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दुर्लभ वी.वी.एफ. (वेसिकोवैजाइनल फिस्टुला) सर्जरी कर एम वाय अस्पताल मे बनाई मिसाल l

एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज

एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के डीन डा अरविन्द घंघोरिया ऐवम टीम ने दुर्लभ वी.वी.एफ. (वेसिकोवैजाइनल फिस्टुला) सर्जरी कर एम वाय अस्पताल मे बनाई मिसाल l

इंदौर। एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज के डीन एवं प्रोफेसर डॉ. अरविंद घंघोरिया और उनकी विशेषज्ञ टीम ने एक जटिल वेसिकोवैजाइनल फिस्टुला (VVF) सर्जरी कर एक महिला मरीज को एक वर्ष से चली आ रही गंभीर समस्या से राहत दिलाई।

वीवीएफ एक असामान्य स्थिति है जिसमें मूत्राशय और योनि के बीच एक छेद या कनेक्शन बन जाता है। इससे मूत्र का रिसाव होता है, जो महिलाओं के लिए बहुत असुविधाजनक हो जाता है।वीवीएफ के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें प्रसव, सर्जरी, या संक्रमण शामिल हैं।

30 वर्षीय महिला मरीज पिछले एक वर्ष से पेशाब के रिसाव की समस्या से पीड़ित थीं। जानकारी के अनुसार, एक वर्ष पूर्व मरीज की हिस्टेरेक्टॉमी (गर्भाशय निकालने की सर्जरी) हुई थी, जिसके बाद से उन्हें लगातार पेशाब के रिसाव की शिकायत थी। बुखार ,पेट दर्द ,दस्त वजन घटना ,जी मिचलाना ,उल्टी ,बार-बार योनि या मूत्र पथ में संक्रमण के भी शिकायती लक्षण थे। महिला एम.वाय. अस्पताल में परामर्श के लिए पहुंची, जहां जांच के बाद विशेषज्ञ टीम ने वेसिकोवैजाइनल फिस्टुला की पुष्टि की। ऑपरेशन के दौरान लगभग 1.5 x 1.5 सेमी का दोष मूत्राशय की पिछली दीवार और योनि की अगली दीवार के बीच पाया गया।

मेडिकल कालेज के डीन डॉ अरविंद घंघोरिया ने बताया वेसिकोवैजाइनल फिस्टुला  एक दुर्लभ बीमारी है । यह स्थिति प्रसूति और स्त्री रोग संबंधी प्रक्रियाओं के बाद एक जटिलता के रूप में हो सकती है, पहले यह सर्जरी बडे़ शहरो जैसे दिल्ली, मुंबई मे ही होती थी ऐवम इसका खर्चा भी चार से पांच लाख तक पड़ता था किन्तु अब यह इन्दौर के सरकारी अस्पताल एम वाय मे फ्री मे होती है l

डीन घंघोरिया ने बताया कि इस जटिल प्रक्रिया में छोटे चीरे के माध्यम से लैप्रोस्कोपिक विधि से ऑपरेशन किया गया, जिससे मरीज को जल्दी रिकवरी मिलने की उम्मीद है। लेप्रोस्कोपिक ट्रांसएब्डोमिनल सर्जरी के अनुसार, यह प्रक्रिया तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण होती है, परंतु सही योजना और टीमवर्क से यह सफलता संभव हुई। डॉ. घंघोरिया ने बताया कि यह लेप्रोस्कोपिक ट्रांसएब्डोमिनल ट्रांसवेसिकल वीवीएफ रिपेयर सर्जरी वीवीएफ की मरम्मत के लिए एक न्यूनतम इनवेसिव सर्जिकल प्रक्रिया है। यह पेट के रास्ते से मूत्राशय और योनि के बीच असामान्य कनेक्शन (फिस्टुला) की मरम्मत करता है। यह सर्जरी न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण होती है , बल्कि मरीज के जीवन की गुणवत्ता में भी बड़ा सुधार लाएगी।

यह दुर्लभ आपरेशन डॉ. अरविंद घंघोरिया (डीन एवं प्रोफेसर) के साथ उनकी टीम डॉ. फरीद खान, डॉ. नवीन गुप्ता एवं डॉ. कृपा शंकर तिवारी की टीम ने सफलतापुर्वक किया।

डीन डॉ घंगोरिया ने कहा चिकित्सक होना सौभाग्य की बात है एवं मानव सेवा ही माधव सेवा है और मरीजो की सेवा करना ही उनका सर्वप्रथम पहला कर्तव्य ऐवम प्राथमिकता है और एक सर्जन रुपी डाक्टर सजृनकर्ता है और वह ऐसे ही गरीब मरीजों की सेवा करते रहेगे l ज्ञात रहे कि डीन डॉक्टर अरविंद घनघोरिया एम वाय अस्पताल में प्राय: ओपीडी में मरीज को देखते भी हैं एवं मरीजों की समस्याओं का निदान भी करते हैंl

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