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शिवसेना किसकी अपनी अपनी दावेदारी। चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तकअपने-अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने को कहा है.

सत्याग्रह लाइव डेस्क चुनाव आयोग ने आदेश दिया है कि दोनों ये को ये साबित करना होगा कि उनके पास शिवसेना में बहुमत के सदस्य हैं. उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे को दस्तावेज पेश करने होंगे जिसके बाद चुनाव आयोग उनके दावों और उनके बीच के विवादों पर सुनवाई करेगा. इसके साथ ही चुनाव आयोग द्वारा ठाकरे गुट और शिंदे गुट दोनों को शिंदे के विद्रोह के कारण हुई पार्टी में दरार पर लिखित में अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया है
असली शिवसेना किसकी? शिंदे गुट की शिवसेना असली है या ठाकरे गुट की शिवसेना असली है? दोनों गुट अपनी शिवसेना को असली शिवसेना बता रहा है और दूसरे गुट की शिवसेना को नकली शिवसेना बता रहा है.अब इसका फैसला केंद्रीय चुनाव आयोग करेगा कि असली शिवसेना कौन है? चुनाव आयोग ने दोनों गुट से 8 अगस्त को दोपहर 1 बजे तकअपने-अपने पक्ष में साक्ष्य पेश करने को कहा है. केंद्रीय चुनाव आयोग इसके बाद इस मामले की सुनवाई करेगा. चुनाव आयोग के फैसले पर एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे दोनों का राजनीतिक भविष्य निर्भर करेगा.

शिंदे-ठाकरे गुट के ये हैं अपने-अपने तर्क और अपने-अपने दावे
एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद पहले उनके साथ शिवसेना के 55 में से 40 विधायक चले गए. इसके बाद लोकसभा के 18 में से 12 सांसद चले गए. इसके बाद एकनाथ शिंदे विधानसभा और लोकसभा में शिवसेना के विधायकों और सांसदों का बहुमत अपने पास होने का दावा कर अपने गुट को असली शिवसेना बता रहे हैं और शिवसेना पार्टी पर अपना दावा कर रहे हैं. एकनाथ शिदे ने इस संबंध में केंद्रीय चुनाव आयोग को पत्र भी भेजा है और यह अपील की है कि शिवसेना पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘धनुषबाण’ उन्हें मिले. शिंदे गुट का दावा है कि विधायक और सांसद ही नहीं, बल्कि जिलाप्रमुख, शाखाप्रमुख, जिलापरिषद यानी पार्टी के हर स्तर पर उनके समर्थकों का बहुमत है. इतना ही नहीं शिदे गुट का दावा है कि शिवसेना की सबसे अहम इकाई मानी जाने वाली प्रतिनिधि सभा में भी उनके समर्थकों का बहुमत है.
दूसरी तरफ शिवसेना की ओर से भी चुनाव आयोग में कैवेट दाखिल किया गया है. इस तरह यह विवाद कि आखिर शिवसेना पर हक शिंदे गुट का है या ठाकरे गुट का, चुनाव आयोग के पास चला गया. इसके बाद चुनाव आयोग ने ऐक्टिव होकर अब दोनों से अपने-अपने दावे के पक्ष में साक्ष्य देने को कहा है. दोनों गुटों को 8 अगस्त के दोपहर 1 बजे तक का समय दिया गया है
उद्धव गुट के सांसद संजय राउत ने मीडिया से कहा कि असली शिवसेना किसकी? यह साबित करने का मौका आ गया है, यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. जिसने दिल्ली के आदेश पर यह दिन दिखाया है, बालासाहेब की आत्मा उन्हें देख रही है. इसके लिए जनता शिंदे गुट को माफ नहीं करेगी. जो लोग आज घोड़े पर बैठे हैं, जनता उन्हें गधे पर बैठाएगी. शिवसेना बालासाहेब ठाकरे की है. शिवसेना उद्धव ठाकरे की है. दिल्लीश्वर जैसा-जैसा चाह रहे हैं, शिंदे गुट वैसा-वैसा कर रहा है. लेकिन जनता गद्दारों को कभी माफ नहीं करेगी.

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