राजपुर व सेंधवा में भारतीय किसान संघ का सांकेतिक धरना, कपास और मक्का खरीदी को लेकर सौंपा ज्ञापन

सेंधवा-राजपुर। रमन बोरखड़े। भारतीय किसान संघ तहसील राजपुर द्वारा शुक्रवार दोपहर तहसील कार्यालय के सामने एक घंटे का सांकेतिक धरना दिया गया और ज्ञापन सौंपा गया। भारतीय किसान संघ के संभागीय सदस्य मंसाराम पंचोले, तहसील अध्यक्ष श्याम कच्छावा ने बताया कि बड़वानी जिले की नौ तहसीलों में एक ही समय पर किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान संघ द्वारा ज्ञापन सौंपे गए। ज्ञापन में प्रमुख मांगें रखी गईं, जिसमें कहा गया कि निमाड़ के किसानों के प्रति सरकार का दोगला व्यवहार जारी है। मालवा क्षेत्र के किसानों ने समय रहते जागरूक होकर सोयाबीन का भाव अंतर प्राप्त कर लिया है तथा कृषि पंप कनेक्शन के लिए चार्ज 5 रुपए करवा लिए हैं।
मुख्य मांगों में कपास की सीसीआई खरीदी शीघ्र प्रारंभ करने की बात कही गई। किसानों का कहना है कि वे 3000 से 5500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर कपास बेचने को मजबूर हैं, जिससे लागत भी पूरी नहीं हो रही। मक्का फसल को 1200 से 1500 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बेचा जा रहा है, जबकि इसका समर्थन मूल्य 2500 रुपए प्रति क्विंटल किया जाए या सोयाबीन की तरह भाव अंतर दिया जाए।
जिले में कपास, मक्का, सोयाबीन, मिर्च, प्याज एवं अन्य फसलों की हानि का सर्वे कर राहत राशि प्रदान की जाए। ग्राम ऊंची में गुरुवार रात अज्ञात जानवर द्वारा गाय को काटने से उसकी मृत्यु हो गई, जिस पर वन विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग की गई। साथ ही राजपुर तहसील की उपमंडी राजपुर, ओझर, पलसुद में मक्का खरीदी प्रारंभ करने की मांग की गई। ज्ञापन नायब तहसीलदार सज्जन सिंह वर्मा को सौंपा गया। इस दौरान राजेश साहू, छोगालाल गंधवानी, बद्री पटेल, विजय साहू, गेंदालाल रायक, अबू नायक, मुन्ना नायक सहित कई किसान मौजूद थे।
सेंधवा में किसान संघ का ज्ञापन, फसल नुकसान और खरीदी को लेकर उठाई मांगें
सेंधवा। भारतीय किसान संघ द्वारा सोमवार को तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें किसानों की समस्याओं को लेकर चर्चा की गई। ज्ञापन में मांग की गई कि सीसीआई की कपास खरीदी जल्द चालू की जाए। साथ ही सीसीई में कपास की नामी 12 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत की जाए। किसानों ने बताया कि कपास का समर्थन मूल्य 2400 रुपए होने के बावजूद मक्का मात्र 1100 से 1200 रुपए प्रति क्विंटल के भाव में बेची जा रही है, जिससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।
इसके साथ ही जिले में जिन-जिन फसलों का नुकसान हुआ है, उनका सर्वे कर राहत राशि शीघ्र प्रदान करने की मांग की गई। किसान संघ ने कहा कि लगातार गिरते भावों और फसलों की खराबी से किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं, ऐसे में शासन को तुरंत राहत नीति लागू करनी चाहिए।