सेंधवा; वीर बलिदानी खाज्या नायक महाविद्यालय सेंधवा में डिजिटल शिक्षा पर राष्ट्रीय वेबिनार संपन्न

सेंधवा ; वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में गुरुवार को एक राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया गया है। इस राष्ट्रीय वेबिनार का विषय “राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिजिटल शिक्षा का महत्व : अवसर और चुनौतियां” था । यह राष्ट्रीय वेबीनार उच्च शिक्षा विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा प्रायोजित था। इस वेबिनार का आयोजन महाविद्यालय के रसायन शास्त्र विभाग एवं आई.क्यू.ए.सी के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत मां सरस्वती के पूजन पश्चात हुई। प्राचार्य डॉ जी एस वास्कले ने इस राष्ट्रीय वेबिनार की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह एक वर्तमान समय के लिए प्रासंगिक विषय है। इस अवसर पर मुख्य परामर्शदाता डॉ प्रमोद पंडित, प्राचार्य शासकीय नवीन आदर्श महाविद्यालय बड़वानी ने कहा कि आपने बड़ा प्रगतिशील विषय चुना है क्योंकि विषय पारंपरिक सोच कि बजाय आधुनिक और सुधारवादी विचारों का समर्थन करता है।उनके द्वारा कार्यक्रम की सफलता के लिए बधाई दी गई।
राष्ट्रीय वेबीनार के संयोजक डॉ दिनेश कनाड़े ने वेबीनार के शीर्षक का परिचय देते हुए बताया कि वर्तमान युग सूचना प्रौद्योगिकी का युग है, जहाँ ज्ञान का प्रसार डिजिटल माध्यमों से तीव्र गति से हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी तकनीक का प्रयोग अब एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन गया है। इसी संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 ने डिजिटल शिक्षा को विशेष महत्व दिया है, ताकि शिक्षा को अधिक समावेशी, गुणवत्तापूर्ण और सुलभ बनाया जा सके। उन्होंने डिजिटल शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि डिजिटल शिक्षा के माध्यम से अब कोई भी विद्यार्थी, चाहे वह किसी सुदूर गाँव में हो या महानगर में, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकता है। COVID-19 जैसी आपदाओं ने डिजिटल शिक्षा को और अधिक प्रासंगिक बनाया है। इस प्रकार, डिजिटल शिक्षा “ज्ञान आधारित समाज और आत्मनिर्भर भारत” के निर्माण की कुंजी है।
प्रथम तकनीकी सत्र के की नोट स्पीकर (मुख्य वक्ता) डॉ राजेन्द्र पाटिल, एसोसिएट प्रोफेसर शाहदा (महाराष्ट्र) रहे, जिनका परिचय वेबिनार के सहसंयोजक डॉ महेश बाविस्कर ने किया। इस अवसर पर डॉ राजेंद्र पाटिल ने पीपीटी के माध्यम से डिजिटल प्रजेंटेशन देते हुए बताया कि डिजिटल शिक्षा का केवल उच्च शिक्षा के लिए ही नहीं अपितु स्कूली शिक्षा में भी समान रूप से महत्वपूर्ण है। वर्तमान समय में कई तरह की प्रतियोगी परीक्षा से लेकर अन्य तरह की परीक्षा के कंटेंट विभिन्न पोर्टल पर उपलब्ध है। सरकारी पोर्टल पर तो यह निशुल्क उपलब्ध है। निश्चित ही ग्रामीण क्षेत्रों में तो डिजिटल शिक्षा एक अवसर है, लेकिन उन्हीं ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे बड़ी चुनौती नेटवर्क की है। साथ-साथ विभिन्न पोर्टल पर उपलब्ध कंटेंट ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम में है उसे अन्य भाषा में उपलब्ध होना भी डिजिटल शिक्षा में चुनौती है।
प्रथम तकनीकी सत्र के आमंत्रित वक्ता डॉ अनिल बेलदार एसोसिएट प्रोफेसर शाहदा (महाराष्ट्र) रहे, जिनका परिचय वेबिनार के सह-सचिव प्रो इरशाद मंसुरी ने दिया। इस अवसर पर अपना प्रजेंटेशन देते हुए डॉ अनिल बेलदार ने बताया कि शिक्षा की निरंतरता के लिए डिजिटल शिक्षा परम आवश्यक है। डिजिटल शिक्षा कहीं भी कभी भी ग्रहण कि जा सकती जो कि सुलभता, समानता और गुणवत्ता की वाहक है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में डिजिटल शिक्षा का बहुत महत्व है, क्योंकि इससे ही हम प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा ग्रहण करने के लिए सुलभता प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि स्वयं, दिक्षा, स्वयं-प्रभा, ई-पाठशाला, पी एम ई-विद्या आदि ऐसे डिजिटल प्लेटफार्म है।जिसका उपयोग विद्यार्थी कर सकते हैं। यही डिजिटल शिक्षा रोजगार मूलक, नवाचार आधारित सोच को बढ़ाती है।
द्वितीय तकनीकी सत्र में राज्य के बाहर व म प्र के विभिन्न महाविद्यालयों से जुड़े प्राध्यापकगणों द्वारा शोध-पत्र प्रस्तुतिकरण किया गया। डॉ किरण तावडे शासकीय महाविद्यालय निवाली, डॉ प्रकाश चंद्र कसेरा स्नातकोत्तर महाविद्यालय जौनपुर (उप्र), डॉ प्रियंका जैन वैष्णव महाविद्यालय इन्दौर, प्रो मीतु मोतियानी व प्रो जितेन्द्र सूर्यवंशी शासकीय महाविद्यालय सेंधवा, डॉ चंदा यादव शासकीय महाविद्यालय बड़वानी ने अपने शोध-पत्र का वाचन किया। इस राष्ट्रीय वेबीनार का डॉ मनोज तारे द्वारा सफल संचालन करते हुए बताया कि वर्तमान में पढाने और सीखने के लिए तकनीक और डिजिटल उपकरणों का उपयोग करना अनिवार्य है। यह शिक्षा छात्रों को अपनी गति और पाठ्यक्रम चुनने की सुविधा देती है। आभार व्यक्त करते हुए डॉ एम एल अवाया ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रमों के आयोजन से विद्यार्थियों व शिक्षकों को नई तकनीकी को सीखने का अवसर मिलता है। इस अवसर पर ब्रोडकास्टिग रुम में डॉ यशोदा चौहान, डॉ संतोषी अलावा, डॉ संतरा चौहान , डॉ किशोर सोलंकी, डॉ विक्रम जाधव, प्रो संजय चौहान, डॉ अखलाक खान, प्रो दीपक मरमट, प्रो विरेन्द्र मुवेल, प्रो राजेश नावडे ,प्रो शिव बार्चे, डॉ जितेन्द्र साईखेडिया, डॉ कलीराम पाटिल सहित समस्त महाविद्यालय परिवार उपस्थित था। इसके अलावा सैकड़ों प्राध्यापकगण एवं विद्यार्थी यूं टयूब लींक के माध्यम से आनलाईन जुड़े थे। यह जानकारी वेबिनार सह सचिव डॉ विकास पंडित ने दी