इंदौर

*गेम चेंजर क्लब की एनुअल वर्कशॉप ‘डोमिनेट 2026’ में 200 प्रतिभागियों ने तय किए नए साल के लक्ष्य*

अच्छे दिन को बेहतर बनाना आसान है, लेकिन बुरे दिन को संभालना असली कौशल  

*गेम चेंजर क्लब की एनुअल वर्कशॉप ‘डोमिनेट 2026’ में 200 प्रतिभागियों ने तय किए नए साल के लक्ष्य*

– अच्छे दिन को बेहतर बनाना आसान है, लेकिन बुरे दिन को संभालना असली कौशल

– वर्कशॉप में 200 प्रतिभागियों का संकल्प, सालभर में 10 घंटे कैंसर मरीजों की सेवा करेंगे

*इंदौर,।* सयाजी होटल इंदौर में आयोजित गेम चेंजर क्लब की बहुप्रतीक्षित एनुअल वर्कशॉप ‘डोमिनेट 2026’ शानदार ऊर्जा और उत्साह के साथ सम्पन्न हुई। शनिवार, 15 नवंबर 2025 को आयोजित इस एकदिवसीय सेल्फ-डेवलपमेंट और गोल-सेटिंग वर्कशॉप में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें बिजनेस ओनर्स और उद्यमी शामिल थे। सभी प्रतिभागियों ने आने वाले वर्ष के लिए अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, स्वास्थ्य और बिजनेस संबंधी लक्ष्यों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया।

*वर्कशॉप का नेतृत्व जाने-माने बिजनेस ग्रोथ कोच पुष्पेन्द्र सिंह जादौन ने किया, जिन्होंने पूरे सत्र में प्रतिभागियों को प्रेरित करते हुए लक्ष्य निर्धारण, अनुशासन और व्यवहारिक कार्ययोजना की व्यापक समझ प्रदान की। इस अवसर पर उन्होंने कहा,* “लाइफ में आगे बढ़ने के लिए सिर्फ बड़े सपने काफी नहीं होते; उन सपनों को हर दिन छोटे-छोटे कर्मों में बदलना ही सफलता का मूल मंत्र है। ‘डोमिनेट 2026’ का लक्ष्य वही है, आपको आपकी ही बेहतरीन क्षमता से मिलवाना।”

सत्र की शुरुआत में प्रतिभागियों ने अपने आगामी साल के गोल्स पहचाने, वे स्वास्थ्य, परिवार, रिश्तों या बिजनेस के जिस भी क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते थे, उन्हें विस्तार से लिखा गया। इसके बाद इन लक्ष्यों को डेली, वीकली, मंथली, क्वार्टरली और इयरली एक्शन प्लान में बदला गया ताकि वे प्रैक्टिकली हासिल किए जा सकें।

वर्कशॉप के दौरान प्रतिभागियों ने यह भी सीखा कि कौन-सी आदतें उन्हें आगे बढ़ने से रोकती हैं और किन व्यवहारों को बदलकर वे तेज़ी से अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं। यह महत्वपूर्ण बात भी समझाई गई कि अच्छे दिन को बेहतर बनाना आसान है, लेकिन बुरे दिन में भी रूटीन कायम रखना ही असली विजेता की पहचान है। अच्छे दिन को बेहतर बनाना आसान है, लेकिन बुरे दिन को संभालना असली कौशल है। प्रतिभागियों को सिखाया गया कि कम ऊर्जा, तनाव, अव्यवस्था या कठिन परिस्थितियों वाले दिनों में भी अपनी प्रगति को कैसे बनाए रखें और आगे बढ़ते रहें।

सत्र में मानसिक स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान दिया गया। प्रतिभागियों को स्ट्रेस, एंग्ज़ायटी और डिप्रेशन से बचने तथा उनसे उबरने के प्रभावी और सरल तरीकों की जानकारी दी गई, ताकि वे मानसिक रूप से मजबूत रहकर अपने सालभर के लक्ष्यों को पूरा कर सकें।

हर प्रतिभागी को उनके व्यवहार, आदतों और व्यक्तिगत लक्ष्यों के आधार पर तैयार किया गया एक विशेष ‘मास्टर प्लान’ भी प्रदान किया गया। साथ ही, उन्हें कई उपयोगी चैट जीपीटी प्रॉम्प्ट्स दिए गए, जो उनकी सोच, प्लानिंग और रणनीति बनाने की क्षमता को और बेहतर बनाएंगे।

वर्कशॉप की एक बड़ी विशेषता अकाउंटेबिलिटी सिस्टम रहा। प्रत्येक प्रतिभागी को एक अकाउंटेबिलिटी पार्टनर दिया गया, जो एक अन्य बिजनेस ओनर होगा। हर महीने एक सेशन होगा (दो ऑनलाइन, एक ऑफलाइन), जिसमें उनकी प्रगति ट्रैक की जाएगी और सुधार के सुझाव दिए जाएंगे। इसके अलावा, सभी को हर सप्ताह अपनी एक संक्षिप्त रिपोर्ट भेजनी होगी जिसमें वे बताएंगे कि उन्होंने क्या पूरा किया और कहाँ सुधार की आवश्यकता है। साथ ही, साल में चार बार टारगेट रीसेट किए जाएंगे, ताकि किसी एक अवधि में हुई चूक पूरे साल के प्रदर्शन को प्रभावित न करे।

इस आयोजन का सामाजिक पहलू भी बेहद प्रेरणादायक रहा। सभी प्रतिभागियों ने यह संकल्प लिया कि वे साल में कम से कम 10 घंटे कैंसर मरीजों की सेवा में लगाएंगे। इसके अतिरिक्त, यदि प्रतिभागी अपने गोल्स सालभर में सफलतापूर्वक पूरा कर लेते हैं, तो सभी मिलकर एक राशि जुटाएंगे और उसे किसी कैंसर मरीज की मदद हेतु दान करेंगे।

*आखिर में श्री जादौन ने कहा,* “‘डोमिनेट 2026’ वर्कशॉप ने प्रतिभागियों को केवल लक्ष्य निर्धारित करना नहीं सिखाया, बल्कि उन्हें अनुशासन, ज़िम्मेदारी, मानसिक दृढ़ता और सामाजिक योगदान की दिशा में भी समृद्ध किया। आयोजन के अंत में प्रतिभागियों में स्पष्टता, आत्मविश्वास और एक नए उद्देश्य की चमक दिखाई दी, 2026 को सिर्फ एक नया साल नहीं, बल्कि जीवन बदलने वाला साल बनाना है।

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