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राह-वीर योजना में रास्ते में घायलों की मदद करने पर पुण्य के साथ अब रुपये भी मिलेंगे। धार बस स्टैंड पर जाकर 50 यात्री बसों में राह – वीर योजना के पोस्टर लगाए गए

घायलों की जान बचाने वालों को मिलेगा 25 हजार रुपए का इनाम, वहीं लोगों को दी समझाइश।

आशीष यादव धार

राहवीर योजना का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों को समय रहते इलाज मुहैया कराना और जान बचाने में मददगार बनने वाले नागरिकों को सम्मानित करना है। यह योजन पूरे प्रदेश में लागू की गई है। इससे पहले इस योजना में मददगार को 5,000 रुपये मिलते थे, लेकिन अब सरकार ने इसे बढ़ाकर 25,000 रुपये कर दिया है ताकि अधिक से अधिक लोग जरूरतमंदों की मदद के लिए आगे आएं। सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को “गोल्डन ऑवर” के अंदर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाना होगा। इसको लेकर अतिरिक्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय धार द्वारा सोमवार को कलेक्टर प्रियंक मिश्रा के निर्देश पर व आरटीओ ह्रदयेश यादव के मार्गदर्शन मे धार बस स्टैंड पर जाकर 50 यात्री बसों में राह – वीर योजना के पोस्टर लगाए गए एवं राह वीर योजना के लाभों के बारे में भी यात्री बस चालकों को समझाया गया की दुर्घटना के एक घंटे के भीतर घायल व्यक्ति को हॉस्पिटल पहुंचाइये और राह वीर बने और दुर्घटना में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाने वाले राह वीर को राशि 25 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र सम्मानित किया जावेगा। शासन द्वारा पुरस्कृत किया जावेगा एवं एक राह वीर को वर्ष में लगभग पांच बार पुरस्कृत किया जाएगा। दस सर्वश्रेष्ठ राह वीरों रूपये एक लाख एवं राष्ट्रीय स्तर पुरस्कार से सम्मानित एवं सड़क दुर्घटना में पीड़ितों का नगदी रहित उपचार स्कीम 2025 के तहत कैशलेश इलाज निशुल्क 1.5 लाख तक नि:शुल्क उपचार अथवा 7 दिनों तक। नि:शुल्क उपचार सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्तियों के अस्पताल पहुंचते ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा इलाज तुरंत शुरू करना अनिवार्य।

क्या होता है गोल्डन ऑवर:
योजना के अंतर्गत यदि कोई व्यक्ति सड़क हादसे में घायल व्यक्ति को “गोल्डन ऑवर” के अंदर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचा देता है तो उसे ये राशि दी जाएगी। गोल्डन ऑवर का मतलब दुर्घटना के पहले एक घंटे के भीतर व्यक्ति को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाना है। एसा करने पर उस मददगार को 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। सड़क दुर्घटनाओं में लगातार हो रही मौतों को रोकने और गोल्डन ओवर में घायलों को अस्पताल पहुंचाने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में संपन हुई कैबिनेट की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार राह-वीर योजना की शुरुआत की गई है। यह योजना प्रदेशभर में 21 अप्रैल 2025 से लागू कर दी गई है।

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क्या है राहवीर योजना की प्रक्रिया:

इस प्रक्रिया के तहत यदि कोई नागरिक घायल को सही समय पर अस्पताल लेकर जाता है और उसकी जान बच जाती है, तो अस्पताल प्रबंधन पुलिस को सूचना देगा। इस सूचना की एक प्रति संबंधित मददगार व्यक्ति को भी दी जाएगी। पुलिस इसके बाद जिला कलेक्टर को पत्र भेजेगी और फिर परिवहन विभाग उस व्यक्ति के बैंक खाते में सीधे प्रोत्साहन राशि ट्रांसफर करेगा। सरकार का मानना है कि सड़क दुर्घटनाओं में “गोल्डन ऑवर” बेहद महत्वपूर्ण होता है। यदि इस अवधि में घायल व्यक्ति को इलाज मिल जाए, तो उसकी जान बचाई जा सकती है। यही कारण है कि सरकार इस योजना के माध्यम से आम लोगों को प्रोत्साहित कर रही है कि वे दुर्घटनाग्रस्त व्यक्तियों की सहायता करें।

नगद प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति-पत्र से किया जाएगा सम्मानित:
जो भी व्यक्ति तत्परता से घायलों को अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर पहुंचाता है, उसे राह-वीर की उपाधि दी जाएगी और 25 हजार रुपए की नगद प्रोत्साहन राशि एवं प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया जाएगा। इतना ही नहीं, पूरे राज्य से चयनित राह-वीरों में से 10 सबसे योग्य राह-वीरों को राष्ट्रीय स्तर पर एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। इस तरह होगा चयन:- राह-वीर का चयन जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित एक समिति द्वारा किया जाएगा। यह समिति संबंधित थाने, अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर प्रत्येक प्रकरण की समीक्षा करेगी। मूल्यांकन समिति में कलेक्टर, एसएसपी, सीएमएचओ तथा आरटीओ शामिल रहेंगे। यह समिति मासिक बैठक में प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा कर योग्य राह-वीरों का चयन करेगी।

एक राह-वीर को साल में पांच बार मिलेगा अवार्ड:
योजना के तहत एक राह-वीर को अधिकतम पांच बार इस सम्मान के लिए चयनित किया जा सकेगा। राह-वीर की जानकारी केवल पुरस्कार हेतु उपयोग में लाई जाएगी और अन्य किसी कार्य में नहीं ली जाएगी। योजना का उद्देश्य न केवल दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर सहायता दिलाना है, बल्कि समाज में जागरूकता और मानवीय संवेदनाओं को भी प्रोत्साहित करना है।

पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय धार में लर्निंग लाइसेंस कैंप:
पीएम श्री केन्द्रीय विद्यालय धार में क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय धार द्वारा कैंप आयोजित कर लगभग 30 विद्यार्थियों के लर्निंग लाइसेंस बनाए गए। उक्त 30 विद्यार्थियों में से 20 छात्राओं के लाइसेंस निःशुल्क बने। कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय प्राचार्य श्री नीरज अस्थाना, परिवहन विभाग टीम की सदस्मा सुश्री खुशी पारया , शिक्षक प्रजापति कैलाश रामहित, संतोष नारोलिया एवं सुश्री नेहा दुबे की उपस्थिति में हुआ। विद्यालय एवं टीम का लक्ष्य लगभग 80 विद्यार्थियों के लर्निंग लाइसेंस बनाने का है जिसे अगले सप्ताह तक पूर्ण किया जाएगा।

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