वेतन कटौती और अतिरिक्त प्रभार पर भड़के रोजगार सहायक, सौंपा ज्ञापन
सहायक सचिवों का संगठन वेतन कटौती और अतिरिक्त प्रभार के आदेशों को तुरंत निरस्त करने की मांग कर रहा है।

बड़वानी; रमन बोरखड़े। जिले की सेंधवा जनपद पंचायत के रोजगार सहायकों ने वेतन कटौती और सचिव विहीन पंचायतों के अतिरिक्त प्रभार के खिलाफ आवाज उठाई है। उनका कहना है कि मनमानी कटौती से काम का मनोबल गिर रहा है और सहायक सचिवों को समय पर वेतन और जिम्मेदारी मिलनी चाहिए।
वेतन कटौती और प्रभार पर संगठन का विरोध
बड़वानी जिले में सहायक सचिवों के संगठन ने वेतन कटौती और सचिव विहीन पंचायतों में अन्य सचिवों को दिया जा रहा अतिरिक्त प्रभार हटाने की मांग उठाई। संगठन के जिलाध्यक्ष दिलीप नावड़े ने कहा कि जिन पंचायतों में सहायक सचिव हैं, वहां अन्य ग्राम पंचायत सचिवों को अतिरिक्त प्रभार न दिया जाए। पहले से दिए गए प्रभार को निरस्त कर जिम्मेदारी सहायक सचिवों को ही सौंपी जाए।
वेतन कटौती से गिर रहा है मनोबल
संगठन के अनुसार सहायक सचिव 52 योजनाओं का क्रियान्वयन कर रहे हैं, लेकिन एक दिन की मीटिंग में अनुपस्थिति पर डेढ़ महीने की तनख्वाह काटी जा रही है। 55 जीआरएस की 15-15 दिन की वेतन कटौती का आदेश 29 अगस्त को जारी हुआ, जबकि मस्टर बिल 31 अगस्त को दिया गया था। इस कारण कई कर्मचारियों की 3 से 4 महीने की तनख्वाह अटक गई है।
आर्थिक परेशानी से जूझ रहे सहायक सचिव
ज्ञापन में बताया गया कि समय पर सैलरी न मिलने से आर्थिक समस्याएं बढ़ रही हैं। शासन के नियम अनुसार 1 तारीख को वेतन मिलना चाहिए, लेकिन आज तक कभी समय पर भुगतान नहीं हुआ। कर्मचारियों ने कहा कि वेतन कटौती और देरी से उनका मनोबल कमजोर हो रहा है।