हंसदास मठ पर रणछोड़जी, टीकमजी एवं पंचमुखी हनुमानजी का सजा पुष्प बंगला
बैकुंठ चतुर्दशी के उपलक्ष्य में हजारों भक्तों ने किया दीपदान- 20 हजार भक्तों ने ग्रहण की प्रसादी, देवालयों में 56 भोग समर्पित

हंसदास मठ पर रणछोड़जी, टीकमजी एवं पंचमुखी हनुमानजी का सजा पुष्प बंगला
बैकुंठ चतुर्दशी के उपलक्ष्य में हजारों भक्तों ने किया दीपदान- 20 हजार भक्तों ने ग्रहण की प्रसादी, देवालयों में 56 भोग समर्पित
इंदौर। बैकुंठ चतुर्दशी के उपलक्ष्य में एयरपोर्ट रोड पीलियाखाल स्थित प्राचीन हंसदास मठ पर मंगलवार शाम सैकड़ों भक्तों ने महामंडलेश्वर श्रीमहंत स्वामी रामचरणदास महाराज के सानिध्य में भगवान रणछोड़जी, टीकमजी एवं पंचमुखी चिंताहरण हनुमानजी की साक्षी में विशेष रूप से बनाए गए कुंड में दीपदान का पुण्य लाभ उठाया। इस मौके पर सभी देवालयों का विशेष श्रृंगार कर 56 भोग समर्पित किए गए। अन्नकूट महोत्सव के लिए मठ पर सबसे बड़े 100 वर्ष पुराने प्राचीन कढ़ाव में रामभाजी बनाकर भक्तों को परोसी गई, जो इस महोत्सव का सबसे बड़ा आकर्षण बनी रही।
मठ के महामंडलेश्वर महंत पं.पवनदास महाराज ने बताया कि सोमवार से प्रारंभ हुए अखंड रामायण पाठ का विराम आज सुबह हुआ। यज्ञ-हवन के साथ पूर्णाहुति के बाद भगवान रणछोड़जी, टीकमजी एवं पंचमुखी हनुमानजी का विशेष श्रृंगार किया गया। सभी देवताओं को 56 भोग भी समर्पित किए गए। महामंडलेश्वर राधे राधे बाबा, महामंडलेश्वर रामगोपालदास, महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप, पं. योगेन्द्र महंत, पं. रामचंद्र शर्मा वैदिक सहित अनेक संत-महंत महाआरती में शामिल हुए। अन्नकूट महोत्सव के लिए तीनों देवालयों में पुष्प बंगला भी सजाया गया था। 56 भोग एवं श्रृंगार दर्शन आरती के साथ हंस पीठाधीश्वर स्वामी रामचरणदास महाराज ने देवताओं को 56 भोग समर्पित कर अन्नकूट महोत्सव का शुभारंभ किया। महोत्सव के लिए मठ पर रंगारंग एवं चित्ताकर्षक विद्युत एवं पुष्प सज्जा भी अकर्ष्ण का केंद्र बनी रही। देर रात तक अन्नकूट महोत्सव में करीब 25 हजार श्रद्धालुओं ने महाप्रसादी का पुण्य लाभ उठाया। अनेक राजनेता, पार्षद एवं प्रशासनिक अधिकारी भी इस उत्सव के साक्षी बने।



