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त्रिपदी परिवार की शाखाएं विदेशों में भी बढ़ रही हैं – डॉ. बाबासाहेब तराणेकर

हमारी मंगलकामनाएं है कि हम सब डॉ. बाबासाहेब का शताब्दी वर्ष मनाएं - मंत्री विजयवर्गीय

हमारी मंगलकामनाएं है कि हम सब डॉ. बाबासाहेब का शताब्दी वर्ष मनाएं – मंत्री विजयवर्गीय

देश -विदेश में फैले त्रिपदी परिवार ने बड़ी संख्या में सहभागी बनकर महोत्सव को नई ऊंचाई दी

श्री नाना महाराज की स्तुति करने से मन को शांति मिलती है- श्री अन्ना महाराज

डॉ. बाबा साहेब अपने धर्म कार्यो से देश – विदेश में धार्मिक ध्वजा फैला रहे – श्री अशोक भट्ट

महोत्सव में शामिल होने के लिए अमेरिका सहित यूके, आस्ट्रेलिया से आए थे 40 से अधिक एन.आर.आई.

श्री नाना महाराज तराणेकर संस्थान द्वारा आयोजित श्री दत्त जयंती एवं हीरक महोत्सव एवं डॉ. बाबासाहेब तराणेकर अमृत महोत्सव का समापन

दिन भर गूंजे दिगंबरा दिगंबरा श्रीपाद वल्लभ दिगम्बरा के स्वर

त्रिपदी परिवार की शाखाएं विदेशों में भी बढ़ रही हैं – डॉ. बाबासाहेब तराणेकर

इंदौर। सामाजिक, धार्मिक आध्यात्मिक सांस्कृतिक और बौद्धिक अनुष्ठान के साथ  तीन दिवसीय श्री दत्त जयंती हीरक महोत्सव एवं डॉ. बाबासाहेब तराणेकर अमृत महोत्सव का समापन हो गया।
पुलिस ग्राउंड स्थित आंनद मांगलिक भवन में आयोजित इस महोत्सव में त्रिपदी परिवार के देश और विदेश में फैले हजारों भक्तों की सकिय सहभागिता रही। सम्पूर्ण आयोजन में महिलाओं और पुरुष भक्तों का उत्साह चरम पर रहा। तीनो दिन तक कार्यक्रम स्थल खचाखच भरा हुआ था। समापन दिवस पर नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित विधायक उषा ठाकुर, मालिनी गौड़, गोलू शुक्ला सहित श्री परमहंस यति नरसिंह सरस्वती स्वामी महाराज, अण्णा महाराज, महामंडलेश्वर दादू महाराज, खजराना गणेश मंदिर के पं. अशोक भट्ट, अमृतफले महाराज, प्रवीण महाराज, महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास महाराज, कोराण्णे महाराज, शास्त्री महाराज, ऐश्वर्यानंद दीघे महाराज, पवन शर्मा महाराज, पंडित रामचंद्र शर्मा महाराज आदि की गरिमामय उपस्थिति रही।
डॉ. बाबा साहेब ने वैदिक मंत्रोंचार के साथ भगवान दत्तात्रेय, वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज और नाना महाराज की राजोपचार पूजा विधि विधान से सचिदानंद गाडगिल गुरुजी और सिद्धार्थ गाडगिल गुरु जी ने करवाई । इस अवसर पर डा. बाबासाहेब तराणेकर ने कहा कि शुभ कार्य के लिए हम अपने इष्ट देव की पूजा के साथ गुरुओं का पूजन करते हैं। जीव को परमात्मा से मिलाने का कार्य गुरु करते हैं। गुरु ही हमें सही मार्ग पर चलने के लिए प्रेरणा देते हैं। अच्छे गुरु आसानी से नहीं मिलते है। जिसे गुरु का आशीर्वाद मिल गया वह एक दिन भवसागर को भी पार कर सकता है। डॉ.बाबासाहेब ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गुरु का स्थान सबसे ऊंचा और पवित्र है। गुरु की कृपा और उनका आशीर्वाद पाने के लिए भक्तों का हृदय पवित्र होना चाहिये। उन्होंने आगे कहा कि दत्तात्रेय की परंपरा को आगे बढ़ाने का कार्य प. पू.वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज से लेकर नाना महाराज ने किया। और अब इस दायित्व को मैं निभा रहा हूं।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि सच्चे संत विनम्र, संवेदनशील और उपकारी होते हैं। ये तीनों गुण डॉ. बाबासाहेब में समाहित हैं। ऐसे संत के अमृत महोत्सव में शामिल होना सौभाग्य से कम नहीं है। हम सबकी शुभकामनाएं हैं कि डॉ. बाबासाहेब का शताब्दी वर्ष भी इसी तरह मनाया जाए। वे दिर्घायु हो, शतायु हों। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि देश में आज सनातन धर्म की ध्वजा लहरा रही है तो इसका श्रेय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को जाता है। देश में आज संघ नहीं होता तो हमारे मानबिन्दु सुरक्षित नहीं रहते और न ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण होता। उन्होंने कहा कि कलयुग के सबसे बड़े देवता श्री हनुमानजी हैं, उनकी पूजा -अर्चना रोज की जानी चाहिए।
कार्यक्रम में उपस्थित सभी भक्तों ने यज्ञ कुंड का पूजन कर आहूति दी, साथ ही यज्ञ शाला की परिक्रमा की और उसके बाद अपने गुरु बाबा साहेब का आशीर्वाद लिया। तराणेकर परिवार और सभी संतों ने खड़े होकर पूर्णाहुति दी।
‌इस मौके पर विभिन्न धार्मिक संगठनों से समाज के बाबासाहेब तराणेकर, जया ताई तराणेकर, तेजस तराणेकर, तारक तराणेकर, भाग्यश्री तराणेकर, अदिति तराणेकर, अश्विन खरे, स्वाति काशिद, प्रवीण जोशी, किरण मांजरेकर, दीपक गिरकर, स्नेहा सिंह खेड़े, राधा शास्त्री, नेहा कुलकर्णी, वैशाली शास्त्री और सभी संत उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन किशोर ग्रांडे ने किया और आभार प्रदर्शन जया ताई तराणेकर ने किया।

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