इंदौर

अहिल्या उत्सव में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

युवा समाज की समस्या को अपनी समस्या नहीं मानता

*युवा समाज की समस्या को अपनी समस्या नहीं मानता*

*आज का युवा सामाजिक समस्याओं को तकनीकी ज्ञान से दिशा दे रहा है*

अहिल्या उत्सव में वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन

इंदौर। आज का युवा समाज की समस्या को अपनी समस्या नहीं मानता वह स्वयं के विकास पर ध्यान दे रहा है वह स्वयं प्रतिस्पर्धा में तो सफलता प्राप्त कर रहा है लेकिन समाज के लिए उसका योगदान नगण्य सा हो चला है हमारा देश युवाओं का देश है आज 65% से अधिक जनसंख्या युवाओं की है उसकी उदासीनता समाज को पतन की ओर ले जा रही है अत्याचार बलात्कार के अलावा 10 लाख बेटियां गर्भ में ही मार दी जा रही है आनको बेटियों पर प्रतिदिन बलात्कार हो रहे हैं युवा स्वयं उदासीन होकर समस्या को अन्जाम तक पहुंचने में असफल हो रहे हैं नशे में और शिक्षा के अधंकार में डूबी यह युवा पीढ़ी अरुचि और निष्कीयता और सोशल मीडिया के नशे में भी डूबी हुई है उनमें उत्साह की कमी देखी जा रही है और यह उदासीनता समाज को भारी पड़ रही है ।उपरोक्त विचार आज अहिल्या उत्सव समिति द्वारा देवी अहिल्या के 230 वे पुण्य समारोह पर आयोजित प्रतियोगिताओं की श्रृंखला में वाद विवाद प्रतियोगिता के विषय “युवाओं की उदासीनता ही सामाजिक कुरीतियों एवं समाज के पतन का कारण है “के पक्ष में बोलते हुए प्रतिभागियों ने व्यक्त किया ।प्रतिभागियों ने कहा कि आज का युवा ट्विटर पर ट्वीट करना तो जानता है लेकिन पड़ोस में होने वाले बाल विवाह का विरोध नहीं कर पाता। वह सोचता है मेरे अकेले के बोलने से क्या होगा।

वहीं विपक्ष में बोलते हुए प्रतिभागियों ने कहा आज का युवा समाज में बदलाव लाना चाहता है वह प्रश्न पूछता है कुरूतियों के प्रति अपने विचार व्यक्त करता है उन युवाओं के बारे में नहीं सोचना चाहिए जो गलत रास्ते पर चल पड़े हैं हमें उन्हें युवाओं के बारे में बात करना चाहिए जो सही रास्ते पर चलकर समाज को दिशा दे रहे हैं। युवाओं की शक्ति समाज के प्राण होते हैं समाज में भ्रष्टाचार जाती पाती भेदभाव मैं युवाओं का कोई योगदान नहीं है।जब राजनीति भ्रष्ट है तो दोष बीज का नहीं होता मिट्टी का भी देखा जाना चाहिए युवाओं में संस्कार भी देना जरूरी है। टेक्नोलॉजी का उपयोग समस्याओं के समाधान में आज युवा खूबसूरती से कर रहा है उन्हें रोजगार का भरोसा देना पड़ेगा उन्हें सशक्त बनाना चाहिए तभी वह समाज को दिशा दे पाएंगे आज युवा उदासीनता का शिकार नहीं है उनके सवाल उठाने पर उन पर मुकदमे लादे जाते हैं ।पक्ष में आवाज उठाने पर अपमानित किया जाता है लेकिन फिर भी वह अपने सामाजिक दायित्वों को पूरा करने से पीछे नहीं हटते हैं।

अहिल्या उत्सव समिति के योगेश लाभांते एवं पंकज उपाध्याय ने बताया की इस आयोजन में कुल 40 स्कूलों ने भाग लिया इसमें हर स्कूल को एक कोड नंबर दिया गया था स्कूलों के प्रतिभागियों को तीन अलग-अलग कमरों में विभाजित किया गया और प्रत्येक कमरे में दो निर्णायक मौजूद थे प्रत्येक कमरे से 6 विद्यार्थियों को चुना गया एवं अंतिम दौर में इन्हीं चुने हुए विद्यार्थियों से विजेता चुने गए। अंतिम दौर के निर्णायकों के रूप में प्रणामिका तिवारी, सुबोध कांटे एवं देवेंद्रअत्रे थे। पक्ष में प्रथम पुरस्कार आकृति हिमांशु वर्मा द्वितीय दिव्यांशी तिवारी तृतीय डिंपी सोनार रही वहीं विपक्ष में प्रथम वृक्ष अवस्थी द्वितीय प्रथम तिवारी एवं तीसरा पुरस्कार रजत रघुवंशी रहे।

इसके पूर्व कार्यक्रम की शुरुआत अतिथि श्री सोनाली नरगुंडे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के जर्नलिज्म विभाग प्रमुख, सामाजिक कार्यकर्ता अशोक अधिकारी ,इल्वा स्कूल कमेटी के अध्यक्ष अजय नागोरिया, बोर्ड के सदस्य सौरभ खंडेलवाल एवं प्राचार्य संजय मिश्रा अहिल्या उत्सव की सचिव शरयु वाघमारे द्वारा देवी अहिल्या के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुई इस अवसर पर बोलते हुए सोनाली नरगुंडे ने कहा कि बच्चों आज यह मंच तुम्हारा है तुम्हें अपने विचार रखने की पूरी स्वतंत्रता है उन्होंने कहा हमें अपनी भाषा देश मिट्टी से प्रेम करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन ग्रीष्म त्रिवेदी ने किया वह अंत में आभार कंचन गिद्वानी ने माना। इस अवसर पर मोनापाल ,वर्षा शर्मा, सीमा नायर, अर्चना गोसर, अनीता लाभांटे, भुसारी ,निलेश उपाध्याय, सुमित त्रिवेदी वर्षा शर्मा मौजूद थे।

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