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भारतीय स्वतंत्रता दिवस के सम्मान में ला ट्रोब युनिवर्सिटी और आईएफएफएम ने आमिर खान के साथ सांस्कृतिक और शोध साझेदारियों का जश्न मनाया

ला ट्रोब युनिवर्सिटी और मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव

भारतीय स्वतंत्रता दिवस के सम्मान में ला ट्रोब युनिवर्सिटी और आईएफएफएम ने आमिर खान के साथ सांस्कृतिक और शोध साझेदारियों का जश्न मनाया

ला ट्रोब युनिवर्सिटी और मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव

मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया : ला ट्रोब युनिवर्सिटी और मेलबर्न भारतीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफएम) के बीच सबसे लंबी अवधि की साझेदारी के तहत बड़े हर्षोल्लास से भारत का 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाया गया। इसमें ला ट्रोब के चांस्लर माननीय जॉन ब्रम्बी एओ और आईएफएफएम के साथ भारतीय सिने जगत के दिग्गज और मानवीय कार्य के महानायक आमिर खान शामिल हुए।

ला ट्रोब की आईएफएफएम के साथ साझेदारी 16 वर्षों से भी अधिक पुरानी है। साझेदारी और नवाचार: आमिर खान के साथ भारतीय स्वतंत्रता दिवस समारोह के इस अवसर पर मेलबर्न, ऑस्ट्रेलिया में उद्योग जगत के प्रमुख लोगों, शोधकर्ताओं और सांस्कृतिक पहचान रखने वालों को एकजुट किया गया। इसका उद्देश्य परस्पर सहयोग से तेजी से सतत विकास की संभावना तलाशना है।

ला ट्रोब युनिवर्सिटी और आमिर खान के पानी फाउंडेशन के साझा लक्ष्यों की जानकारी दी गई। ये लक्ष्य हैं सस्टेनेबल कृषि, जल संरक्षण और खाद्य सुरक्षा के प्रयास, जिनके माध्यम से समुदायों का सशक्तिकरण करना असान होगा।

विशिष्ट आयोजन में ला ट्रोब के चांस्लर के साथ विक्टोरिया के पूर्व सैन्य मंत्री, लघु व्यवसाय एवं रोजगार मंत्री तथा युवाओं के मंत्री माननीय नताली सुलेमान सांसद, नागरिकता  एवं अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा के लिए राष्ट्रमंडल सहायक मंत्री माननीय जूलियन हिल सांसद और संघीय सांसद टिम वाट्स भी उपस्थित थे।

ला ट्रोब युनिवर्सिटी ने खाद्य सुरक्षा और सस्टेनेबलिटी पर अपने सहयोगपूर्ण शोध दर्शाये। इनमें दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कृषि-तकनीकी समाधान, पानी की गुणवत्ता पर निगरानी के लिए एडवांस सेंसर और रोबोटिक्स की तकनीक और स्वच्छ गंगा नदी पहल जैसी समुदाय के मार्गदर्शन में संचालित कार्य योजनाएं शामिल थीं। इनके साथ-साथ भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कृषि व्यवसाय आपूर्ति श्रृंखलाओं को मजबूत करने के प्रयास भी शामिल किए गए थे।

उल्लेखनीय है कि इन पहलों में पानी फाउंडेशन के महत्वपूर्ण कार्यों की छवि दिखती है जो भारत के सूखा संभावित क्षेत्रों में किए जा रहे हैं। ये प्रयास वाटरशेड प्रबंधन और सस्टेनेबल कृषि कार्यों में किसानों के लिए सहायक रहे हैं।

ला ट्रोब युनिवर्सिटी के चांस्लर माननीय जॉन ब्रम्बी एओ कहते हैं, ‘‘ला ट्रोब युनिवर्सिटी का एक लंबे अरसे से भारत के साथ सहयोग संबंध रहा है और इसमें बहुत विविधता भी है। हमें इस पर गर्व है।’’

‘‘हम 16 वर्षों से भारतीय फिल्म महोत्सव के साझेदार रहे हैं और इस पूरे उपमहाद्वीप में हमारे शोध संबंध निरंतर बढ़ रहे हैं। यह पूरी दुनिया से जुड़ने, सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव डालने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता दर्शाती है। यह आयोजन इन सभी अनमोल मूल्यों का सशक्त समारोह था।’’

आईएफएफएम की निदेशक मीतू भौमिक ने भी इस आयोजन की महत्ता बताई।

‘‘हम सभी के लिए भारत का स्वतंत्रता दिवस स्वाभिमान और एकता का समारोह है। यह समारोह अपने सहयोगी ला ट्रोब युनिवर्सिटी के साथ मनाना बहुत रोमांचक अनुभव है। ला ट्रोब ने इस महोत्सव की शुरुआत से ही इसका समर्थन किया है। इस आयोजन ने सिनेमा, शिक्षा और सामुदायिक विकास के बीच सहयोग की भावना को बड़ी खूबसूरती से दर्शाया है।’’

ला ट्रोब युनिवर्सिटी के साथ आईएफएफएम की इस दीर्घकालिक साझेदारी में विद्यार्थियों के प्लेसमेंट, सांस्कृतिक कार्यक्रम और शैक्षिक सहयोग शामिल हैं।

ला ट्रोब युनिवर्सिटी ने एशियन स्मार्ट सिटीज़ रिसर्च इनोवेशन नेटवर्क (एएससीआरआईएन) का भी गठन किया है, जो पूरे भारत और विस्तृत क्षेत्र में सतत विकास और नवाचार संवर्धन कार्यों में सहयोग देता है।

ला ट्रोब युनिवर्सिटी और भारत– ला ट्रोब 2010 से ही मेलबर्न में भारतीय फिल्म महोत्सव का स्वाभिमानी साझेदारी है, जब से इसकी शुरुआत हुई। ला ट्रोब पूरी दुनिया के 1 प्रतिशत सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों में शामिल है। ’क्यूएस टॉप युनिवर्सिटीज़, 2025, क्यूएस वर्ल्ड युनिवर्सिटी रैंकिंग 2026: टॉप ग्लोबल युनिवर्सिटीज़;  वेबमेट्रिक्स, 2025, वेबमेट्रिक्स रैंकिंग जुलाई 2025

– युनिवर्सिटी के पास बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों को शिक्षा प्रदान करने का गौरवशाली रिकॉर्ड है। इसके पूर्व विद्यार्थियों में लगभग 11,000 का जन्म भारत में हुआ है। ला ट्रोब युनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया भारत संस्थान के संस्थापक सदस्यों में से एक है। साल 2020 में आईआईटी कानपुर – ला ट्रोब रिसर्च अकादमी का गठन किया गया था।  ला ट्रोब ने 2019 में एशियन स्मार्ट सिटीज़ रिसर्च इनोवेशन नेटवर्क (एएससीआरआईएन) का गठन किया और आज यह शोध कार्य के अंतर्राष्ट्रीयकरण की इसकी सबसे बड़ी पहल है, जिसमें 43 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (235 करोड़ रुपये) से अधिक का साझा निवेश है। इस साझेदारी का उद्देश्य एशियाई शहरों में सस्टेनेबलिटी, जीवनयापन स्तर और सक्षमता बढ़ाना है। इस नेटवर्क के भागीदारों में टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर (आईआईटी-के) और बिड़ला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी (बिट्स-पिलानी) शामिल हैं। इसके अंतर्गत 250 से अधिक शोधकर्ता और 70 से अधिक ज्वाइंट पीएचडी प्रोजेक्ट हैं। युनिवर्सिटी ने 2024 में अनुसंधान और नवाचार संवर्धन के लिए एक बायो इनोवेशन कॉरिडोर बनाने की घोषणा की। इसे भारत के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद और बैंगलोर बायोइनोवेशन सेंटर का सहयोग प्राप्त है।

ला ट्रोब ने 2025 में बीबीसी के साथ 12-सप्ताह का एक साझा इंड-ऑस लॉन्चपैड प्री-एक्सेलेरेटर प्रोग्राम आयोजित किया। इसका उद्देश्य प्रबल संभावना दिखाने वाले 11 भारतीय स्टार्टअप्स को एकजुट कर उन्हें गहन मार्गदर्शन, बाज़ार के लिए तैयार होने का प्रशिक्षण और सीमा-पार नेटवर्किंग की सुविधा देकर पूरी दुनिया में उनके विस्तार का प्रयास तेज करना है।

– ला ट्रोब युनिवर्सिटी 2025 में ही इग्नाइट-लैब की शुरुआत करेगी। बीबीसी के साथ इस साझा पहल का मकसद विश्व स्तर पर विस्तार कर रहे भारतीय स्टार्टअप्स को सहयोग देना है। बीबीसी-ला ट्रोब कंटिन्यूएशन प्रोग्राम (बैंगलोर) इंड-ऑस लॉन्चपैड के तहत बीबीसी के माध्यम से भारत से भागीदारी करने वाले ऑस्ट्रेलियाई स्टार्टअप्स का मार्ग प्रशस्त करेगा।

– ला ट्रोब युनिवर्सिटी को भारतीय उपमहाद्वीप के कई गणमान्य लोगों की मेजबानी का गौरव प्राप्त है। इनमें भारत की भूतपूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी, कपिल देव, मलायका अरोड़ा खान, अमिताभ बच्चन, राजकुमार हिरानी, अभिजात जोशी और हाल ही में अभिनेता, निर्माता और महिला समानता के प्रबल पक्षधर शाहरुख खान भी शामिल हैं। गौरतलब है कि ला ट्रोब द्वारा दो शाहरुख खान ला ट्रोब युनिवर्सिटी पीएचडी स्कॉलरशिप प्रदान किए गए हैं। इनसे एक बेहतर दुनिया बनाने की इच्छुक भारत की प्रतिभासम्पन्न महिला शोधकर्ताओं को बड़ा अवसर मिला है। ला ट्रोब युनिवर्सिटी ऑस्ट्रेलिया के सिर्फ दो विश्वविद्यालयों में से एक है जहां में हिन्दी पढ़ाई जाती है और एकमात्र ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय है जहां लोकप्रिय हिन्दी सिनेमा का इतिहास, संगीत और कथा प्रस्तुति जैसे विषय पढ़ाए जाते हैं।  ला ट्रोब के पुस्तकालय में भारत के 38,000 से अधिक मोनोग्राफ, जर्नल, पत्रिकाएं और सरकारी प्रकाशन हैं। यह ऑस्ट्रेलिया में इस तरह के सबसे बड़े संग्रहों में से एक है।

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