
शिव शंकर गंगाधर हे त्रिशूल धारी
-सांस सांस में सुमिरो गोविंद
-देती हो तुम सहारा इसलिए देवी अहिल्या तुम्हें पुकारा
इंदौर। पंढरपुरचा दरबार पांडुरंग, नीलकंठ हे अभ्यंकर है शंकर हरी, देती हो तुम सहारा इसीलिए देवी अहिल्या तुम्हें पुकारा जैसे भजनों को गाती भजन मंडलीया और पीली हरी लाल साडिय़ा हाथ में झांज मंजीरे बजाती महिलाएं और भजनों को सुनते रसिक श्रोता मौका था देवी अहिल्या बाई के 230 वे पुण्य स्मरण पर आयोजित कार्यक्रमों की श्रंखला में भजन प्रतियोगिता का जोकि उषा राजे परिसर उषा नगर पर हो रही थी। प्रथम दिवस भजन की सत्संग में 23 भजन मंडलीया शामिल हुई। गुर्जर समाज, सिंधी समाज, महाराष्ट्रीयन समाज, वाल्मीकि समाज , सिख समाज सहित अनेक समाजो कि भजन मंडलीया शामिल थी।
देवी अहिल्या उत्सव समिति के प्रतियोगिता प्रमुख अविनाश भांड, प्रकाश खानवलकर ,पुरुषोत्तम गर्ग ने बताया कि भजन प्रतियोगिता में भजन मंडलियों द्वारा शास्त्रीय वाद्य यंत्रों हारमोनियम तबला झांझ मंजीरे आदि का प्रयोग कर प्रस्तुतियां दी गई आकर्षक वेशभूषा में विशेष तैयारियों के साथ प्रस्तुत भजनों ने समा बांध दिया भजन मंडलियों ने आधुनिक प्रचलित भजनों के साथ साथ सूरदास, रसखान ,कबीर के अभंग मराठी भजनो की मनमोहक प्रस्तुतियां दी।
*श्री राम जी की मूर्ति सामने रखकर गए भजन*
मावली भजन मंडली ने जन्म सफल होगा रे बंदे मन में राम बसा ले सुनाया तो राम भजन कर मन गा रही भजन मंडली ने श्री राम जी की मूर्ति सामने रखी और श्रद्धापूर्वक भजन का गायन किया । एक छोटी सी बच्ची मां अंबे का रूप धारण करके स्नेहाकिंत भजन मंडली के साथ आई और उन्होंने गाया अंबे जगत जननी गुण गाऊ बड़ा सुंदर दृश्य प्रस्तुत कर रहा था। स्वराली भजन मंडली ने सुंदर स्वरों में गणपति की आराधना करते हुए गाया आले रे गणपति आज द्वारी वे। इस दौरान उज्जैन से प्रतियोगिता में भाग लेने आई दो भजन मंडलियों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। सिख समाज के भजन मंडली ने गाया सांस सांस में सुमिरो गोविंद वही सिंधी समाज से आई भजन मंडली ने गाया झूलेलाल जाखे झूलन झाइयां।
अहिल्या उत्सव समिति के शीला घूमनर ।सिद्धार्थ केदारे एवं सुधीर देड़गे ने बताया कि कार्यक्रम का शुभारंभ देवी अहिल्या को पुष्प अर्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ आज मुख्य अतिथि के रूप में परम पूज्य अन्ना महाराज महेश जी गुप्ता दीपक बाबा एवं उमेश जी होलकर शामिल थे अतिथियों का परिचय प्रकाश परवानी ने दिया। अतिथियों ने अपने उद्बोधन मां अहिल्या को सच्चे अर्थों में जनसेवक बताया और कहा कि ऐसा कोई तीर्थ नहीं है जहां पर मां अहिल्या ने शिव मंदिर का निर्माण न कराया हो । अतिथियों का स्वागत अनिल भोजे ,सौरभ खंडेलवाल वंदना महस्कर दीप्ति शिंदे मोनिका सबनीश पदमा भोजे शुभम थोराट ने किया। निर्णायक के रूप मे लतिका सिंन्हा एवं मनोज खरगोनकर थे। 2 अगस्त को हुई भजन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्वराली भजन मंडली द्वितीय स्थान श्री विसावा भजन मंडली तृतीय स्थान स्वरगंधा भजन मंडली एवं प्रोत्साहन पुरस्कार रामदूत, गीतांजलि एवं अवंतिका भजन मंडली को दिया गया । संचालन तृप्ति त्रिवेदी ने किया एवं आयोजन में योगेश लाभते मोनिका शबनीश प्रमोद पाल भी मौजूद थे।
कार्यकारी अध्यक्ष अशोक डागा ,मीडिया प्रभारी नितिन तापड़िया, एवं राम मुदडा ने बताया कि 6 अगस्त को को सुबह 11बजे से वैष्णव स्कूल राजमोहल्ला पर लोक नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा।