भोपाल में डिजिटल अरेस्ट! वकील को एटीएस अधिकारी बन ठगों ने फंसाया, पुलिस ने बचाया
फर्जी एटीएस अफसर बन ठगों ने वकील को 3 घंटे तक रखा ‘डिजिटल अरेस्ट’ में, पुलिस ने किया रेस्क्यू

भोपाल। राजधानी भोपाल से एक हैरान करने वाला साइबर क्राइम मामला सामने आया है, जहां ठगों ने एडवोकेट को फर्जी एटीएस अधिकारी बनकर डिजिटल अरेस्ट में फंसा लिया। कोहेफिजा क्षेत्र निवासी एडवोकेट शमसुल हसन को शनिवार को अज्ञात कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को लखनऊ एटीएस का अधिकारी बताया। उसने वकील को पहलगाम आतंकी हमले का आरोपी बताते हुए कहा कि उनका नाम इस केस से जुड़ा है और जांच में सहयोग न करने पर पूरा परिवार मुश्किल में पड़ सकता है।
अचानक आए इस कॉल से घबराए वकील शमसुल हसन करीब तीन घंटे तक ठगों के बताए अनुसार ऑनलाइन कॉल पर बने रहे। ठग लगातार उन्हें धमकाते रहे कि यदि उन्होंने फोन काटा या किसी से संपर्क किया तो उनके खिलाफ केस दर्ज कर दिया जाएगा।
मामले की जानकारी आसपास के लोगों और परिवार को हुई तो उन्होंने तत्काल कोहेफिजा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए मौके पर पहुंचकर एडवोकेट को ठगों के जाल से मुक्त कराया। जांच में यह सामने आया कि जालसाजों ने पूरी घटना को “डिजिटल अरेस्ट” का रूप दिया था, जो साइबर ठगी का नया तरीका बन चुका है।
पुलिस ने जब ठगों को कॉल किया, तो उन्होंने तुरंत नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिया और संपर्क बंद कर दिया। फिलहाल पुलिस इस कॉल के आईपी एड्रेस और कॉल लॉग की जांच कर रही है ताकि आरोपी तक पहुंचा जा सके। अधिकारियों ने नागरिकों को सचेत किया है कि किसी भी संदिग्ध कॉल या वीडियो मीटिंग में सरकारी अधिकारी बनकर धमकी देने वालों से सावधान रहें और तुरंत पुलिस को सूचना दें।
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