बड़वानी; बाल श्रम के प्रकरणों में की जाये कड़ी कार्यवाही-कलेक्टर श्री वर्मा

बड़वानी
कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्टरेट कार्यालय बड़वानी के सभागृह में बाल एवं कुमार श्रम अधिनियम के तहत जिला टास्क फोर्स की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक के दौरान कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा ने निर्देशित किया कि बालश्रम के प्रकरणों में कड़ी कार्यवाही की जाये। जो भी व्यक्ति 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को अपने यहां काम पर लगाते है, उनके विरूद्ध अधिनियम के तहत कार्यवाही की जाये। बैठक में कलेक्टर श्री शिवराजसिंह वर्मा, जिला पंचायत सीईओ श्री अनिल कुमार डामोर, जिला श्रम अधिकारी श्री केएस मुजाल्दा सहित विभिन्न विभगाों के अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में दिये गये अन्य निर्देश
– 14 से 18 वर्ष तक के बाल श्रमिकों का नियोजन खतरनाक प्रक्रियाओं में प्रतिबंधित है।
– बालक एवं कुमार श्रमिक अधिनियम का उल्लंघन होने पर 20 हजार रूपये न्यूनतम एवं 50 हजार रूपये का अधिकतम अर्थदण्ड तथा न्यूनतम 6 माह एवं अधिकतम 2 वर्ष तक की सजा या दोनों से दण्ड का प्रावधान है।
– अधिनियम के अंतर्गत परिवार के व्यवसाय में भी बालक से कार्य नहीं करवाया जा सकेगा । माता – पिता अथवा संरक्षक के विरूद्ध भी दण्ड का प्रावधान है। इसके तहत 10 हजार रूपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
– संस्थानों पर बाल एवं किशोर श्रम( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत धारा 3 क एवं धारा 14 का सारांश की सुचना चस्पा करने हेतु नियोजको को निर्देशित किया जाये।
– बाल श्रम के एक प्रकरण में नियोजक के विरुद्ध मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट बडवानी में वाद दायर किया गया । इसके साथ ही नियोजक से बाल श्रम पुनर्वास निधि में 20000 रु. की राशी प्राप्त की जाये।
– जिले मे अभी तक बाल एवं किशोर श्रम( प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत कुल 17 उल्लंघनकर्ता संस्थानों के विरुद्ध न्यायालय में अभियोजन दायर किये गए हैं । उन प्रकरणों में शासन स्तर से कार्यवाही समय सीमा में पूर्ण की जाये।
– बड़वानी जिले में “प्रत्येक ग्राम सभा में बाल एवं किशोर श्रम के अंतर्गत अभियान के रूप में बाल एवं किशोर श्रम ( प्रतिषेध एवं विनियमन ) अधिनियम 1986 एवं संशोधित अधिनियम 2016 के प्रावधानों की जानकारी दी जावे।
– बाल मजदूरी की शिकायत हेतु जारी 1098 नम्बर की जानकारी विभिन्न माध्यमो से प्रचारित एवं प्रसारित की जाये, जिससे आमजन इसकी शिकायत सहजता से दर्ज करवा सके ।
– बाल श्रम से मुक्त कराये गये बालको को बाल कल्याण समिति के माध्यम से उचित पुर्नवास करवाया जाये।
– बाल श्रम पाए जाने पर नियोजक के विरुद्ध बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 के तहत बाल श्रमिक पाये जाने पर निरीक्षण कर नियोजक के विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज कर वैधानिक कार्यवाही की जावेगी ।