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“महाकाल मंदिर के पुजारियों और अधिकारियों के बीच सवारी को लेकर तकरार, पूजा कर्मियों ने विरोध की दी चेतावनी”

श्रावण महीने के पहले सोमवार को महाकाल मंदिर की सवारी में हुई 30 मिनट की देरी को लेकर पुजारियों और प्रशासन के बीच विवाद गहराया। पुजारियों ने अधिकारियों पर आरोप लगाए और माफी की मांग की, अन्यथा काली पट्टी बांधकर विरोध करने की चेतावनी दी।

उज्जैन: महाकाल मंदिर में श्रावण महीने के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी में 30 मिनट की देरी ने विवाद खड़ा कर दिया। सवारी में देरी के लिए मंदिर समिति ने जिम्मेदारी कहारों (पालकी उठाने वाले) और पुजारियों पर डाली, जिससे महाकाल मंदिर के पुजारी नाराज हो गए। पुजारियों ने कहा कि अगर प्रशासन ने इस मुद्दे पर माफी नहीं मांगी, तो वे अगली सवारी में काली पट्टी बांधकर विरोध करेंगे।

श्री महाकालेश्वर मंदिर पुजारियान समिति के महामंत्री महेश पुजारी ने बताया कि महाकाल की सवारी के दर्शन के लिए श्रद्धालु देश-विदेश से आते हैं और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि सवारी को समय पर और बिना किसी रुकावट के चलने दिया जाए। हालांकि, जब प्रशासन और पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में असफल रहते हैं, तो उन पर दोष मढ़ना अनुचित है।

सेल्फी लेने से हुई देरी
महेश पुजारी ने आरोप लगाया कि सवारी के दौरान कई नेता, अधिकारी, पुलिसकर्मी और बहरूपिए पालकी के साथ सेल्फी लेते दिखे, जो सवारी की गति को प्रभावित करते हैं। पालकी के साथ चलने वाले भजन मंडलियां, बड़ी गाड़ियां, डीजे और अन्य झांकियां भी सवारी की गति को धीमा करने के कारण बनीं। इन सभी लोग सेल्फी के लिए भीड़ में घुसकर सस्ता प्रचार करते हैं, जिनमें कई बार अधिकारी भी शामिल होते हैं।

अधिकारियों पर आरोप
पुजारियों ने कहा कि ये लोग सवारी की गति और माहौल को प्रभावित करते हैं, और इसके कारण पालकी के आगे चलने वालों की वजह से देर होती है। महेश पुजारी ने यह भी कहा कि प्रशासन ने इस मुद्दे पर सही ध्यान नहीं दिया और पुजारियों तथा कहारों पर आरोप लगाकर उनकी भावनाओं को आहत किया है।

सवारी को नियंत्रित करने की आवश्यकता
पुजारियों ने प्रशासन से मांग की है कि सवारी के दौरान व्यवधान डालने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए उचित कदम उठाए जाएं।

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