जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम और बधाओ का सामना संयम से करें —–पूज्य धैर्य प्रभा श्रीजी
वज्र पंजर स्तोत्र का सामूहिक पाठ, सैकड़ो जन बने सहभागी

वज्र पंजर स्तोत्र का सामूहिक पाठ, सैकड़ो जन बने सहभागी
इंदौर । जीवन में लक्ष्य प्राप्ति के लिए कठिन परिश्रम व बधाओँ को पार करने में असहनीय दुख सहन कर लेगे तो लक्ष्य प्राप्ति के निकट पहुंच सकेंगे। आवश्यकता से ज्यादा ख़ुशी या सुख भी मृत्यु का कारण बन जाता है। अगर आज आपके पास धर्म करने के लिए समय नहीं है तो वह दिन भी आएगा जब धर्म के पास भी आपकी रक्षा के लिए समय नहीं होगा, इंसान के जीवन में कर्म प्रधान होते हैं। माता सीता के वनवास समाप्ति के बाद राज भवन में लौटने के बाद भी उनके कर्मों ने उनका पीछा नहीं छोड़ा।
श्वेतांबर जैन संत दिवाकर मुनि जी शिष्या पूज्य धैर्य प्रभा श्री जी मसा ने मालगंज के पास जंगमपुरा स्थित श्री श्वेतांबर जैन पदमावती पोरवाल संघ भवन में साधकों ओर समाज जनों के मध्य व्यक्त किए । यह निर्मित दिवाकर दरबार में विजय नगर (कर्नाटक ) में पूर्व हुए घटना क्रम का उल्लेख करते कहा कि जैन संतों ने घोर यातनाएं सहकर भी जिनशासन की रक्षा की। धर्म सभा में बड़ी संख्या में श्रावक श्राविकाओं ने उपस्थिति दर्ज करवाई। इससे पूर्व सभी ने चमत्कारी वज्र पंजर स्त्रोत का सामूहिक जप किया। संघ अध्यक्ष विनोद जैन, मंत्री कमल जैन, प्रचार प्रमुख मुकेश जैन ने बताया कि साध्वी धैर्य प्रभा जी के साथ यहाँ धृतिप्रभा (सीतू ) जी, धीरप्रभा जी, धार्मिकप्रभा जी व धार्वी प्रभा श्री जी ने भी सम्बोधित किया । इन सभी कि निश्रा में प्रतिदिन जप तप की क्रियाओं का संचालन किया जा रहा है। शासन से संबंधित विषय पर प्रश्नोत्तरी भी आयोजित की जा रही है। इस अवसर पर साध्वी वृंद के सांसारिक माता पिताओं का चातुर्मास समिति की ओर से बहुमान किया गया।