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बड़वानी में मलेरिया रोकथाम को स्वास्थ्य अमला सक्रिय, गांवों में दी साफ-सफाई और बचाव की समझाइश

गांवों में स्वास्थ्य विभाग ने किया मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण, बचाव व रोकथाम का सुपरविजन, आशाओं को दी ट्रेनिंग।

बड़वानी। बड़वानी जिले में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया से बचाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने गांव-गांव जाकर जनजागरूकता अभियान चलाया। डॉ. सुरेखा जमरे के निर्देशन में आशा कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग दी गई और ग्रामीणों को साफ-सफाई के प्रति सजग किया गया।


 बड़वानी जिले में मलेरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सुरेखा जमरे के निर्देशन में गांव-गांव पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवति, उप स्वास्थ्य केन्द्र पिछोडी, ग्राम सिरसानी, ग्राम मोरकट्टा के धामनिया फलिया में फील्ड विजिट कर संभावित बुखार के मरीजों की स्थिति का सुपरविजन किया गया।

सुपरविजन और बैठकें

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवति में ओपीडी सुपरविजन के दौरान मेडिकल अधिकारी से मौसमी बीमारियों व बुखार के मरीजों पर चर्चा की गई। वहीं ग्राम सिरसानी में समीक्षा बैठक लेकर सेक्टर सुपरवाइजर, आशा सहयोगी, आशा कार्यकर्ताओं से मलेरिया सहित वाहक जनित रोगों के सर्विलांस की जानकारी ली गई। इसके अलावा आशाओं को हैंड्स ऑन ट्रेनिंग भी दी गई।

ग्रामीणों को दिया गया जागरूकता संदेश

ग्राम मोरकट्टा के धामनिया फलिया में टीकाकरण सत्र के सुपरविजन के साथ ग्रामीणों को बताया गया कि मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से और डेंगू/चिकनगुनिया मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है, जो साफ पानी में पनपते हैं। इसके लिए घर-घर में साफ-सफाई रखने, पानी के बर्तनों, कूलर आदि को प्रति सप्ताह साफ करने की सलाह दी गई।

मच्छरों से बचाव के घरेलू उपाय

ग्रामीणों को मच्छरों से बचने के उपाय भी बताए गए। जैसे –

  • मच्छर भगाने वाली क्रीम का शरीर के खुले हिस्सों पर लेप करें।

  • रात में नीम की पत्तियों का धुआं करें।

  • पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें।

  • मच्छरदानी का उपयोग करें।

  • पानी भरे स्थानों में जला हुआ इंजन ऑयल या मिट्टी का तेल डालें ताकि लार्वा नष्ट हो।

रोग नियंत्रण में जनभागीदारी जरूरी

डॉ. जमरे के मार्गदर्शन में बताया गया कि हमारी जागरूकता ही मलेरिया व डेंगू से बचाव का सबसे सशक्त तरीका है। सतत निगरानी और साफ-सफाई के जरिये ही इन बीमारियों पर नियंत्रण संभव है।

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