भारतीय संस्कृति में ही संभव है कि हम श्राद्ध पक्ष में अपनी गलतियों का प्रायश्चित कर दोष मुक्त हो जाएं
हंसदास मठ पर चल रहे निशुल्क तर्पण अनुष्ठान में कल से पितृ मोक्ष भागवत, 15 को स्व. सोनी की श्राद्ध तिथि

भारतीय संस्कृति में ही संभव है कि हम श्राद्ध पक्ष मेंअपनी गलतियों का प्रायश्चित कर दोष मुक्त हो जाएं
हंसदास मठ पर चल रहे निशुल्क तर्पण अनुष्ठान में कल से पितृ मोक्ष भागवत, 15 को स्व. सोनी की श्राद्ध तिथि
इंदौर, । कोई भी पितर अपनी संतान का बुरा नहीं चाहते लेकिन उनकी आत्मा की शांति एवं उनके मोक्ष के लिए हम यदि तर्पण और श्राद्ध के माध्यम से अपने कर्मों का प्रायश्चित कर सकें तो इससे श्रेष्ठ कोई काम नहीं हो सकता। भारतीय संस्कृति में ही ऐसे प्रावधान हैं कि हम अपने बुरे कर्मों या जाने-अनजाने में किए गए आचरण का प्रायश्चित कर उस दोष से मुक्त हो सकते हैं। मनुष्य को गलतियों का पुतला कहा गया है। इस स्थिति में कई बार अनजाने में भी अपने पूर्वजों के प्रति हमसे कुछ त्रुटियां हो जाती हैं। श्राद्ध पक्ष उन त्रुटियों को सुधारने का स्वर्णिम अवसर है।
ये प्रेरक विचार हैं भागवताचार्य पं.पुष्पानंदन पवन तिवारी के, जो उन्होंने एयरपोर्ट रोड, पीलियाखाल स्थित हंसदास मठ पर आश्रम के महामंडलेश्वर श्रीमहंत रामचरणदास महाराज, महामंडलेश्वर महंत पवनदास महाराज एवं अखंड धाम के महामंडलेश्वर डॉ. स्वामी चेतन स्वरूप के सानिध्य में श्रद्धा सुमन सेवा समिति द्वारा आयोजित निःशुल्क तर्पण अनुष्ठान में आए साधकों को तर्पण क्रिया कराते हुए व्यक्त किए। तिरुपति बालाजी से आए भागवताचार्य जितेन्द्र महाराज, महंत महेशानंद गिरि एवं अन्य संतों की मौजूदगी में भगवान हरि विष्णु के पूजन के साथ तर्पण का शुभआरंभ हुआ। प्रारंभ में संस्था की ओर से हरि अग्रवाल, राजेन्द्र सोनी, राजेन्द्र गर्ग, चंद्रप्रकाश गुप्ता, हरिनारायण विजयवर्गीय, अजय शंकर-रश्मि उकास, डॉ. चेतन सेठिया, जगमोहन वर्मा, मुरलीधर धामानी, सूरजसिंह राठौड़, महेन्द्र विजयवर्गीय, रामाधार सोनी, दिलीप साहू, उमेश गेहलोत, डॉ. महेश गुप्ता आदि ने वैदिक मंगलाचरण के बीच अतिथियों का स्वागत किया। अनुष्ठान में आज भी 500 से अधिक साधकों ने विधि-विधानपूर्वक अपने-अपने पितरों के प्रति तर्पण क्रिया संपन्न की। मातृशक्ति की ओर से सुश्री किरण ओझा, गीता विजयवर्गीय, चंदा तिवारी एवं राजकुमारी मिश्रा ने आरती में भाग लिया।
तर्पण के बाद निर्धनों, पशु-पक्षियों के लिए खीर प्रसाद, गौ सेवा, ब्राह्मण सेवा, देव दर्शन आदि की व्यवस्था भी यहां प्रतिदिन रखी गई है, जिन साधकों के पास तर्पण में बैठने के लिए धोती की व्यवस्था नहीं है, वे भी यहां धोती प्राप्त कर तर्पण में भाग ले सकेंगे।
*कल से पितृमोक्षदायी भागवत* – अध्यक्ष हरि अग्रवाल एवं राजेन्द्र सोनी ने बताया कि हंसदास मठ पर चल रहे तर्पण अनुष्ठान के साथ अब 14 सितम्बर से 20 सितम्बर तक पितृमोक्षदायी भागवत का आयोजन भी भागवताचार्य पं. पुष्पानंदन पवन तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से सांय 5 बजे तक होगा।
*समिति के संस्थापक मोहनलाल सोनी की श्राद्ध तिथि 15 को* – समिति के संस्थापक ब्रह्मलीन मोहनलाल सोनी की श्राद्ध तिथि के अवसर पर सोमवार, 15 सितम्बर को सुबह 8 से 10 बजे तक विशेष तर्पण एवं पुष्पांजलि का आयोजन होगा। इस दौरान उनकी स्मृति में सुबह 9.30 बजे से शहर के दो प्रमुख समाजसेवियों विष्णु बिंदल एवं हरि नारायण विजयवर्गीय को विशेष अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा। इस दिन हंसदास मठ, अखंड धाम एवं विद्याधाम पर संत एवं गोसेवा तथा संध्या को 6 बजे स्कीम 71 स्थित मूक-बधिर संगठन के बच्चों के लिए भोजन सेवा एवं पौधरोपण के कार्यक्रम भी होंगे।
14 सितम्बर से 20 सितम्बर तक पितृ मोक्षदायी भागवत कथा भी आचार्य पं. पुष्पानंदन पवन तिवारी के श्रीमुख से प्रतिदिन दोपहर 2 से 5 बजे तक होगी। जिन परिजनों को अपने पितरों के निधन की तिथि ज्ञात है, वे उस तिथि के दिन प्रातः 7.30 बजे तक घर से स्नान कर स्वच्छ श्वेत कुर्ता-पायजामा या धोती-कुर्ता पहनकर हंसदास मठ पहुंच जाएं जहां समिति की ओर से सभी व्यवस्थाएं निशुल्क रखी गई हैं, जिन्हें अपने पितरों की मृत्यु की तिथि ज्ञात नहीं है, वे सर्वपितृ अमावस्या पर शामिल हो सकते हैं।



