बड़वाह। निर्मल विद्यापीठ बड़वाह में एनएसएससी खो-खो (बालिका) प्रतियोगिता का सफल हुआ आयोजन…10 से ज्यादा स्कूलों ने लिया इस प्रतियोगिता में भाग…

कपिल वर्मा बड़वाह। नर्मदा सहोदय स्कूल्स क्लस्टर (NSSC) के तत्वावधान में स्थानीय निर्मल विद्यापीठ स्कूल के सौजन्य से अंतर-विद्यालयीय खो-खो (बालिका) प्रतियोगिता 2025 का भव्य आयोजन विद्यालय परिसर में उत्साह और जोश के साथ पूरा हुआ।
इस प्रतियोगिता में कुल 11 सीबीएसई विद्यालयों सांदीपनि एकेडमी मंडलेश्वर, नर्मदा वैली बड़वाह; दृष्टि पब्लिक स्कूल सनावद, पैरेंट्स प्राइड सनावद, प्रेम प्रकाश बगोद, ग्रीन वैली स्कूल कन्हापुर, श्री गुरुकुल कसरावद, वेंकटेश कसरावद श्री शंकर धामनोद, गुरुकुल स्कूल धामनोद एवं आदर्श एकेडमी धामनोद ने भाग लिया।
सभी प्रतिभागी विद्यालयों की छात्राओं ने अनुशासन, खेल भावना और उमंग के साथ उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता दो आयु वर्गों में आयोजित की गई, जिनमें अंडर–14 वर्ग में कुल 11 विद्यालयों ने भाग लिया। जिसमें श्री शंकर स्कूल धामनोद, विजेता तथा श्री गुरुकुल, कसरावद उपविजेता रही।
वहीं अंडर–19 वर्ग में 8 विद्यालयों ने भाग लिया, जिसमें सांदीपनि एकेडमी, मंडलेश्वर ने प्रथम स्थान तथा श्री शंकर स्कूल धामनोद ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।
यह सम्पूर्ण आयोजन विद्यालय के मुख्य खेल प्रशिक्षक श्री राम पंवार के मार्गदर्शन तथा रुद्राक्ष जाट, पुनीत पटेल, राज पटेल, सार्थक पारगीर एवं रवि काले के कुशल प्रबंधन में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
प्रतियोगिता की सफलता में इन सभी का योगदान सराहनीय रहा। इस अवसर पर विद्यालय के निदेशक प्रतीक जैन एवं प्राचार्य आशिष झा ने विजेता टीमों, प्रशिक्षकों एवं सभी प्रतिभागी विद्यालयों को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि “ऐसी प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, अनुशासन, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना को प्रोत्साहित करती हैं।

निर्मल विद्यापीठ को गर्व है कि उसने इस आयोजन के माध्यम से क्षेत्रीय विद्यालयों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।” साथ ही प्राचार्य आशिष झा ने सहोदय समिति के सभी सदस्यों एवं नर्मदा सहोदय परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि “सहोदय समिति द्वारा निर्मल विद्यापीठ को इस प्रकार की क्लस्टर स्तरीय प्रतियोगिता के आयोजन का अवसर प्रदान करना वास्तव में सम्मान की बात है।
ऐसी प्रतियोगिताएँ विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा निखारने और आगे बढ़ने का प्रथम अवसर प्रदान करती हैं।



