लड्डू गोपाल के दर्शनार्थ अग्रवाल नगर में उमड़ रहे श्रद्धालु
सिवनी मालवा से सुबह इंदौर आए बाल स्वरूप ने चाय और दूध पान के बाद भक्तों को दिए दर्शन, आज लगाएंगे 56 भोग

लड्डू गोपाल के दर्शनार्थ अग्रवाल नगर में उमड़ रहे श्रद्धालु
सिवनी मालवा से सुबह इंदौर आए बाल स्वरूप ने चाय और दूध पान के बाद भक्तों को दिए दर्शन, आज लगाएंगे 56 भोग
इंदौर। लंबी प्रतीक्षा के बाद सिवनी (छिंदवाड़ा) के प्रख्यात लाड़ले बाल रूप श्रीकृष्ण अर्थात लड्डू गोपाल सिवनी से अग्रवाल नगर स्थित सिंघल निवास (विक्रम टावर के पीछे) पर पूरे लवाजमे के साथ पहुंचे तो सैकड़ों श्रद्धालुओं ने उनकी अगवानी की।
वरिष्ठ समाजसेवी विनोद-नीना अग्रवाल ने गोविंद संतोष सिंघल एवं संतोष-उर्मिला गोयल के साथ लड्डू गोपाल की चाय-दूध सेवा की क्रिया संपन्न की और लड्डू गोपाल का अभिषेक-पूजन भी किया। सिंघल निवास पर दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही, जिनमें कुछ ऐसे भक्त भी शामिल थे, जिनके यहां पूर्व में भी लड्डू गोपाल रह चुके हैं। उनकी मान्यता भी यही है कि प्रतिमा होने के बावजूद लड्डू गोपाल को जब गोद में लिया जाता है तो लगता है कि उनके अंदर से तरंगें निकल रही हैं, जो स्पष्ट महसूस होती है। सिंघल निवास पर लड्डू गोपाल 29 जुलाई तक प्रतिदिन सुबह-शाम दर्शन देंगे।
कार्यक्रम के सूत्रधार अग्रवाल समाज केन्द्रीय समिति के पूर्व अध्यक्ष गोविंद-संतोष सिंघल ने बताया कि इस दौरान लड्डू गोपालजी की विशेष सेवा, भोग, श्रृंगार एवं दर्शन जैसे आयोजन होंगे। आज शाम को भजन गायक संदीप वैष्णव द्वारा भजन संध्या की प्रस्तुति के बीच सैकड़ों भक्तों ने लड्डू गोपाल की गोद सेवा का पुण्य लाभ उठाया। पुराने भक्तों का दावा है कि ये वही लड्डू गोपाल हैं, जो एक समय नन्हें रूप में प्रकट हुए और फिर भक्तों के भाव तथा सेवा से प्रसन्न होकर तिल-तिल करके अपना आकार बढ़ाते चले गए। इस बार भी जिन भक्तों ने इनकी गोद सेवा की, उन्हें भी यह अनुभूति हुई। इनमें इंदौर के गोयल परिवार के किशोर गोयल और उनके परिजन भी शामिल हैं, जिनके यहां लड्डू गोपाल पहले भी पधार चुके हैं। उनका अनुभव है कि लड्डू गोपाल को नन्हें शिशु की तरह रखना होता है और उनकी पूरी दिनचर्या अबोध शिशु की तरह ही निभाना होती है। वे दूध भी पीते हैं और बच्चे की तरह अन्य नैसर्गिक क्रियाएं भी करते हैं। मान्यता है कि वे जहां रहते हैं, वह स्थान वृंदावन बन जाता है, जहां भक्ति की सुगंध, भजन की गूंज और प्रेम की भावना निरंतर प्रवाहमान बनी रहती है।
अग्रवाल नगर स्थित सिंघल निवास पर आने वाले भक्तों से आग्रह किया गया है कि वे लड्डू गोपाल को स्पर्श किए बिना अपने मन के पवित्र भावों से उनके हृदय को छूकर स्वयं के जीवन को धन्य बनाएं और उनकी अदभुत लीला को स्वयं अनुभूत करें। सोमवार, 28 जुलाई को लड्डू गोपाल को 56 भोग समर्पित किए जाएंगे तथा 29 जुलाई को झूला महोत्सव के पश्चात उनके साथ फूलों की होली भी खेली जाएगी।