राजपुर में कृषि देवता भगवान बलराम जयंती धूमधाम से मनाई, किसानों ने किया पूजन और माल्यार्पण
भारतीय किसान संघ राजपुर ने बलराम जयंती को किसान दिवस के रूप में मनाया, बलराम को माना प्रथम बीज व नहर वैज्ञानिक

राजपुर। सत्याग्रह लाइव। राजपुर में भारतीय किसान संघ तहसील राजपुर द्वारा कृषि देवता भगवान बलराम की जन्म जयंती भाद्रपद शुक्ल षष्ठी पर किसान दिवस के रूप में धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम में पूजा-अर्चना, आरती, दीपदान और भगवान बलराम के जीवन चरित्र का वाचन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ
नगर राजपुर में आयोजित समारोह में पूर्व जिला अध्यक्ष और वर्तमान संभागीय सदस्य मंशाराम पंचोले तथा मोहन यादव ने मातृशक्ति के साथ भगवान बलराम की मूर्ति का पूजन-अर्चन किया। दीपदान व माल्यार्पण के बाद पंडित प्रफुल्ल महाराज ने आरती संपन्न कराई। इसके उपरांत सभी कार्यकर्ताओं ने केक काटकर भगवान बलराम का जन्मोत्सव मनाया।
बलराम का जीवन परिचय
गगाराम मगर ने भगवान बलराम का जीवन परिचय प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बलराम का जन्म भादवा सुदी षष्ठी को हुआ था और वे श्रीकृष्ण से 11 माह 17 दिन बड़े थे। वसुदेव और माता रोहिणी के पुत्र बलराम को हलधर भी कहा जाता है। वे कृषि को उन्नत करने वाले प्रथम बीज एवं नहर वैज्ञानिक माने जाते हैं। उन्होंने हल और मूसल को अस्त्र के रूप में अपनाया, जिससे खेती और दुश्मनों दोनों का संहार संभव हुआ।
राष्ट्रहित सर्वोपरि
बलराम ने राष्ट्रहित को हमेशा प्राथमिकता दी। जरासंध युद्ध में आत्म-समर्पण कर देश को संकट से बचाने का उदाहरण आज भी प्रेरणादायक माना जाता है। महाभारत के दौरान उन्होंने किसी भी पक्ष का समर्थन न कर तटस्थ रहकर राष्ट्रहित और गैर-राजनीतिक चरित्र का परिचय दिया। इसी कारण भारतीय किसान संघ ने उन्हें किसानों के आराध्य कुल देवता के रूप में अंगीकृत किया।
किसान संघ की परंपरा
भारतीय किसान संघ ने सर्वसम्मति से भगवान बलराम को कृषि का प्रतीक और किसानों का आराध्य देव मानते हुए उनके जन्म दिवस को किसान दिवस के रूप में मनाना प्रारंभ किया। तब से भादवा सुदी षष्ठी को बलराम जयंती उत्सव पूरे उल्लास के साथ मनाया जाता है।
आभार व उपस्थित किसान
कार्यक्रम के अंत में छोगालाल गंनवानी ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर किसान बंधु और समाजजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे, जिनमें राजाराम रायक, बालकृष्ण गंनवानी, राजाराम कुशवाहा, लीलाधर सोलंकी, रोहित कुशवाहा, बिसन पटेल, जितेंद्र गंनवानी, भागीरथ सुरानिया, अनिल लोनार, धन्नालाल रायक, जगदीश कुशवाहा, कैलाश गंनवानी, पप्पू कुशवाहा, जगदीश उंदले, राजेश बेडावरे, धामू गंनवानी, रमेश गंनवानी, धन्नालाल उंदले, रमेश सुरानिया सहित बड़ी संख्या में मातृशक्ति व किसान बंधु उपस्थित रहे।