वरदराज मंडलोई, इंदौर में अपने उद्योग और कारोबार लगाने के लिए प्रेरित करेंगे –राजिन्द्र तिवारी
तीन सौ बरस पहले काम आने वाले हथियार और वाहनों की प्रदर्शनी को दिलचस्पी से देख रोमांचित हुए

तीन सौ बरस पहले काम आने वाले हथियार और वाहनों की प्रदर्शनी को दिलचस्पी से देख रोमांचित हुए
25 देशों से आए मेहमान, मालवी व्यंजनों का लिया जायका
विदेशी मेहमान उद्यम लगाएंगे तो उन्हें हरसंभव सहयोग देंगे
– वरदराज मंडलोई, इंदौर में अपने उद्योग और कारोबार लगाने के लिए प्रेरित करेंगे –राजिन्द्र तिवारी
इंदौर । लगभग 300 वर्ष पहले इंदौर रियासत के शासनकाल में हाथी पर बैठकर शिकार करने के लिए बनाए गए होदा, बैलगाड़ी में बैठकर होदा रखकर शिकार करने और उस युग के तीर –कमान, शेर के पंजे, गोसरू, कबर बिज्जू को पकड़ने का पिंजरा और रानी माँ गजरादेवी को कहीं लाने-ले जाने के लिए परदा लगी हुई शिकरम जैसी अनेक धरोहरों को जूनी इंदौर स्थित बड़ा रावला राजभवन पर पहुंचे दुनिया के 25 देशों के 200 भारतीय मूल के नागरिकों ने बड़े कोतुहल और आश्चर्य के साथ देखा। दरअसल पिछले तीन दिनों से इंदौर आए इन प्रतिनिधियों को आज ग्लोबल इंडियन आर्गेनाईजेशन (जीआईओ) के इंदौर चैप्टर के रीजनल प्रेसीडेंट युवराज वरदराज मंडलोई ने अपने राजमहल पर आमंत्रित किया था और उसी दौरान एक प्रदर्शनी में इन सभी प्राचीन और दुर्लभ वस्तुओं का प्रदर्शन भी किया गया।
सुबह करीब 10 बजे से ही इन प्रतिनिधियों का बड़ा रावला आगमन प्रारंभ हो गया था। इनकी अगवानी में बड़ा रावला के प्रवेश द्वार पर शहनाई वादन एवं नगाड़ों की मंगल ध्वनि के साथ ही प्रवेश द्वारा के छज्जे से गुलाब के फूलों की पंखुड़ियों की वर्षा के बीच की गई। पंडितों द्वारा वैदिक मंगलाचरण के बीच प्रथम शासक मंडलोई परिवार की ओर से राव राजा श्रीकांत मंडलोई, रानी साहिबा माधवी मंडलोई जमींदार एवं परिवार के अन्य सदस्यों ने कुमकुम तिलक एवं पुष्प माला पहनाकर उनका स्वागत किया। प्रवेश द्वारा के सामने ही बड़े हॉल में यह एक प्रदर्शनी लगाई गई थी जिसमें तत्कालीन रियासत के समय काम आने वाली बहुत सी ऐसी वस्तुएं संजोई गई थीं जिन्हें भारतीय मूल के विदेशी मेहमानों ने बड़ी दिलचस्पी के साथ देखा। इस प्रदर्शनी में कुछ विदेशी गाड़ियाँ भी शामिल थीं और तत्कालीन घोड़ागाड़ी भी देखने को मिली। इंटर्नशिप विथ मेयर के करीब 50 छात्र-छात्राओं ने भी बड़ा रावला आकर इन विदेशी मेहमानों से अपने भविष्य के बारे में मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस सभी मेहमानों को बाद में गार्डन थीम पर मालवा के परंपरागत व्यंजनों का शाही भोज भी परोसा गया जिसे उन्होंने पूरे स्वाद और जायके के साथ ग्रहण किया। दाल-बाफले, कढ़ी-चावल, लड्डू से लेकर नाश्ते में पोहे-जलेबी और गराडू जैसे व्यंजनों से इन मेहमानों की आवभगत हुई। राव राजा श्रीकांत मंडलोई ने सभी मेहमानों को अपने प्रथम शासनकाल के लोगों से युक्त स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें भावपूर्ण बिदाई दी। इस अवसर पर भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी मनोज कुमार आईएएस, जीआईओ के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजिन्द्र तिवारी, अश्विन पलसीकर, प्रताप नायर, मनोहर देव, मालवी भाभी प्रतीक्षा नैयर एवं अन्य गणमान्य नागरिक एवं प्रबुद्धजन भी उपस्थित थे। सभी विदेशी मेहमानों ने पूरे बड़ा रावला राजमहल का करीब 3 घंटे तक अवलोकन किया।
मीडिया से चर्चा करते हुए जीआईओ के इंटरनेशनल प्रेसीडेंट राजिन्द्र तिवारी ने इंदौर की मेहमाननवाजी और यहाँ की सुंदरता की खुले मन से तारीफ भी की और वादा भी किया कि वे अपने साथ वाले विदेशी मेहमानों से आग्रह करेंगे कि वे इंदौर के अनुकूल माहौल का लाभ उठाकर अपने कुछ उद्योग एवं कारोबार भी यहाँ स्थापित करें। इंदौर चैप्टर के नवनियुक्त रीजनल प्रेसीडेंट युवराज वरदराज मंडलोई ने भी आश्वस्त किया कि यदि विदेशी मेहमान इंदौर आते हैं तो अपनी 300 बरस पुरानी परमपरा का निर्वाह करते हुए वे और उनका परिवार उन्हें पूरा सहयोग प्रदान करेंगे। इंदौर तो वह शहर है जिसकी हुंडी 300 बरस पहले ही चीन तक भरोसेमंद मानी जाती थी अब तो यह स्मार्ट सिटी और महानगर की शक्ल लेता जा रहा है जिसकी नींव सन 1716 में उनके वंश के प्रथम शासक राव राजा नंदलाल मंडलोई ने रखी थी।



