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इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट: 10 हजार करोड़ की लागत से 11 स्टेशन बनेंगे, इंदौर से उज्जैन तक 45 किमी मेट्रो कॉरिडोर, 50 मिनट में पहुंचेगी मंज़िल

दिल्ली मेट्रो ने तैयार की डीपीआर, 10 हजार करोड़ का खर्च अनुमानित, फंड और जमीन की अड़चनों के बीच सीएम करेंगे समीक्षा।

इंदौर-उज्जैन मेट्रो प्रोजेक्ट का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। दिल्ली मेट्रो द्वारा की गई फिजिबिलिटी स्टडी के आधार पर तैयार डीपीआर के मुताबिक 45 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर पर लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की लागत आएगी और 11 स्टेशन बनाए जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव जल्द इसकी समीक्षा करेंगे, जिसके बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।

मेट्रो प्रोजेक्ट का खाका

इंदौर से उज्जैन तक 45 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर की डीपीआर पूरी हो गई है। इसमें करीब 10 हजार करोड़ की लागत का अनुमान है। प्रोजेक्ट के तहत 11 स्टेशन प्रस्तावित हैं और उज्जैन शहर के भीतर 4.5 किलोमीटर ट्रैक को अंडरग्राउंड रखने की योजना है। मेट्रो लवकुश नगर से शुरू होकर उज्जैन रेलवे स्टेशन तक जाएगी।

यात्रियों को समय की बचत

वर्तमान में इंदौर से उज्जैन तक पहुंचने में बस से 2 घंटे और कार से करीब डेढ़ घंटा लगता है। दोपहिया वाहन से यह समय लगभग 2 घंटे है। मेट्रो शुरू होने के बाद यह सफर केवल 45 से 50 मिनट में पूरा होगा। महाकाल मंदिर पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को भी सीधा फायदा होगा।

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कहां बनेंगे स्टेशन

डीपीआर के अनुसार मेट्रो स्टेशन भौंरासला, बारोली, धरमपुरी, तराना, सांवेर, पंथ पिपलई, निनोरा, त्रिवेणी घाट, नानाखेड़ा, उज्जैन आईएसबीटी और उज्जैन रेलवे स्टेशन पर बनाए जाएंगे। नानाखेड़ा से रेलवे स्टेशन तक का हिस्सा अंडरग्राउंड रहेगा।

फंड और जमीन की चुनौती

प्रोजेक्ट के लिए सबसे बड़ी बाधा फंडिंग और डिपो के लिए जमीन है। उज्जैन के आसपास 49.7 एकड़ सरकारी जमीन नहीं मिलने से डिपो के लिए सांवेर के पास रेवती गांव की जमीन मांगी गई है। इंदौर में पहले से मेट्रो का डिपो मौजूद होने के कारण वहां नई जमीन की आवश्यकता नहीं होगी।

लागत और तकनीकी पहलू

स्टेशनों की संख्या सीमित रखने से लागत में कमी आएगी। बताया जा रहा है कि इस मेट्रो का संचालन हाइब्रिड मोड में होगा और इसकी अधिकतम रफ्तार 135 किलोमीटर प्रतिघंटा तक होगी। सड़क मार्ग के बीच बने डिवाइडर पर एलिवेटेड पिलर खड़े किए जाएंगे, जबकि उज्जैन शहर में अंडरग्राउंड सेक्शन होगा।

ट्रैफिक पर असर

वर्तमान में इंदौर-उज्जैन के बीच लगभग 75 प्रतिशत ट्रैफिक सड़क मार्ग पर निर्भर है। मेट्रो शुरू होने से यह दबाव एक तिहाई रह जाएगा और दुर्घटनाओं में भी कमी आने की संभावना है। हालांकि, प्रोजेक्ट को पूरा होने में कम से कम 3 साल लग सकते हैं, जिससे सिंहस्थ से पहले मेट्रो शुरू होना मुश्किल माना जा रहा है।


एक नजर

  • इंदौर-उज्जैन मेट्रो की लागत 10 हजार करोड़ रुपए।

  • कुल दूरी 45 किमी, जिसमें 4.5 किमी अंडरग्राउंड।

  • 11 स्टेशन प्रस्तावित, उज्जैन रेलवे स्टेशन तक ट्रैक।

  • मेट्रो से सफर 50 मिनट में पूरा होगा।

  • डिपो के लिए सांवेर के पास रेवती में जमीन की मांग।

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