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सेंधवा में अनुसूचित जनजाति आयोग अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने की बैठक, आदिवासी नेताओं संग बनाई गौरव दिवस की रूपरेखा

सेंधवा; रमन बोरखड़े। देश में आजादी के लिए कई आदिवासी नेताओं ने अपना बलिदान दिया आजादी की लड़ाई लड़ी किंतु किसी भी आदिवासियों नेताओं के नाम इतिहास के पन्नो पर क्यों नहीं । जिन्होंने अग्रेजों से लोहा लिया मुगलों से लड़े ऐसे हमारे नेताओं का इतिहास में कोई उल्लेख नहीं हुआ । यह प्रश्न मैने जब में मप्र सरकार में मंत्री था तब तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से की उन्होंने मेरी बात सुनी और उन्होंने फिर आदिवासी नेताओं के इतिहास को सामने लाया गया ।

इसके बाद पूरे देश में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की बात होने लगी है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे संज्ञान में लेकर 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती बनाने का निर्णय लिया गया है । यह दिन आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाया जाने लगा । अनुसूचित जनजाति आयोग का भी यही काम है कि कई भी आदिवासियों के साथ गलत काम या उसका शोषण तो नहीं हो रहा है । उनके उत्थान व विकास पर ध्यान देकर कार्य करना है । साढ़े 11 करोड़ आदिवासी के लिए काम कर रहा हूं । भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को गौरव दिवस को बड़े पैमाने पर मनाएं हेतु अनुसूचित जनजाति आयोग राष्ट्रीय अध्यक्ष ने क्षेत्र के आदिवासी नेताओं के साथ बैठक कर कार्ययोजना बनाई । उक्त आयोजन पूर्णरूप से सामाजिक होकर गैर राजनीतिक होगा ।

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15 नवंबर को आदिवासी समाज के लिए गौरव का दिन है । इस दिन भगवान बिरसा मुंडा की जयंती होकर इस दिन को गौरव दिवस के रूप में मनाया जाएगा । इस हेतु अजजा आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष अंतरसिंह आर्य ने अपने सेंधवा निवास पर आदिवासी नेताओं की बैठक आयोजित की गई जिसमें आर्य ने कहा कि बिरसा मुंडा एक महान आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्हें झारखंड और बिहार के मुंडा आदिवासी समाज में ‘धरती आबा’ (धरती के पिता) और ‘भगवान’ के रूप में पूजा जाता है। आज भी बिरसा मुंडा आदिवासी समाज और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अमर नायक के रूप में याद किए जाते हैं। उनका संघर्ष अन्याय और शोषण के खिलाफ़ प्रतिरोध का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। उनकी जयंती पर ग्राम बालवाड़ी में भव्य आयोजन किया जाना है । इसको लेकर समाज के लोगों से विचार विमर्श किया गया । आर्य ने यह भी बताया कि मैने नपा अध्यक्ष बसंती बाई यादव को पत्र लिख कर सेंधवा के नये बस स्टैंड के मार्ग का नाम बिरसा मुंडा के नाम पर करने व उनकी प्रतिमा लगाने लगाने मंशा जाहिर की है । विकास आर्य ने बताया कि आदिवासी गौरव दिवस भगवान बिरसा मुंडा जयंती पर बालवाड़ी में भव्य आयोजन होगा ।

इसके लिए समिति गठित कर जिम्मेदारी सौंपी जावेगी । जयंती पर हम हमारी संस्कृति के तहत पारम्परिक वेशभूषा में कार्यक्रम में सम्मिलित होने का आव्हान किया । जीरभान नाना ने कहा कि कुछ लोग आदिवासी हिंदू नहीं हैं कहकर समाज में भ्रांतियां फैला रहे है । जिससे समाज के युवाओं में गलत मैसेज जा रहा है । यह आयोजन समाज में एकता के सूत्र में बंधेगा । इस अवसर पर जगरिया सेनानी ने भी अपनी बात रखी ।सीताराम पटेल, दरबार ब्राह्मणे, तीरजसिंह सेनानी, कांति भाई मंचासिन थे। संचालन सुनील अग्रवाल ने किया आभार शोभाराम तरोले ने व्यक्त किया ।

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