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खेतिया। मंडी कर में असमानता के चलते उद्योगो का हो रहा पलायन, मंडी कर कम करने की मांग को लेकर शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल


खेतिया। राजेश नाहर।

मध्यप्रदेश में कपास पर अन्य राज्यों की तुलना में मंडी कर बहुत अधिक जिससे कपास से जुड़े व्यवसाय अन्य राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं महाराष्ट्र मध्य प्रदेश की सीमा पर बसे खेतिया की कृषि उपज मंडी मध्य प्रदेश की नामी मंडियों में शामिल है जहां मध्यप्रदेश के साथ-साथ महारास्ट्र के किसान भी अपनी उपज विक्रय हेतु खेतिया मंडी लाते हैं, मध्यप्रदेश में 1.50 प्रतिशत मंडी कर व 0.20 प्रतिशत निराश्रित कर है जबकि अन्य राज्यों में 0.50 प्रतिशत ही कर है। मध्यांचल कॉटन जिनर्स एंड ट्रेडर्स एसोसिएशन के आव्हान पर कॉटन एसोसिएशन खेतिया द्वारा 3 अक्टूबर को सांकेतिक हड़ताल करते हुए प्रदेश सरकार से मंडीकर 0.5 प्रतिशत करने व निराश्रित कर समाप्त करने की मांग रखी गई। मांग ना माने जाने की दशा में 11 अक्टूबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी भी दी गई थी।
शासन द्वारा कपास पर मंडी कर को लेकर कोई कार्रवाई अब तक नहीं हुई, जिसके चलते मंगलवार से कॉटन एसोसिएशन के सदस्यों ने कपास खरीदी का कार्य अनिश्चित काल के लिए बंद कर दिया है ,वही शहर के फुटकर व्यापारियों ने भी अपना कारोबार बंद कर दिया है। अनिश्चितकालीन हड़ताल की सूचना पूर्व से ही थी जिसके चलते आज मंडी खुली रहने के बावजूद भी कोई कपास का वाहन मंडी परिसर में नहीं आया। वहीं अनाज विक्रय हेतु अवश्य लाया गया। मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र की सीमा पर बसे खेतिया में अप कपास उद्योग खेतिया से लगी महाराष्ट्र की सीमा में जाने लगे हैं। मध्यप्रदेश की तुलना में वहां 0.5 प्रतिशत ही कर है खेतों में कपास का जीनिंग उद्योग कई लोगों के रोजगार का साधन बना है। वहीं कपास मंडी में आवक के चलते आने लोगों को रोजगार मिलता रहा है। अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ ही आज पूरी मंडी सूनी पड़ी रही। वहीं फुटकर व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद रखी। कृषि उपज मंडी समिति में होने वाली आवक के साथ ही खेतिया में अन्य व्यवसाय गतिशील रहते हैं। अनिश्चितकालीन हड़ताल के चलते अब वह व्यक्ति भी धीमी पड़ने लगी है।
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मंडी सचिव मंसाराम जमरे के अनुसार कॉटन एसोसिएशन के आव्हान पर अनिश्चितकालीन हड़ताल हुई है। जिसके चलते कहीं भी कपास की कोई खरीदी नहीं हुई है। मंडी में अनाज अवश्य विक्रय हेतु लाया गया। आज सुबह से ही कॉटन एसोसिएशन के सदस्य ने मंडी के मुख्य द्वार पर एकत्रित होकर हड़ताल का समर्थन किया।

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