सेंधवा। आदिवासी महिला को जिंदा जलाया, परिवार को न्याय दिलाने की मांग

सेंधवा।
गुना जिले में दो जुलाई को खेत में बोवनी करने से रोकने गई महिला को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद से आदिवासी संगठन में आक्रोश है। बुधवार को आदिवासी एकता परिषद महिला प्रकोष्ठ ने महिला आयोग दिल्ली के नाम वरला थाना प्रभारी को ज्ञापन दिया। आदिवासी एकता परिषद ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग की है।
ज्ञापन में बताया कि 2 जुलाई को गुना जिले के बमौरी तहसील के धनौरिया गांव में आदिवासी महिला रामप्यारी को गांव के दबंगों ने जिंदा जला दिया। घटना में महिला करीब 80 प्रतिशत तक झुलस गई। महिला की हालत गंभीर बनी हुई है। प्रदेश में लगातार आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे हैं। प्रदेश सरकार इन अत्याचारों को रोकने में असफल रही है। सरकार के दावों के बीच आदिवासी समाज के लोगों पर बर्बरता पूर्वक अत्याचार लगातार हो रहे हैं। ज्ञापन में बताया गया कि खरगोन, नीमच, नेमावर, बिस्टान और गुना में आदिवासी महिला के साथ अत्याचार गैर जवाबदारी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। प्रदेश सरकार ने अब तक पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया है। इस कारण ही अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। घटना के बाद आदिवासी समाज में आक्रोश है।
यह लोग रहे मौजूद
ज्ञापन देने के दौरान आदिवासी एकता परिषद महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिता सोलंकी, सुमली बाई, सायजा बाई, सुशीला बाई, वारीबाई, शर्मिला बाई, सुषिला कनोजे सहित गुच्छा जमरे, बिसन नरगावे, जसा सोलंकी, दूरमा अछाले आदि मौजूद रहे।