आगर मालवा: बड़ौद नगर परिषद में भूचाल, 9 पार्षदों का सामूहिक इस्तीफा
भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल

बड़ौद नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। भाजपा और कांग्रेस के 9 पार्षदों के सामूहिक इस्तीफे से परिषद की राजनीति में अस्थिरता बढ़ गई है। प्रशासन की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं और परिषद के भविष्य को लेकर अनिश्चितता गहराई है।
आगर मालवा जिले के बड़ौद नगर परिषद में भ्रष्टाचार के आरोपों ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। रविवार को भाजपा के 4 और कांग्रेस के 5 पार्षदों ने कलेक्टर राघवेंद्र सिंह को सामूहिक इस्तीफा सौंपा। पार्षदों का आरोप है कि परिषद में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो रहा है, लेकिन शिकायतों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
प्रशासन पर गंभीर सवाल
पार्षदों का कहना है कि निर्माण कार्यों से लेकर बजट तक में पारदर्शिता नहीं है। पहले भी भाजपा पार्षदों ने धरना देकर भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई थी, लेकिन जांच के आश्वासन के बाद भी कार्रवाई न होने से वे नाराज़ हैं। अब इस्तीफों से परिषद में प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।
परिषद में समीकरण बदले
बड़ौद नगर परिषद में कुल 15 पार्षद हैं—9 भाजपा और 6 कांग्रेस से। इस्तीफों के बाद परिषद अध्यक्ष मंजू सचिन लवंशी के पद पर भी संकट मंडरा रहा है। परिषद के बहुमत का गणित पूरी तरह बदल चुका है, जिससे नए चुनाव या प्रशासनिक हस्तक्षेप की संभावना बढ़ सकती है।



