निकेतन के अध्यक्ष महेन्द्र पाटीदार, सचिव प्रमोद नागर, अनिल रांका, संयोजक गोपाल नीमा, नटवर लाल जौहरी, सतीश नीमा मालक, राजेश कोठाना एवं विद्यालय के प्राचार्यद्वय आलोक दवे एवं श्रीमती साधना देशपांडे ने किया। अतिथियों का परिचय श्रीमती संध्या तेलंग ने दिया।
अगले सौपान में प्रधान आयकर आयुक्त शशिभूषण प्रसाद एवं प्राइम ग्रुप के मुख्य संरक्षक राकेश जैन प्रखर के आतिथ्य में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियों के साथ बोर्ड की विभिन्न परीक्षाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक श्रीमती वर्षा चौधरी एवं वैशाली वर्दे, सर्वश्रेष्ठ कर्मचारी अजय इंगले एवं मांगीलाल गाडरी को स्वर्ण पदक भेंटकर सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ छात्र का सम्मान अभिषेक पोरवाल एवं सर्वश्रेष्ठ छात्रा का सम्मान लक्ष्मी रोहिड़ा को दिया गया। सेवा निवृत्त शिक्षकों का भी सम्मान किया गया। अतिथियों ने विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया। मुख्य अतिथि प्रधान आयकर आयुक्त शशिभूषण प्रसाद ने बड़ी दिलचस्पी से प्रदर्शनी को देखा और बच्चों से सवाल भी पूछे। आभार माना उप प्राचार्यद्वय योगेश केसरवानी एवं श्रीमती रमा तिवारी ने। संचालन किया श्रीमती आरती परमार, प्रदक्षिणा तिवारी, श्रीमती संध्या तेलंग सुश्री कृतिका मोठे ने। समारोह में बड़ी संख्या में सराफा एवं अन्य प्रमुख बाजारों के व्यापारी, पालक एवं शिक्षा प्रेमी उपस्थित थे।