निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर पर कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ कल से–अनेक कार्यक्रम होंगे
महापौर द्वारा मंदिर से जुड़ी सड़क को जन्माष्टमी के पूर्व पूरा करने के निर्देश – भक्तों की ओर से सम्मान

निपानिया स्थित इस्कॉन मंदिर पर कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ कल से–अनेक कार्यक्रम होंगे
महापौर द्वारा मंदिर से जुड़ी सड़क को जन्माष्टमी के पूर्व पूरा करने के निर्देश – भक्तों की ओर से सम्मान
इंदौर । निपानिया स्थित अंतर्राष्ट्रीय श्री कृष्ण भावनामृत संघ (इस्कॉन) मंदिर पर जन्माष्टमी का महापर्व शनिवार, 9 अगस्त से 17 अगस्त तक धूमधाम से मनाया जाएगा। जन्माष्टमी का मुख्य महोत्सव 16 अगस्त को आयोजित होगा। इस दौरान देश-विदेश के अनेक संत-विद्वान भी महोत्सव में शामिल होंगे। गुरुवार को मंदिर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से भेंटकर उनके तीन वर्ष के सफल कार्यकाल के उपलक्ष्य में शाल-श्रीफल से उनका सम्मान भी किया । महापौर ने मंदिर से जुड़ी सड़क के आधे-अधूरे निर्माण कार्य को जन्माष्टमी के पूर्व पूरा करने के निर्देश भी दिए, ताकि मंदिर पहुंचने वाले भक्तों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो।
इस्कान मंदिर पर जन्माष्टमी महोत्सव का शुभारंभ 9 अगस्त को बलराम पूर्णिमा के उपलक्ष्य में होगा, जो 17 अगस्त तक चलेगा। 9 अगस्त को सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक पंचामृत अभिषेक के पश्चात 16 अगस्त तक प्रतिदिन शाम 4.30 से 7 बजे तक वृंदावन से आए संत हयग्रीव प्रभु के श्रीमुख से श्रीमद भागवत कथा का दिव्य आयोजन भी होगा। मंदिर पर रविवार, 17 अगस्त को सुबह 11 से 2.30 बजे तक श्रील प्रभुपाद की व्यास पूजा एवं नंद उत्सव भी मनाया जाएगा।
आज मंदिर निर्माण समिति के शैलेन्द्र मित्तल, हरि अग्रवाल एवं किशोर गोयल एवं अशोक गोयल ने इस्कॉन इंदौर के अध्यक्ष स्वामी महामनदास प्रभु के सानिध्य में महापौर से भेंट की और जन्माष्टमी महोत्सव के कार्यक्रमों का न्यौता देकर शाल-श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर उनके तीन वर्ष के कार्यकाल के उपलक्ष्य में उनका सम्मान किया। इस अवसर पर महापौर ने मंदिर से जुड़ी सड़क के आधे-अधूरे निर्माण कार्य को जन्माष्टमी के पूर्व पूरा करने हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया। इस अवसर पर अद्विधरणदास प्रभु एवं लक्ष्मणदास प्रभु सहित इस्कान के अनेक संत एवं भक्त भी उपस्थित थे। मंदिर पर जन्माष्टमी महोत्सव इस बार भी पूरे उत्साह के साथ मनाया जाएगा और अनुमान है कि उत्सव में लगभग ढाई लाख श्रद्धालु भागीदार बनेंगे। सभी व्यवस्थाएं इस अनुमानित भागीदारी के अनुरूप करने हेतु व्यापक पैमाने पर तैयारियां की गई है।