इंदौर

तिरंगे का जन्म समारोह पूर्वक शासकीय अहिल्या पुस्तकालय में मनाया गया

तिरंगे का जन्म बाईस जुलाई सन उन्नीस सौ सैंतालीस को हुआ था

तिरंगे का जन्म बाईस जुलाई सन उन्नीस सौ सैंतालीस को हुआ था

-तिरंगे का जन्म समारोह पूर्वक शासकीय अहिल्या पुस्तकालय में मनाया गया

इंदौर। तिरंगे का जन्मोत्सव बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि हमारे राष्ट्र ध्वज तिरंगे का जन्म , अवतरण किस दिन हुआ था ?
तिरंगे का जन्म बाईस जुलाई सन उन्नीस सौ सैंतालीस को हुआ था ।इसी तिरंगे का जन्म मध्य प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहलाए जाने वाले , देश में स्वच्छता के सिरमौर और स्मार्ट सिटी इंदौर में समारोह पूर्वक शासकीय अहिल्या पुस्तकालय में मनाया गया ।

छब्बीस जनवरी और पंद्रह अगस्त क्यों मनाया जाता है ? यह लगभग सभी लोग जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि हमारे राष्ट्र ध्वज का भी जन्म हुआ था ..। जी हां हमारे देश की आन बान और शान तिरंगे का जन्म बाईस जुलाई को सन उन्नीस सौ सैंतालीस को हुआ था ।
इंदौर शहर में विगत कई वर्षों से सेवा निवृत्त डी एस पी रवि अतरौलिया ने तिरंगा अभियान चला रखा है , और तिरंगे का जन्मोत्सव मनाते हुए लोगों को इस तिरंगे के जन्म को भी समारोहपूर्वक स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस की तरह मानने के लिए अभियान चलाए हुए हैं ।
इसी के तहत इंदौर के शासकीय अहिल्या पुस्तकालय में शिक्षाविद् ग्रंथपाल श्रीमति लिली डावर के दिशा निर्देशन में आध्यात्मिक धर्म गुरुजनों द्वारा तिरंगे के पूजन और महाआरती के साथ रवि अतरौलिया जी सहित गणमान्य नागरिकों विद्यार्थियों की मौजूदगी में ध्वजारोहण किया गया ।
प्रबुद्धजनों ने तिरंगे के विषय में प्रभावी उद्बोधनों दिया गया ।आभार प्रदर्शन श्रीमति लिली डावर द्वारा किया गया ।

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