भारत की एमएसएमई-आधारित प्रिंटिंग, ब्रांडिंग और साइनेज इंडस्ट्री, मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 में दिखाएगी इनोवेशन का जलवा

भारत की एमएसएमई-आधारित प्रिंटिंग, ब्रांडिंग और साइनेज इंडस्ट्री, मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 में दिखाएगी इनोवेशन का जलवा
इंदौर, ।साल से अधिक की विरासत के साथ मीडिया एक्सपो नई दिल्ली 2025 संस्करण 125 से ज्यादा प्रदर्शकों को शामिल करेगा, जिनमें 20 नए एक्जीबिटर्स भी शामिल हैं। इसमें 300 से ज्यादा प्रोडक्ट्स और 200 से अधिक ब्रांड्स को 12,000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में पेश किया जाएगा। ए टी इंक्स, ब्रिटोमैटिक्स, कलरजेट, एप्सन, लिस्को, मिमाकी, मोनोटेक, मेहता कैड कैम, नेगी साइन और सत्यम प्लास्टिक जैसे प्रतिष्ठित ब्रांड्स इस एक्जीबिटर्स में शामिल होंगे।
इस साल की खास बात डिजिटल साइनेज का तेजी से उभरना है, जो इस सेक्टर में तकनीक आधारित नए और आकर्षक इनोवेशन की ओर झुकाव को दर्शाता है। इस प्रदर्शन में प्रिंट और डिजिटल तकनीकों की विरासत और उनका मिलाजुला प्रभाव दिखेगा। प्रतिभागी सीधे इनोवेशन का अनुभव कर सकेंगे, जो उद्योग को आगे बढ़ा रहे हैं।
भारत भर में प्रिंटिंग और साइनेज के व्यवसाय छोटे मोहल्ले की दुकानों से लेकर बड़े प्रेस और आउट-ऑफ-होम (ओओएच / डीओओएच) कंपनियों तक फैले हैं। ये व्यवसाय विज्ञापन, ब्रांडिंग, प्रिंटिंग और साइनेज इंडस्ट्री का मजबूत आधार हैं और देश के सबसे स्थिर एमएसएमई सेक्टर को प्रस्तुत करता है
यहाँ प्रदर्शक आकर्षक शोकेस और लाइव डेमो पेश करेंगे, जिनमें प्रिंट और डिस्प्ले टेक्नोलॉजी के नए-नए रूप दिखाई देंगे। विज़िटर्स को साइनेज सॉल्यूशन्स के साथ स्मार्ट एलईडी डिस्प्ले, प्लाज़्मा स्क्रीन, इलेक्ट्रिक साइन कॉम्पोनेन्ट्स, नीयॉन-ग्लो साइन, बिलबोर्ड और बस शेल्टर सॉल्यूशन्स, ट्रैफिक साइनेज, विज्ञापन, कियोस्क सॉल्यूशन्स, एडवांस्ड यूवी फ्लैटबेड प्रिंटर्स, रीसायक्लेबल सब्सट्रेट्स, टेक्सटाइल प्रिंटिंग सॉल्यूशन्स, प्रोटेक्टिव पैकेजिंग और नेक्स्ट- जेन लैमिनेटर्स तक देखने को मिलेंगें । ये सब मिलकर इंडस्ट्री की बदलती जरूरतों और अप्लिकेशन्स की तस्वीर पेश करेंगे। कई कम्पनियाँ इस बार बहुउपयोगी, किफायती और टिकाऊ प्रोडक्ट्स पेश कर रही हैं, जो बिज़नेस को प्रतिस्पर्धा में बढ़त देंगे। साथ ही इंटरैक्टिव डेमो और हैंड्स-ऑन एक्सपीरियंस विज़िटर्स और एग्ज़िबिटर्स के बीच जुड़ाव को और भी रोचक बनाएंगे।
मीडिया एक्सपो नई दिल्ली इस पूरे डायनमिक इकोसिस्टम को एक छत के नीचे लेकर आ रहा है। शो से पहले मेसे फ्रैंकफर्ट एशिया होल्डिंग्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और बोर्ड सदस्य , श्री राज मानेक ने कहा, “भारत का डिजिटल आउट-ऑफ-होम और साइनेज सेक्टर एयरपोर्ट्स और मेट्रो से लेकर स्मार्ट रिटेल फॉर्मेट्स और लास्ट माइल डिलीवरी नेटवर्क तक बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर बदलावों से नया आकार ले रहा है। मीडिया एक्सपो नई दिल्ली एक ऐसा अहम् प्लेटफॉर्म बन गया है, जहाँ निर्माता, प्रिंटिंग और सॉल्यूशन प्रोवाइडर्स व विज्ञापनदाता मिलकर इनोवेशन को आगे बढ़ा रहे हैं। इस एडिशन में लोकलाइज़ेशन और डिजिटलाइज़ेशन जैसे प्रमुख एजेंडा के साथ इंडस्ट्री के अगले कदम और नई तकनीकी दिशा की झलक दिखेगी।”
ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ने से पैकेजिंग की माँग रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गई है। वहीं, डिजिटल प्रिंटिंग की तरक्की ने कस्टमाइज़ेशन और पर्सनलाइज़ेशन के नए मौके खोल दिए हैं। पहले जो छोटे स्तर पर प्रोडक्शन करना घाटे का सौदा माना जाता था, अब वह तकनीक की मदद से न सिर्फ मुमकिन है, बल्कि फायदेमंद और आसान भी हो गया है। अब इंडस्ट्री सिर्फ फ्लेक्स बैनर और इनबोर्ड तक सीमित नहीं रह गई है, बल्कि एलईडी स्क्रीन, रीसायक्लेबल सब्सट्रेट्स, इको-फ्रेंडली इंक और हाई-स्पीड फिनिशिंग सॉल्यूशन्स तक फैल चुकी है, जो एक बदलते और बढ़ते सेक्टर की तस्वीर पेश करते हैं।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ऑटोमेशन, डिज़ाइन टूल्स, रियल-टाइम अपडेट्स और प्रेडिक्टिव टेक्नोलॉजी के आने से प्रिंट, डीओओएच और रिटेल डिस्प्ले की दुनिया और भी स्मार्ट, तेज़ और डेटा-आधारित बन रही है। भले ही बड़े रिटेल आउटलेट्स, मॉल्स और एयरपोर्ट्स पर डिजिटल साइनेज और आउट-ऑफ-होम विज्ञापन [VP1] ध्यान खींच रहे हों, लेकिन पैकेजिंग और ई-कॉमर्स में प्रिंट की मज़बूत पकड़ आज भी प्रिंटिंग बिज़नेस के विकास कहानी की नींव बनी हुई है।
टेकस्की रिसर्च के मुताबिक, भारत का डिजिटल साइनेज बाज़ार, जो 2024 में 1.06 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, 2030 तक बढ़कर 1.92 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच जाएगा, जिसकी सीएजीआर 10% से ज्यादा रहने की संभावना है। वहीं, भारत का डीओओएच बाज़ार, जो 2024 में 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, 2033 तक बढ़कर 6.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँचने का अनुमान है। इस तेज़ी के पीछे दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों (आईएमएआरसी ग्रुप के अनुसार) में हो रहे शहरी बदलाव बड़ी वजह माने जा रहे हैं। 2024 में 35.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का व्यावसायिक प्रिंटिंग उद्योग, 2033 तक 45.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच सकता है, जिसमें पैकेजिंग और ई-कॉमर्स सबसे बड़ा सहारा बने हुए हैं। ई-कॉमर्स की तेजी से बढ़ती माँग ने पैकेजिंग की जरूरतों को और बढ़ा दिया है, जहाँ ब्रांडिंग, नियमों के पालन और ग्राहकों से जुड़ाव के लिए प्रिंटिंग अभी भी अहम् बनी हुई है। एलईडी वीडियो वॉल और स्क्रीन, डिजिटल स्टैंडीज़ और साइनेज पहले से कहीं ज्यादा लोकप्रिय हो रहे हैं। देशभर में तेज इंफ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ, डीओओएच एक हाई-इम्पैक्ट माध्यम बनकर उभरा है, जो क्रिएटिविटी, डेटा और स्केल, तीनों को जोड़ता है।
तीनों दिनों के दौरान, आगंतुकों को 3M और इन्फिनिटी ट्रेड एंड मार्केटिंग सॉल्यूशंस इंडिया प्रा. लि. (आईटीएमएस इंडिया प्रा. लि.) द्वारा संचालित वाहन ब्रांडिंग पर लाइव मास्टरक्लास देखने का मौका मिलेगा। मीडिया एक्सपो की यात्रा उसी उद्योग को दर्शाती है, जिसे वह प्रस्तुत करता है। पिछले पाँच वर्षों में यह शो लगातार आकार और दायरे में बढ़ा है, चाहे वह आगंतुकों की संख्या हो, एग्जीबिटर्स हों या प्रोडक्ट सेगमेंट्स। तकनीकी बदलावों और नए ट्रेंड्स को अपनाते हुए इसने साइनेज, ब्रांडिंग और प्रिंटिंग क्षेत्रों में अपनी पकड़ और मजबूत की है। सस्टेनेबिलिटी पर फोकस करने वाले नॉलेज सेशंस और इको-फ्रेंडली प्रोडक्ट शोकेस के साथ यह एक्सपो हर साल और बेहतर होता गया है। मुंबई, नई दिल्ली और चेन्नई में इसके एडिशन सिर्फ भौगोलिक विस्तार ही नहीं दिखाते, बल्कि यह भी बताते हैं कि यह शो लगातार बदलती जरूरतों को समझने और पूरा करने के लिए तैयार है।
इस गति को मजबूती मिली है दिल्ली प्रिंटर्स एसोसिएशन और ऑफसेट प्रिंटर्स एसोसिएशन जैसी मजबूत इंडस्ट्री बॉडीज़ से, जो लगातार इस शो की पहुँच को बढ़ाने और इंडस्ट्री की पूरी वैल्यू चेन को सशक्त बनाने में अहम् भूमिका निभा रही हैं।