इंदौर

जिस जवानी का खून देश के काम न आए, वह जवानी बेकार- आजाद

एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका पर जैनाचार्य की निश्रा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद का ओजस्वी उदबोधन

जिस जवानी का खून देश के काम न आए, वह जवानी बेकार- आजाद

एयरपोर्ट रोड स्थित नरसिंह वाटिका पर जैनाचार्य की निश्रा में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रपौत्र अमित आजाद का ओजस्वी उदबोधन

इंदौर, ।  राष्ट्र से बड़ा और कुछ नहीं हो सकता। मां भारती हम सबकी मां भारती है।  देश को आजाद करने में अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद से लेकर अनेक क्रांतिकारियों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। यह आजादी यूं ही नहीं मिली है। खिलाफ कितने हैं फर्क नहीं पड़ता लेकिन जो साथ हैं लाजवाब है। बाज यदि चार दिन आसमान नहीं उड़ेगा तो आसमान कबूतरों का नहीं हो जाएगा। हमारे जाबांज योद्धाओं का बलिदान व्यर्थ नहीं जाने पाए, इसका ध्यान  हमें रखना है। राजनीति में आने के लिए हमें अनेक तरह के आमंत्रण और प्रलोभन मिलते रहते हैं, लेकिन हमने राष्ट्र को सर्वोपरि माना है, कुर्सी और सत्ता को नहीं। आजादी संपन्नता से नहीं संसाधनों से मिली है। जिस जवानी का खून देश के काम न आए, वह जवानी बेकार है।
ये  दिव्य विचार हैं अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद के प्रपोत्र अमित आजाद के, जो उन्होंने स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में अर्बुद गिरिराज जैन श्वेताम्बर तपागच्छ उपाश्रय ट्रस्ट पीपली बाजार, जैन श्वेताम्बर मालवा महासंघ एवं नवरत्न परिवार इंदौर के संयुक्त तत्वावधान में नरसिंह वाटिका स्थित नवरत्न वाटिका पर आयोजित विशेष कार्यक्रम ‘गाथा वीर सैनिकों की’ में उपस्थित बीएसएफ के जवानों, समाज के बंधुओं एवं विभिन्न पुरस्कार प्राप्त पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए जैनाचार्य प.पू. विश्व रत्न सागर म.सा. की निश्रा में संबोधित करते हुए व्यक्त किए। इस अवसर पर विधायक गोलू शुक्ला, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता दीपक जैन टीनू, विकास डागा, धीरज खंडेलवाल एवं अन्य समाजबंधु भी विशेष रूप से उपस्थित थे, जिन्होंने अमित आजाद को आयोजन समिति की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। कार्यक्रम में ट्रस्ट के अध्यक्ष पारसमल बोहरा,  संयोजक पुण्यपाल सुराना, कैलाश नाहर, ललित सी. जैन, दिलसुखराज कटारिया, मनीष सुराना, प्रीतेश ओस्तवाल, दिलीप मंडोवरा, शेखर गेलड़ा एवं दीपक सुराना ने भी आजाद का जोशीला स्वागत किया। इसके पूर्व सुबह सांसद शंकर लालवानी ने नरसिंह वाटिका पहुंचकर जैनाचार्य विश्वरत्न सागर म.सा. की निश्रा में ध्वज वंदन किया।
आजाद ने अपने ओजस्वी संबोधन में पहले तो इंकलाब जिंदाबाद और भारत माता के जयघोष के नारे लगवाए और फिर अमर शहीदों की गाथा सुनाते हुए अनेक रोमांचक वृत्तांत सुनाए। उन्होंने जैसलमेर बार्डर पर पहरा देने वाले सैनिकों और कारगिल में मायनस टेम्प्रेचर में ड्यूटी दे रहे सैनिकों की शौर्य गाथा भी सुनाई। अपने दादामह के साथ उन्होंने रामप्रसाद बिस्मिल, अश्फाक उल्लाह खान, भगतसिंह,महाराणा प्रताप, शिवाजी की शौर्य गाथा की इतिहास में दर्ज गाथाओं से अलग अनेक ऐसे संस्मरण भी सुनाए, जो अब तक कहीं भी सार्वजनिक नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखऱ आजाद पहले तिवारी थे। जब उन्हें 16 वर्ष की उम्र में अंग्रेजों ने पकड़कर नाबालिग होने के कारण खुली जेल में रखा, तब उन्होंने कहा कि मैं आजाद था… आजाद हूं… और आजाद रहूंगा, तब से उनका नाम चंद्रशेखर आजाद हो गया। जब उन्होंने स्वयं को प्रयागराज में स्वयं को गोली मारकर अंग्रेजों के हाथों  मरना स्वीकार नहीं किया, तब उनके पार्थिव शरीर के दूसरे हाथ में भारत माता की मिट्टी मिली थी। उन्होंने भारत माता को अंतिम समय तक माथे से लगाए रखा।  इसके पूर्व उन्हें अंग्रेजों में 20 बेंत  मारने की सजा सुनाई थी। उनसे पूछा कहां रहते हैं तो उन्होंने कहा मैं जेल खाने में रहता हूं मां का नाम आजादी हैं। पिताजी का नाम स्वतंत्र है और मेरा नाम आजाद है। ऐसे अनेक प्रेरक और रोचक प्रसंग सुनाकर अमित आजाद ने नरसिंह वाटिका में मौजूद हजारों राष्ट्रभक्तों को बार-बार भारत माता के जयघोष और वंदे मातरम के नारे लगाने पर मजबूर कर दिया। उनके उदबोधन के दौरान अनेक बार तालियां भी बजी और जय घोष के उदघोष भू गूंजे।
जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्न सागर म.सा. ने कहा कि सबसे बड़ा राष्ट्र धर्म है। राष्ट्र का अस्तित्व ही हमारे लिए सर्वोपरि होना चाहिए। देश को आजादी दिलाने में हमारे जिन रणबांकुरों ने अपनी शहादत दी है, उन्हें नमन और वंदन करते हुए हम सबका प्रथम दायित्व है। भारत भूमि का गौरव और गरिमा बनाए रखना हम सबका दायित्व है। आज हमारे बीच बीएसएफ के जवान और पूर्व सैनिकों ने आकर हमें यह संदेश दिया है कि भारत भूमि की रक्षा करना हम सबका पहला कर्तव्य है। इस अवसर पर बीएसएफ के अनेक जवान और राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त अनेक सिपाही और अधिकारी भी मौजूद थे, जिनका बहुमान शैलेन्द्र नाहर, अंकित मारू, रीतिश आशीष जैन, चंद्रप्रकाश चौरडिया, मोनिश खूबाजी एवं ऋषभ कोचर ने किया।
*आज सरस्वती पूजन* नरसिंह वाटिका पर चल रहे चातुर्मासिक अनुष्ठान में रविवार, 17, अगस्त को सुबह 9 बजे से जैनाचार्य प.पू. विश्वरत्नसागर म.सा. की निश्रा में धर्मसभा होगी। दोपहर में 2 से 4 बजे तक सरस्वती पूजन का दिव्य आयोजन होगा, जिसमें 8 से 20 वर्ष आयु तक के बालक-बालिकाएं शामिल होंगे। इन सबको आचार्यश्री द्वारा सरस्वती मंत्र प्रदान किए जाएंगे। शाम 7 बजे से श्री पार्श्व भैरव महाभक्ति का दिव्य आयोजन भी होगा। नवरत्न वाटिका में चातुर्मास के दौरान सिद्धि तप आराधना, आयम्बिल एवं अन्य साधना का उत्साहपूर्ण दौर जारी है। सोमवार, 18 अगस्त को दोपहर 1 बजे से जैन पत्रकारों का वृहद सम्मेलन भी आयोजित किया गया है।

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