मुंबई में गणेशोत्सव की शुरुआत, लालबागचा राजा के दर्शन हुए विशेष Ganeshotsav begins with first darshan of Lalbaugcha Raja
27 अगस्त को गणपति बप्पा का आगमन, लालबाग पंडाल भक्तों से खचाखच भरा

मुंबई के सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव पंडालों में से एक लालबागचा राजा का प्रथम दर्शन 24 अगस्त को भक्तों के सामने आया। जैसे ही इस साल के स्वरूप का अनावरण हुआ, पूरे पंडाल में “गणपति बप्पा मोरया” के जयकारे गूंज उठे।
✦ गणेशोत्सव की तैयारियां
गणेश चतुर्थी 27 अगस्त से शुरू हो रही है, जिसके लिए मुंबईभर में तैयारियां चरम पर हैं। हर साल की तरह इस बार भी लालबागचा राजा को देखने के लिए भक्तों का उत्साह चरम पर है। पंडाल के बाहर रविवार को सुबह से ही लंबी कतारें लग गई थीं और भक्त बप्पा की झलक पाने के लिए घंटों खड़े रहे।
✦ लालबागचा राजा की लोकप्रियता
मुंबई ही नहीं, बल्कि पूरे देश से भक्त लालबागचा राजा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। उन्हें ‘नवसाला का राजा’ और ‘मन्नत का राजा’ कहा जाता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि यहां आकर की गई प्रार्थना अवश्य पूर्ण होती है। यही कारण है कि हर साल लाखों लोग यहां पहुंचते हैं।
✦ ऐतिहासिक महत्व
लालबागचा राजा सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल की स्थापना 1934 में हुई थी। यह पंडाल दादर के परेल इलाके के लालबाग में स्थित है। इस साल पहली बार पंडाल की ऊंचाई 50 फीट तक बढ़ाई गई है, जो भक्तों के लिए एक नया आकर्षण है।
✦ सेलिब्रिटी और हस्तियों का आगमन
हर साल की तरह इस बार भी बॉलीवुड हस्तियों से लेकर उद्योगपतियों और राजनीतिक नेताओं के लालबागचा राजा के दरबार में पहुंचने की संभावना है। पिछले वर्षों की तरह इस बार भी पूरे देश की नजरें लालबागचा राजा पर टिकी हैं।
✦ श्रद्धा और उत्साह का संगम
लालबागचा राजा न केवल गणेशोत्सव का धार्मिक केंद्र हैं, बल्कि मुंबई की सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी हैं। भक्तों के जयकारों और रंगारंग सजावट से पंडाल का वातावरण भक्तिमय और उल्लासपूर्ण बना हुआ है।