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शिव महापुराण कथा में गणेश विवाह की भव्य झांकी, उमड़ा भक्तों का सैलाब

सेंधवा। सत्याग्रह लाइव। श्री राजराजेश्वर मंदिर में शिव महापुराण कथा के छठवें दिन काशी से आए स्वामी आशुतोषानंद गिरि ने गणेश विवाह का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया। रिद्धि-सिद्धि संग विवाह की सजीव झांकी देख श्रद्धालु आनंदित हो उठे।

सावन माह में श्री राजराजेश्वर मंदिर में जारी शिव महापुराण कथा के छठवें दिन काशी से पधारे स्वामी आशुतोषानंद गिरि महाराज ने गणेश जी के विवाह का भावपूर्ण प्रसंग सुनाया। गणेश जी का विवाह ब्रह्मा जी की मानस पुत्री रिद्धि-सिद्धि से होने का उल्लेख कर महाराज श्री ने बताया कि इससे शुभ और लाभ नामक दो पुत्रों का जन्म हुआ।

काशी खंड का विस्तार से वर्णन, श्रोताओं ने पूछे प्रश्न

महाराज श्री ने काशी खंड का विस्तृत वर्णन किया और श्रोताओं द्वारा लिखित प्रश्नों का सुंदर समाधान भी दिया। उन्होंने शिवजी की पूजा पद्धति, बिल्व पत्र की महिमा और शिव प्रसाद की मर्यादा का ज्ञान कराया। उन्होंने बताया कि बिल्व पत्र यदि उपलब्ध नहीं हो तो पुनः धोकर शिवजी को चढ़ा सकते हैं।

तीर्थों की महिमा और पापों का नाश

महाराज ने कहा कि तीर्थ स्थानों पर किए गए पाप केवल परिक्रमा से ही नष्ट होते हैं, वहीं अन्य तीर्थ में जाकर किए पाप मिट जाते हैं। प्रथम ज्योतिर्लिंग सोमनाथ की कथा भी बड़े प्रेम से सुनाई।

भजनों पर थिरके श्रद्धालु, नगर का उमड़ा प्यार

‘हम तो बाबा के भरोसे चलते हैं, खुश हो जाए महादेव हर ठाठ देता है’ जैसे भजनों पर श्रद्धालु नाचते नजर आए। नगरवासियों के स्नेह और स्वागत से महाराज भाव विभोर हो उठे। राधे राधे ग्रुप, मारवाड़ी महिला मंडल, अरुंधती मंडल, भाजपा महिला मोर्चा, सोनी समाज महिला मंडल, सखी एकता संगठन, किराना एसोसिएशन, मातृशक्ति मंडल सहित कई संस्थाओं ने भव्य स्वागत किया।

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