सेंधवा-बड़वानी में विश्व आदिवासी दिवस पर गूंजे ढोल-मांदल, हजारों ने निकाली रंगारंग रैली
बलवाड़ी और बड़वानी में हजारों लोगों की भागीदारी के साथ विश्व आदिवासी दिवस धूमधाम से मनाया गया, रैलियों में पारंपरिक नृत्य, गीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने मन मोह लिया।

सेंधवा/बड़वानी। सत्याग्रह लाइव। बलवाड़ी और बड़वानी में विश्व आदिवासी दिवस पर हजारों लोगों ने पारंपरिक वेशभूषा में रैलियां निकालीं। ढोल-मांदल, मादल और फैपारिया की धुन पर नृत्य करते समाज के लोगों ने सांस्कृतिक एकता और अपनी विरासत के संरक्षण का संदेश दिया।
बलवाड़ी में आदिवासी संस्कृति का भव्य प्रदर्शन
सेंधवा विधानसभा क्षेत्र के बलवाड़ी में शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस पर विशाल रैली निकाली गई, जिसमें करीब 20 हजार से अधिक लोग शामिल हुए। दस गांवों से आए लोग दोपहर एक बजे कृषि उपज मंडी में एकत्र हुए। पारंपरिक वेशभूषा और ढोल-मांदल की थाप के साथ रैली बलवाड़ी बस स्टैंड, महात्मा गांधी चौक, वरला रोड, रामदेव बाबा मंदिर और धवली रोड से होते हुए शाम साढ़े तीन बजे वापस मंडी परिसर में पहुंची।
रैली में महिलाएं, पुरुष, बच्चे और युवक-युवतियां नाचते-गाते शामिल हुए। कई युवाओं ने आदिवासी क्रांतिकारी योद्धाओं का रूप धारण किया, जो आकर्षण का केंद्र रहा। कार्यक्रम में वरला थाना प्रभारी सौरभ बाथम के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था तैनात रही।
आम सभा में जागरूकता का संदेश
मंडी परिसर में रैली आम सभा में बदल गई। कार्यक्रम की शुरुआत आदिवासी क्रांतिकारी योद्धाओं के चित्रों की पूजा और स्वागत गीतों से हुई। वक्ताओं ने समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने और संस्कृति के संरक्षण पर जोर दिया। इस दौरान सेंधवा विधायक मोंटू सोलंकी, पूर्व विधायक ग्यारसीलाल रावत, राकेश रावत, शांताराम खरते, गीलदार कन्नौजे, शांतिलाल आर्य, अमीर आर्य, निलेश तरोले, रूनीता कन्नौजे सहित बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बड़वानी में सांस्कृतिक रैली की धूम
बड़वानी जिला मुख्यालय पर भी विश्व आदिवासी दिवस उत्साह के साथ मनाया गया। इंद्रजीत छात्रावास से निकली रैली में सैकड़ों लोग पारंपरिक वेशभूषा में शामिल हुए। मादल, ढोल, फैपारिया और डीजे की धुन पर लोगों ने नृत्य किया। रैली कारंजा चौराहे, झंडा चौक और बस स्टैंड होते हुए कृषि उपज मंडी परिसर पहुंची, जहां बिरसा मुंडा, टंट्या भील, रॉबिन हुड, डॉ. भीमराव अंबेडकर और सावित्रीबाई फुले सहित महापुरुषों की पूजा की गई।
विधायक राजन मंडलोई ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिवस हमारी पहचान, संस्कृति और अधिकारों को सुरक्षित रखने का संकल्प है। उन्होंने युवाओं से अपनी जड़ों से जुड़े रहने और आधुनिक शिक्षा के साथ पारंपरिक धरोहर को आगे बढ़ाने की अपील की।