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मांडू के पास सुलीबयड़ी क्षेत्र में दो सौ से अधिक पेड़ काटे, ठूंठ रह गए बाकी -जंगल माफियाओं की करतूत,  वन अमले पर मिलीभगत का आरोप

ग्रामीणों ने विधायक से शिकायत, आनन-फानन में जांच करने पहुंचे अधिकारी, डिप्टी रेंजर और वनपाल को नोटिस जारी

आशीष यादव धार.

जिले में जंगल माफिया द्वारा पेड़ों की अंधाधुंध कटाई के साथ खाली जमीन पर अवैध कब्जा किए जा रहे हैं। वहीं फारेस्ट विभाग वनों की सुरक्षा की जगह हाथ पर हाथ धरे बैठा है। ऐसा ही मामला मांडव रेंजर के सुलीबयड़ी क्षेत्र का सामने आया है। जहां कुछ दिनों से लकड़ी चोरों द्वारा रात के अंधेरे में कुल्हाड़ी से पेड़ों को काटकर लकड़ी चुरा ले गए। अभी तक दो  से तीन सौ पेड़ों को काट दिया है, जिसके बाद ठंूठ बचे हुए हैं। यह पूरी मशक्कत जमीन को हथियाने के लिए हो रही है। ताकि कब्जे के बाद खेती की सके।  उधर, ग्रामीणों का आरोप है कि डिप्टी रेंजर और वन अमले की मिलीभगत से कुछ लोगों द्वारा पेड़ों की कटाई की जा रही है। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने पिछले दिनों क्षेत्रीय विधायक कालूसिंह ठाकुर ने की। वन ग्राम समिति अध्यक्ष मनसुख डावर ने बताया कि उन्हें भी ग्रामीणों के माध्यम से पेड़ों की कटाई की जानकारी मिली। इसके बाद उन्होंने विधायक के संज्ञान में लाया। जानकारी के अनुसर मांडव बिट की सुलीबयड़ी उतरकक्ष क्रं. 262 में यह कटाई की गई है। जहां जंगल में अब पेड़ों की जगह ठूंठ ही नजर आ रहे हैं। विभागीय अधिकारी अब जांच की बात कह रहे हैं।

वन अमले की मिलीभगत का आरोप
ग्रामीणों का कहना है कि जंगल की सुरक्षा जिन कर्मचारियों के कंधों पर है, उनके द्वारा ध्यान नहीं दिया जा रहा है।  आरोप है कि डिप्टी रेंजर की  मिलीभगत से पेड़ों की कटाई हो रही है। जिसके चलते कार्रवाई नहीं हो रही है। दो सौ से अधिक पेड़ काट दिए, लेकिन विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं नहीं रेंगी। पूर्व में दस पेड़ों के ठूंठ मिलने पर वन रक्षक और डिप्टी रेंजर को सस्पेंड किया गया था। जिसके चलते कई तरह के सवाल उठ रहे हैं।

नोटिस देकर इतिश्री, अब जांच की बात
इस संबंध में रेंजर कमलेश मिश्रा से जब पूछा गया तो पहले तो उन्होंने कहा कि इक्का-दुक्का पेड़ तो कटते रहते हैं। इतना बड़ा मामला नहीं है। फिर बिट प्रभारी और सब रेंजर को नोटिस देने की बात स्वीकारी। मिश्रा ने कहा कि दोनों से जवाब मांगा है, मैं स्वयं भी एक बार मौके पर देखने गया था। सोमवार को फिर से मौका मुआयाना करेंगे। पेड़ों की कटाई संबंधित गतिविधियां नजर आती है, तो अलग से जांच कराएंगे।

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