
सेंधवा ; वीर बलिदानी खाज्या नायक शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय सेंधवा में बुधवार को एन एस एस का स्थापना दिवस बढ़ी गर्मजोशी के साथ मनाया गया । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व प्राचार्य एच डी वैष्णव ने कहा 24 सितंबर 1969 को एन एस एस की स्थापना हुई । तब मात्र दो विश्वविद्यालय में प्रयोग बतौर शुरू किया गया था और आज देखें तो यह उच्च शिक्षा के साथ साथ स्कूली शिक्षा में भी लागू हैं ।कारण भी है कि युवा के सहयोग के बिना हर बदलाव अधुरा है । उन्होंने कहा कि एन एस एस में राष्ट्र को सर्वोपरि माना गया है । इसी संबंध में उन्होंने कहा अपने लिए जीएं तो क्या जीएं यह दिल जीएं तो जमाने के लिए जीएं । उन्हें शिविरार्थियों से कहा कि आप सभी में वह सभी शक्तियां हैं लेकिन जरुरत है उन्हें जागृत करने कि ।मेरा आपसे कहना है कि आप को आदर्श रुप में प्रस्तुत करना है परिवार में समाज में जो सब कुछ सिखाता है एन एस एस का कार्यक्रम । उन्हें जोर देकर कहा कि आप बड़ों का सम्मान करना सिखे । उन्होंने वर्तमान में जीने की बात कही । प्राचार्य डॉ जी एस वास्कले ने स्थापना दिवस की बधाई देते हुए कहा कि एन एस एस के उद्देश्य को समझें और उसे आत्मसात करें । डॉ एम एल अवाया ने कहा कि एन एस एस के प्रतीक चिन्ह गेती, फावड़ा और तगारी का उपयोग खेती से खाद्यान्न प्राप्त करने में होता है तो उसी का उपयोग अपने श्रमबल में भी होता है ।
डॉ किशोर सोलंकी ने एन एस एस से आपको जुड़ाव आपको आपके सर्वांगीण विकास करने का मौका दे रहा है ।प्रो अरुण सेनानी ने कहा कि एन एस एस के शिविरार्थि बनने पर आपका दायित्व हो जाता है कि आप अपने आस पास के लोगों की ,समाज की समस्या को समझें और उन्हें दूर करने का प्रयास करें । तभी एन एस एस का महत्व प्रतिपादित होगा । कार्यक्रम अधिकारी प्रो राजेश नावडे ने ओएसिस वैलासी चानौद , बड़ोदरा गुजरात में 6 दिन की कार्यशाला के अनुभव शेयर किये ।इस प्रशिक्षण में वह बतौर नोडल अधिकारी के रूप में उपस्थित थे ।बताया कि हमारे महाविद्यालय का चयन मिसाल प्रोजेक्ट के रूप में हुआ है यह हमारे महाविद्यालय की उपलब्धि है ।इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य चरित्र निर्माण , लीडरशिप तैयार करना है जो यह प्रेरित कर सके कि कैसे हम दुसरो के लिए मिसाल बन सके । महाविद्यालय के पूर्व एनएसएस स्वयंसेवक अक्षय अखाड़े, सुरेश सोलंकी ने अपने विचार व्यक्त किए।

वर्तमान एनएसएस स्वयंसेवक अर्जुन डुडवे, प्रकाश सोलंकी, सुभाष बरडे ने भी विचार व्यक्त किए।इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि द्वारा एनएसएस शिविरार्थियों को बी सर्टिफिकेट प्रदान किए गये ।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के एनएनस कार्यक्रम अधिकारी प्रो सायसिंग अवास्या, डॉ संतरा चौहान, डॉ वैशाली मोरे, डॉ विकास पंडित उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन एनएसएस स्वयंसेवक रामेश्वर डुडवे ने एवं आभार आकाश चौहान ने माना।



