इंदौर

जयंतिलाल हीराचंद संघवी गुजराती इनोवेटिव कॉलेज में सत्र 2025-26 का पारंपरिक और भव्य शुभारंभ

विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन और नवाचार की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया

जयंतिलाल हीराचंद संघवी गुजराती इनोवेटिव कॉलेज में सत्र 2025-26 का पारंपरिक और भव्य शुभारंभ

कॉलेज केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक संस्कार एवं समग्र विकास का केंद्र है।

इंदौर।  जयंतिलाल हीराचंद संघवी गुजराती इनोवेटिव कॉलेज में नवप्रवेशी विद्यार्थियों का स्वागत पारंपरिक रीति-रिवाजों और भावनात्मक वातावरण में किया गया। सत्र 2025-26 की शुरुआत तिलक, पुष्पवर्षा और माँ सरस्वती के आशीर्वाद के साथ अत्यंत गरिमामय माहौल में हुई।

महाविद्यालय परिसर में माँ सरस्वती और भारत माता की विधिवत पूजा-अर्चना कर समस्त विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य और ज्ञान की प्राप्ति की कामना की गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के चेयरमैन कमलेशभाई शाह, प्राचार्य डॉ. सौरभ पारिख एवं प्रशासनिक अधिकारी डॉ. सीमा सिंह ने अपने प्रेरणास्पद विचार प्रस्तुत किए।

प्राचार्य डॉ. सौरभ पारिख ने अपने उद्बोधन में विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन और नवाचार की राह पर चलने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि कॉलेज केवल एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि एक संस्कार एवं समग्र विकास का केंद्र है।

डॉ. पारिख ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि आज का विद्यार्थी ही कल का नेतृत्वकर्ता है। उन्होंने नवप्रवेशी छात्रों से आह्वान किया कि वे अपनी रचनात्मकता, सोचने की क्षमता और सामाजिक उत्तरदायित्व को पहचानें और हर अवसर को सीखने के रूप में अपनाएं।

प्राचार्य ने यह भी उल्लेख किया कि कॉलेज विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास हेतु नवाचार, संस्कृति और मूल्यों का समन्वय करता है, जिससे वे न केवल सफल प्रोफेशनल बनें, बल्कि समाज के जागरूक नागरिक भी बनें।

“विद्यार्थियों को सिर्फ नौकरी के लिए नहीं, बल्कि समाज में बदलाव लाने वाले जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करना हमारा ध्येय है।”

प्राचार्य डॉ. सौरभ पारिख ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि शिक्षा केवल किताबी ज्ञान नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया है। उन्होंने विद्यार्थियों को आत्मविश्वास, अनुशासन और नवाचार के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। डॉ. पारिख ने संस्थान की ओर से यह आश्वासन भी दिया कि कॉलेज में विद्यार्थियों को न केवल गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, बल्कि एक ऐसा वातावरण मिलेगा जो उन्हें नेतृत्व, नैतिकता और सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए भी तैयार करेगा।

कार्यक्रम की विशेष आकर्षण रही हैं ।डप्रिंट सेरेमनी  जिसमें विद्यार्थियों ने रंग-बिरंगे रंगों से अपनी हथेलियों की छाप देकर नवीन आरंभ, एकता और रचनात्मकता का प्रतीक प्रस्तुत किया।

पूरे परिसर में उत्साह, उमंग और सांस्कृतिक ऊर्जा से परिपूर्ण यह आयोजन नवप्रवेशी विद्यार्थियों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव बन गया, जिसने उन्हें संस्थान से भावनात्मक रूप से जोड़ने का कार्य किया।

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